सलीम अख्तर सिद्दीक़ी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि यदि वे मजबूत हैं तो अफजल गुरु को फांसी देकर अपनी मजबूती साबित करें। उनका यह बयान आज के अखबारों में छपा है। साथ में एक तस्वीर छपी है। तस्वीर में दिखाया गया है कि नरेन्द्र मोदी एक जाल के पीछे से अपना भाषण दे रहे हैं। नरेन्द्र मोदी खुद इतने डरपोक और कमजोर हैं कि उन पर कोई दिलजला जूता न फेंक दे, इसलिए जाल का सहारा ले रहे हैं। नरेन्द्र मोदी साहब पहले खुद इतने मजबूत बनिए फिर किसी और को मजबूत होने का मशविरा देना। जहां तक अफजल गुरु को फांसी देने का सवाल है तो वे इतना समझ लें कि ये वही अफजल गुरु है, जिसने राजग की सरकार के दौरान संसद पर हमला किया था। जनता ने आपकी सरकार को तो संसद हमले के बहुत बाद में चलता किया था, तभी क्यों नहीं अफजल गुरु को सरेआम फांसी पर लटकाकर मजबूती दिखायी थी ? और हां आपके लौहपुरुष साहब कितने लोहे के बने हैं, यह तब साबित हो गया था, जब उनके विदेश मंत्री खूंखार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते हुऐ आदर के साथ कंधार तक छोड़ कर आए थे। पहले अपने पीएम वेटिंग को इतना मजबूत तो कीजिए कि देश पर संकट के सामने मोम बनने बजाय लोहे के बने रहें। सिर्फ कसरत करते तस्वीर खिंचवाने और बाजू फड़काने से कोई मजबूत नहीं हो जाता। पता नहीं क्यों आजकल आडचाणी साहब की कुछ ऐसी तस्वीरें आ रहीं हैं, जिनमें वे मजबूत दिखने की कोशिश करते नजर आते हैं। अब उन्हें कौन समझाए कि देश का प्रधानमंत्री शरीर से ज्यादा दिमाग से मजबूत होना चाहिए। प्रधानमंत्री को अखाड़े में कुश्ती नहीं लड़नी पड़ती। मनमोहन सिंह दोनों तरह से मजबूत प्रधानमंत्री हैं। आडवाणी साहब मजबूत दिखते भर हैं, मजबूत है नहीं। जहां तक खुद नरेन्द्र मोदी की मजबूती की बात है, उन्होंने जाल को ढाल बनाकर यह दिखा ही दिया है कि वह खुद कितने डरपोक और कमजोर हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि यदि वे मजबूत हैं तो अफजल गुरु को फांसी देकर अपनी मजबूती साबित करें। उनका यह बयान आज के अखबारों में छपा है। साथ में एक तस्वीर छपी है। तस्वीर में दिखाया गया है कि नरेन्द्र मोदी एक जाल के पीछे से अपना भाषण दे रहे हैं। नरेन्द्र मोदी खुद इतने डरपोक और कमजोर हैं कि उन पर कोई दिलजला जूता न फेंक दे, इसलिए जाल का सहारा ले रहे हैं। नरेन्द्र मोदी साहब पहले खुद इतने मजबूत बनिए फिर किसी और को मजबूत होने का मशविरा देना। जहां तक अफजल गुरु को फांसी देने का सवाल है तो वे इतना समझ लें कि ये वही अफजल गुरु है, जिसने राजग की सरकार के दौरान संसद पर हमला किया था। जनता ने आपकी सरकार को तो संसद हमले के बहुत बाद में चलता किया था, तभी क्यों नहीं अफजल गुरु को सरेआम फांसी पर लटकाकर मजबूती दिखायी थी ? और हां आपके लौहपुरुष साहब कितने लोहे के बने हैं, यह तब साबित हो गया था, जब उनके विदेश मंत्री खूंखार आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते हुऐ आदर के साथ कंधार तक छोड़ कर आए थे। पहले अपने पीएम वेटिंग को इतना मजबूत तो कीजिए कि देश पर संकट के सामने मोम बनने बजाय लोहे के बने रहें। सिर्फ कसरत करते तस्वीर खिंचवाने और बाजू फड़काने से कोई मजबूत नहीं हो जाता। पता नहीं क्यों आजकल आडचाणी साहब की कुछ ऐसी तस्वीरें आ रहीं हैं, जिनमें वे मजबूत दिखने की कोशिश करते नजर आते हैं। अब उन्हें कौन समझाए कि देश का प्रधानमंत्री शरीर से ज्यादा दिमाग से मजबूत होना चाहिए। प्रधानमंत्री को अखाड़े में कुश्ती नहीं लड़नी पड़ती। मनमोहन सिंह दोनों तरह से मजबूत प्रधानमंत्री हैं। आडवाणी साहब मजबूत दिखते भर हैं, मजबूत है नहीं। जहां तक खुद नरेन्द्र मोदी की मजबूती की बात है, उन्होंने जाल को ढाल बनाकर यह दिखा ही दिया है कि वह खुद कितने डरपोक और कमजोर हैं।
यार वो तो दोनों ही तरफ से गए, कोई कांग्रेसी, सेक्युलर या सनकी जूता फेंके तो तुम जैसे उछल पड़ेंगे, और बचने का इन्तेजाम करे तो डरपोक कहा जाएगा. वाह, एनडीए ने एक तालिबानी को छोड़कर गलती की... अज़हर मसूद को जेहादी बनाया किसने? इस्लाम ने. है की नहीं. तुम लोग दुनिया भर में शरिया लागू करना चाहते हो, कर लो.
