लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत पाना अब दूर की कौड़ी बन चुकी है। सन 90 के बाद से हम लगातार ऐसी सरकारें देखते आ रहे हैं, जो जोड़-तोड़ से अपना कार्यकाल पूरा करने की कोशिश करती रहती हैं। इस महीने से शुरु होने जा रहे आम चुनावों के क्या नतीजे हो सकते हैं यह जानने के लिए देश के कई मीडिया ग्रुप और एजेंसियां सर्वे करा रही हैं और कुछ ने तो सर्वे संपन्न भी कर लिए हैं। जिनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं, और कौन पहुंचेग पीएम की कुर्सी तक। हालांकि सभी सर्वे के नतीजे बता रहे हैं कि कोई भी पार्टी अपने दम पर बहुमत नहीं ला पाएगी।ऐसी स्थिति में सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की संभावनाएं सामने हैं। जो पार्टी इस खेल में जीतेगी वही सरकार बनाएगी।
आगामी लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 234 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 186 सीटें मिलने का अनुमान है। यह दावा ‘द वीक’ पत्रिका के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में किया गया है। इसी तरह इंडिया टुडे द्वारा कराए गए सर्वे में कांग्रेस गठबंधन को 190 से 1999 के बीच में सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं भाजपा और उसके सहयोगियों को 172 से 181 के बीच सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में जिसमें कुछ अन्य गठबंधन और क्षेत्रीय पार्टियां होंगी, को 169 से 170 के बीच सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
इसी तरह 'द वीक' के सर्वे में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। उन्हें 15 प्रतिशत मत मिले। सर्वे में तीसरे मोर्चे को 123 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। 144 सीटों के साथ कांग्रेस के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की संभावना है। भाजपा को अकेले 140 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।
रायशुमारी में आडवाणी के बाद मनमोहन पीएम पद के लिए दूसरे सबसे पसंदीदा नेता हैं। उन्हें 14 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। 11 प्रतिशत ने सोनिया गांधी के पक्ष में मतदान किया, जबकि राहुल को 10 फीसदी वोट मिले। पीएम पद के लिए मायावती को 9 व वाजपेयी को 8 प्रतिशत मत हासिल हुए।
इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार डॉ मनमोहन सिंह हैं। इन्हें 18 फीसदी लोगों ने इस पद का सबसे मजबूत दावेदार बताया है। वहीं सोनिया गांधी(15), अटलबिहारी वाजपेयी (12), लालकृष्ण आडवाणी (12), राहुल गांधी (8) और नरेंद्र मोदी को 6 फीसदी लोगों ने सबसे प्रत्याशी बताया है।
यूपीए घटक दलों की सीटें (अनुमानित)
कांग्रेस : 144
समाजवादी पार्टी : 32
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 13
डीएमके और सहयोगी : 13
तृणमूल कांग्रेस : 11
आरजेडी-एलजेपी : 15
यूडीएफ : 2
नेशनल कांफ्रेंस : 3
झारखंड मुक्ति मोर्चा : 1
एनडीए के घटक दलों की सीटें (अनुमानित)
भाजपा : 140
जनता दल (यू) : 18
शिवसेना : 12
असम गण परिषद : 5अकाली दल : 5राष्ट्रीय लोक दल : 4आईएनएलडी : 2
तीसरे मोर्चे की सीटें (अनुमानित)वामदल : 33बहुजन समाज पार्टी : 29एआईएडीएमके व सहयोगी : 24टीडीपी/टीआरएस : 14बीजू जनता दल : 9जेडीएस : 2एचवीएम : 1प्रजा राज्यम पार्टी : 2
अन्य : 9
आपकी प्रतिक्रिया -
क्या आपको लगता है कि इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला होगा? क्षेत्रीय पार्टियां सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाएंगी?आगे पढ़ें के आगे यहाँ
आगामी लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को 234 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 186 सीटें मिलने का अनुमान है। यह दावा ‘द वीक’ पत्रिका के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में किया गया है। इसी तरह इंडिया टुडे द्वारा कराए गए सर्वे में कांग्रेस गठबंधन को 190 से 1999 के बीच में सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं भाजपा और उसके सहयोगियों को 172 से 181 के बीच सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में जिसमें कुछ अन्य गठबंधन और क्षेत्रीय पार्टियां होंगी, को 169 से 170 के बीच सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
इसी तरह 'द वीक' के सर्वे में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। उन्हें 15 प्रतिशत मत मिले। सर्वे में तीसरे मोर्चे को 123 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। 144 सीटों के साथ कांग्रेस के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने की संभावना है। भाजपा को अकेले 140 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।
रायशुमारी में आडवाणी के बाद मनमोहन पीएम पद के लिए दूसरे सबसे पसंदीदा नेता हैं। उन्हें 14 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। 11 प्रतिशत ने सोनिया गांधी के पक्ष में मतदान किया, जबकि राहुल को 10 फीसदी वोट मिले। पीएम पद के लिए मायावती को 9 व वाजपेयी को 8 प्रतिशत मत हासिल हुए।
इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार डॉ मनमोहन सिंह हैं। इन्हें 18 फीसदी लोगों ने इस पद का सबसे मजबूत दावेदार बताया है। वहीं सोनिया गांधी(15), अटलबिहारी वाजपेयी (12), लालकृष्ण आडवाणी (12), राहुल गांधी (8) और नरेंद्र मोदी को 6 फीसदी लोगों ने सबसे प्रत्याशी बताया है।
यूपीए घटक दलों की सीटें (अनुमानित)
कांग्रेस : 144
समाजवादी पार्टी : 32
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी : 13
डीएमके और सहयोगी : 13
तृणमूल कांग्रेस : 11
आरजेडी-एलजेपी : 15
यूडीएफ : 2
नेशनल कांफ्रेंस : 3
झारखंड मुक्ति मोर्चा : 1
एनडीए के घटक दलों की सीटें (अनुमानित)
भाजपा : 140
जनता दल (यू) : 18
शिवसेना : 12
असम गण परिषद : 5अकाली दल : 5राष्ट्रीय लोक दल : 4आईएनएलडी : 2
तीसरे मोर्चे की सीटें (अनुमानित)वामदल : 33बहुजन समाज पार्टी : 29एआईएडीएमके व सहयोगी : 24टीडीपी/टीआरएस : 14बीजू जनता दल : 9जेडीएस : 2एचवीएम : 1प्रजा राज्यम पार्टी : 2
अन्य : 9
आपकी प्रतिक्रिया -
क्या आपको लगता है कि इस बार के चुनाव में सबसे कांटे का मुकाबला होगा? क्षेत्रीय पार्टियां सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभाएंगी?आगे पढ़ें के आगे यहाँ
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर