मिट- मिट के सुजाना है ...
मिट- मिट के सुनाना है हँस- हँस के दिखाना है ।
इक कूंच- ए जाना है इक राहे ज़माना है।
सागर की अदाएं है अँजूरी का ठिकाना है ।
इक अश्को की गागर है इक प्यार का पैमाना है ।
सुन- सुन के मचलते है , घिर घिर के बरसते है।
इक दर्द को सरगम है, इक कहे फ़साना है।
- डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'
सुमन जी आपके लेखन की एक अलग ही खासियत है बहुत अच्छा लेखन
ReplyDeleteसुमन जी आपके लेखन की एक अलग ही खासियत है बहुत अच्छा लेखन
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