ReplyDeleteab incovinienti sahab pehle aap lekh achchi trah se padh liya kijiye uske baad aap dil khol kar musalmano par bhadas nikala karo aapko apne dil se nafrat ki jawala ko nikal fekna padega ......sochiyega
ReplyDeleteऔर अगर तुम्हारी बात न मानी तो....... बम से उड़ा दिया जाऊंगा, एके-47 से छलनी कर दिया जाऊंगा, नजीबुल्लाह की तरह तालिबानी मुझे बीच बाज़ार फांसी पर लटका देंगे. डरता हूँ भाई सोचते हुए, जब होलेन्ड कार्टून पर भारत में खून हो जाते हैं तो........
ReplyDeleteनरेन्द्र मोदी जी जाल के पीछे खड़े है तो इसके पीछे उनके समर्थकों की कुछ मंशा रही होगी
ReplyDeleteवरना इतनी छोटी सी बात के आधार पर उनको कायर नहीं बताया जा सकता
उन पर कईयों को मरवाने का आरोप है क्या यह काम कोई कायर कर सकता है, नहीं न !
तो आप उन्हें दोषी कह सकते हो,आरोपी कह सकते हो लेकिन कायर नहीं!
नरेन्द्र मोदी जी जाल के पीछे खड़े है तो इसके पीछे उनके समर्थकों की कुछ मंशा रही होगी
ReplyDeleteवरना इतनी छोटी सी बात के आधार पर उनको कायर नहीं बताया जा सकता
उन पर कईयों को मरवाने का आरोप है क्या यह काम कोई कायर कर सकता है, नहीं न !
तो आप उन्हें दोषी कह सकते हो,आरोपी कह सकते हो लेकिन कायर नहीं!
bhai kandhar masle par sabhi aadvani ko koste hain par jara dil se socho ham hote to kya nirnay lete? kya apne 175 nagriko ko marne dete ? agar un aartankio ko nahi chhoda jata aur wo sab mare jate tab bhi aap aadvani ko hi jimmedar batate ? aadvani ne jo nirnay apne nagriko ki raksha ke liye liya wahi to unke majboot manobal ko darsata hai ...............
ReplyDeleteकंधार मुद्दे पर जो हुआ उसके लिए मैं आडवानी जी के साथ हूँ क्यों की कहने और करने में अंतर होता है जो हुआ अच्छा हुआ नागरिकों की जान बची और अगर यह सरकार तब होती तो इसकी गुंजाईश भी कम ही थी
ReplyDeleteकंधार मुद्दे पर जो हुआ उसके लिए मैं आडवानी जी के साथ हूँ क्यों की कहने और करने में अंतर होता है जो हुआ अच्छा हुआ नागरिकों की जान बची और अगर यह सरकार तब होती तो इसकी गुंजाईश भी कम ही थी
ReplyDeleteinconvinient sahab aap galat soch rahe hai islam kabhi bhi yeh nahi sikhata ki aap begunaho ko satao ya hinsa ka raasta apnao yeh sirf aur sirf islam hi nahi koi bhi mazhab nahi sikhata ki aisa kukarm aap karo aur raha sawal aapke dimaag ki gandi upaj ko usko aapko mitaana hoga nafrat se duniya nahi chalti insaniyat se desh aur janta ka bhala nahi hota hum mante hai har koimazhab me kuch gaddar aur deshdrohi hote hai jinka koi imaan aur dharam nahi hota lekin kisi bhi mahab ko bura kahna bilkul galat hai sochiyega zarur....agar aapko hmare is lekh se takleef pahunchi ho maaf karna chota samajhkar ...lekin sochiyega zarur
ReplyDeletemaaf kijiyega insaniyat ke madhyam se duniya chalti hai na ki nafrat ya hinsa se upar ke wakya me kuch galti ho gayi hai maaf kijiyega
ReplyDeleteaur hum bhi sanjay ji advaani kya koi sarkar hoti us condition me koi bhi compromise kr sakta hai yeh bilkul satya hai kandhar ka masla bahut critical mamla tha jaha 150 janta ki jaan ka sawal tha us condition me advaani ji sahi raasta apnaya unhone unse bilkul sahmat hai
ReplyDeleteare salim tujhe pata bhi hai ki narendra modi is desh ke sabse safal cm hai. jo baat tu kar raha hai usme se simipan ki bu aa rahi hai. kandhar aur afjal guru ki baat kar ke tera sina shayad bahut ful gaya hai kyo. sanjay ji aap bhi kaise logo ko yaha aane dete hai
ReplyDeleteसिद्दिक्की साहब; मुझे ऐसा लगता है कि,आपको राजनीती की समझ नहीं है, वरना इतना घटिया बात मोदी जी के लिए नहीं लिखते, गुजरात की जनता तीसरी बार उन्हें मुख्यमंत्री का दायित्वा दिया है. क्या वे बेवकूफ है, मुझे लगता है आपको मोदी जी से चिढ है,
ReplyDeletemodi se to lagta hai aap dare hue hai
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