मुगलों ने लूटा , गोरों ने लूटा ,
फिर भी छोड़ दिया ,
पर अपने चोरों ने तो ,
उनका कीर्तिमान भी तोड़ दिया ।
स्विस बैंक में जमा भारत की गरीब जनता का धन वापस लाओ ।
और चोरों का नाम सार्वजनिक करो .............
.forward to all ur cont । join this movement against corruption
आज ही यह मेल प्राप्त हुआ ।गोविंदाचर्या ने आवाज बुलंद की और आडवानी से लेकर शरद पवार गरज उठे । देश की गरीब जनता काखून -पसीने की कमी चाँद लोगों के खाते में, भला कैसे बर्दास्त होता !तब टेलीविजन पर देखा तो कुछ नया नही लगा । लेकिन तीन चार दिनों से पुरे देश भर में अलग-अलग संगठनो के युवा sms , email , orkut आदि के जरिये एक जागरूकता बनाने की कोशिश कर रहे हैं । अभी तक लोगों के बैठकखानों , चाय की दुकानों जैसे जगहों पर कुछ अतिसक्रिय लोगों के बीच होने वाली बात-चित सार्वजनिक चर्चा का विषय बनती दिख रही है ।
पिछले महीने २४ मार्च को राष्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन द्वारा आयोजित सम्मेलन में देशभर से इकट्ठा हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गोविंदाचार्य ने कहा था कि "स्विस बैंक व अन्य विदेशी बैंकों में भारतीय नेताओं व नौकरशाहों के करीब 70 लाख करोड़ रुपये की अवैध राशि जमा है। जनता इस बात से अनभिग्य है। हमारा कर्तव्य है कि उन्हें सही बातों की जानकारी दें, ताकि जनता अपने प्रतिनिधियों इस बाबत सवाल- जवाब कर सके।" हालांकि यह बाद पहले से ही कुछ पार्टियां उठा रही थीं, लेकिन यह चुनावी मुद्दा बनता नजर नहीं आ रहा था।
बहरहाल , आधुनिक सूचनातंत्र के सार्थक उपयोग से देश भर के युवा जनहित और भ्रष्टाचार के मुद्दे को जनता में ले जा रहे हैं । आम चुनाओं में पहली बार बड़े पैमाने पर इन्टरनेट , मोबाइल ,जैसे आधुनिकतम सुचना माध्यमों का उपयोग राजनेता से लेकर आम जनता भी कर रही है ।लोकनायक जयप्रकाश के छात्र आन्दोलन के बाद शायद ही कभी युवाओं में राजनीति को लेकर इतनी हलचल देखने को मिली है । विश्व के सबसे जवान देश का युवा जगा है तो लोग बदलाव की उम्मीद कर रहे है । अंत में मुझे एक पंक्ति याद आ रही है -" पानी को बाँध -बाँध के पानी को रोक ले , किसकी मजाल है जो जवानी को रोक ले । "
हिंदी है हम
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