आगरा मे घोर संकट आया हुआ है.... किसी भी चीज़ के लिए पानी नही है हर तरफ़ हाहाकार मचा हुआ है... यमुना एक पतली नाली का रूप ले चुकी है उसमे अब कुछ भी नहीं बचा है... पानी के लिए लडाई हो रही है हर तरफ़ बुरा हाल है॥
कुछ इलाको मे दिन मे ३ बार पानी आता है, वो लोग पाइप लगाकर अपना घर धोते है, और कुछ जगह पन्द्रह - पन्द्रह दिन तक पानी नही आता है, वहां लोग नहाने के लिए पानी की तलाश करते है। मैं भी ऐसे ही इलाके मे रहता हूँ जिसे "नाई की मंडी" कहते है, यहाँ पर पानी "शाहगंज वाटर टेंक" से सप्लाई होता है, हम सुबह तीन बजे उठते हैं और फिर पानी आने का इंतज़ार करते है, अगर पानी आता है तो सिर्फ़ चौराहे के पास जिनके घर है उन्हें मिल जाता है क्यूंकि उसमे इतना प्रेशर नही होता की वो अन्दर तक पहुच सके, आख़िर मे यह होता की "नाई की मंडी" के बीच मे पड़ने वाले "छोटा गालिब पुरा" के लोगो को जो तीन बजे सुबह से जाग रहे थे उन्हें सिर्फ़ दस से पन्द्रह मिनट पानी मिलता है... आगे पढ़े...
कुछ इलाको मे दिन मे ३ बार पानी आता है, वो लोग पाइप लगाकर अपना घर धोते है, और कुछ जगह पन्द्रह - पन्द्रह दिन तक पानी नही आता है, वहां लोग नहाने के लिए पानी की तलाश करते है। मैं भी ऐसे ही इलाके मे रहता हूँ जिसे "नाई की मंडी" कहते है, यहाँ पर पानी "शाहगंज वाटर टेंक" से सप्लाई होता है, हम सुबह तीन बजे उठते हैं और फिर पानी आने का इंतज़ार करते है, अगर पानी आता है तो सिर्फ़ चौराहे के पास जिनके घर है उन्हें मिल जाता है क्यूंकि उसमे इतना प्रेशर नही होता की वो अन्दर तक पहुच सके, आख़िर मे यह होता की "नाई की मंडी" के बीच मे पड़ने वाले "छोटा गालिब पुरा" के लोगो को जो तीन बजे सुबह से जाग रहे थे उन्हें सिर्फ़ दस से पन्द्रह मिनट पानी मिलता है... आगे पढ़े...
आरिफ़ जी,
ReplyDeleteमेन भी आगरा का निवासी हूं
आज भी आप ध्यान से देखें, कहीं कुछ लोग अपने पोधों,फ़र्शों, पेडों को धोने ,चमकाने में खूब पानी खर्च कर रहे होन्गे। क्या सी एम , कमिश्नेर,थानेदार , नेता के यहां पा नी की कमी है, देखें?
आप में से ही बहुत से लोगों ने टुल्लू-पम्प लगाये हुए हैं, कायदे के विपरीत ओर पानी बहरहे होन्गे।
पानी के लिये कुछ माह पहले ही इन्त्जाम क्यों नहीं किये गये ? क्या नेता,शाशन,प्रशाशन ,कर्मचारी सो रहे थे ।
--------हर शाख पै उल्लू बैठे हैं
----------अन्जामे गुल्श्तां यह होगा।