दिल चुरा के चले गए।
दो गज की दूरी छोड़कर॥
मै वहा से हिल न सकी।
तुम चले गए मुह मोड़ कर॥
मै पीया गम को तुम्हारे।
तुम भी गागर थाम लिए॥
जब जल पूरा भर गया ।
हस के यूं ही फोड़ दिए॥
अब ठाथर तन हुआ।
मन में बसा वियोग॥
फिर से तुमसे मिलन हो॥
हस कहता संयोग॥
वियोग के बादल छाए..
दो गज की दूरी छोड़कर॥
मै वहा से हिल न सकी।
तुम चले गए मुह मोड़ कर॥
मै पीया गम को तुम्हारे।
तुम भी गागर थाम लिए॥
जब जल पूरा भर गया ।
हस के यूं ही फोड़ दिए॥
अब ठाथर तन हुआ।
मन में बसा वियोग॥
फिर से तुमसे मिलन हो॥
हस कहता संयोग॥
वियोग के बादल छाए..
बहुत अच्छी नज्म
ReplyDeleteमजा आ गया
बढिया गीत है।बधाई।
ReplyDeleteशुक्रिया आप सभी को..
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