मैं आज सुबह लखनऊ - कानपूर से वापस आया हूँ, वहां काम के सिलसिले मे अक्सर जाना होता है । मैं मंगलवार की रात को आगरा से मथुरा - पटना एक्सप्रेस से चला था अचानक जाना पड़ा इसीलिए रिज़र्वेशन नही था तो जनरल बोगी मे सफर किया । जनरल बोगी की हालत बहुत ख़राब है उसमे बैठने के लिए ९० सीट होती हैं, ऊपर की तरफ़ एक बर्थ होती है जिस पर लोग सो जाते हैं या फिर अपना सामान रख लेते है जब भीड़ ज्यादा होती है तो वहां पर लोग बैठ जाते है, आमतौर पर लेटने की जगह नही मिलती है बैठकर ही जाना पड़ता है । परसों भीड़ कुछ कम थी इसलिए चार लोगो की एक सीट पर छह लोग बैठे थे, ऊपर की बर्थ पर तीन लोग बैठे थे, और बाकी जो बचे थे वो सब ज़मीन पर लेट गए । आगे पढे....
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
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--- संजय सेन सागर