लाख बद्दुआएं दीं दिल से
बहुत चाहा न चाहें दिल से ;
पर न निकल पाये वो दिल से ।
सोचा चले जायं महफ़िल से ,
यह न होगा अब तो दिल से ;
बुलाया जो आपने दिल से ।
अब महफ़िल से जाएँ कैसे ,
बिना दीदार जाएँ कैसे;
सदायें दीं आपने दिल से ।
लाख दुआ करे दुनिया,
मन्नतें माने श्याम, दुनिया;
न निकल पायें आपके दिल से। ।
बहुत चाहा न चाहें दिल से ;
पर न निकल पाये वो दिल से ।
सोचा चले जायं महफ़िल से ,
यह न होगा अब तो दिल से ;
बुलाया जो आपने दिल से ।
अब महफ़िल से जाएँ कैसे ,
बिना दीदार जाएँ कैसे;
सदायें दीं आपने दिल से ।
लाख दुआ करे दुनिया,
मन्नतें माने श्याम, दुनिया;
न निकल पायें आपके दिल से। ।
श्याम जी
ReplyDeleteनमस्कार
आपके त्रिपदा पढ़े
अच्छा लगा.
लाख दुआएँ दीं दिल से
बहुत चाहा, न चाहें दिल से.
पर न निकल पाए वो दिल से.
- विजय