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सीबीआई के निदेशक अश्विनी कुमार ने देश में बढ़ते सेक्स पर्यटन पर चिंता जताते हुए कहा है कि धार्मिक स्थल भी इसके असर से अछूते नहीं रह गए हैं। देश के धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर इस अपराध (सेक्स पर्यटन व वेश्यावृत्ति) का प्रभाव देखा जा रहा है।
‘संगठित अपराध और मानव तस्करी’ विषय पर यहां आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के दौरान उन्होंने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्र्षो में सेक्स पर्यटन (जिसमें अधिकांश बच्चों से जुड़े मामले शामिल हैं) और वेश्यावृत्ति तेजी से अपराध के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
अश्विनी कुमार ने कहा कि मानव तस्करी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध माना जाता है। इसमें भारत का अपना एक अलग स्थान है। वह इस अपराध के स्रोत व गंतव्य दोनों के तौर पर जाना जाता है। यहां पर सप्लायर और कस्टमर दोनों ही बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यहां ८५ फीसदी मानव तस्करी घरेलू मांग पूरी करने के लिए की जाती है। उन्होंने डांस बार्स पर हुई कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि इससे बच्चों व महिलाओं की तस्करी पर रोक लगी है।
सेमिनार का उद्घाटन करने वाले केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने कहा कि मानव तस्करी देश की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। इससे गंभीरता से निपटना होगा। इस अपराध के पीछे गरीबी, अपर्याप्त विकास व बेरोजगारी जैसे कारण प्रमुख हैं। इससे निपटने के लिए संबंधित एजेंसियों को आगे आना होगा। एनजीओ व कॉपरेरेट घरानों को पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी होगी। आगे पढ़ें के आगे यहाँ
‘संगठित अपराध और मानव तस्करी’ विषय पर यहां आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के दौरान उन्होंने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्र्षो में सेक्स पर्यटन (जिसमें अधिकांश बच्चों से जुड़े मामले शामिल हैं) और वेश्यावृत्ति तेजी से अपराध के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
अश्विनी कुमार ने कहा कि मानव तस्करी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध माना जाता है। इसमें भारत का अपना एक अलग स्थान है। वह इस अपराध के स्रोत व गंतव्य दोनों के तौर पर जाना जाता है। यहां पर सप्लायर और कस्टमर दोनों ही बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यहां ८५ फीसदी मानव तस्करी घरेलू मांग पूरी करने के लिए की जाती है। उन्होंने डांस बार्स पर हुई कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि इससे बच्चों व महिलाओं की तस्करी पर रोक लगी है।
सेमिनार का उद्घाटन करने वाले केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने कहा कि मानव तस्करी देश की सबसे बड़ी समस्याओं में एक है। इससे गंभीरता से निपटना होगा। इस अपराध के पीछे गरीबी, अपर्याप्त विकास व बेरोजगारी जैसे कारण प्रमुख हैं। इससे निपटने के लिए संबंधित एजेंसियों को आगे आना होगा। एनजीओ व कॉपरेरेट घरानों को पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी होगी। आगे पढ़ें के आगे यहाँ
umda lekh....aapne achcha khulasaa kiya hai...
ReplyDeleteआज देश के धार्मिकस्थल ही क्या ......हर शहर के मंदिर
ReplyDeleteऔर पूजा स्थल भी इस वेश्यावृति की चपेट में है