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छप्पय
आयेगी वह सदी जब , जल कारण हों युद्ध ,
सदियों पहले भी हुए , जल के कारण युद्ध
उन्नत मानव हुआ ,प्रकृति -सह भाव बनाया ,
कुए ,बावडी ,ताल बने ,जन मन हरषाया ।
निज हित में जो नाश प्रकृति का मनुज करता नहीं ,
जल कारण फ़िर युद्ध !यह बात सोच सकता कहीं ॥
छप्पय
आयेगी वह सदी जब , जल कारण हों युद्ध ,
सदियों पहले भी हुए , जल के कारण युद्ध
उन्नत मानव हुआ ,प्रकृति -सह भाव बनाया ,
कुए ,बावडी ,ताल बने ,जन मन हरषाया ।
निज हित में जो नाश प्रकृति का मनुज करता नहीं ,
जल कारण फ़िर युद्ध !यह बात सोच सकता कहीं ॥
बहुत बढ़िया लिखा है आपने!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है आपने
ReplyDeletebahut bagiya likha hai aapne
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