ये बाबा किनाराम की तपोभूमि चन्दौली है,राष्टीय राजमार्ग सं0 2 से जब हम बिहार प्रान्ति से उ0प्र0 की सीमा मे प्रवेश करते है तो पहला जिला चन्दौली ही पडता है ,धूल उडाती उबड खाबड सडके ,बिजली पानी जैसी मुलभूत सुबिधाओ के लिए तरसते लोग,नक्सल की समस्या से जुझता जिला,बेरोजगारो की फौज, उघोग-धन्धो का अभाव,चिकित्सा, शिक्षा रोजगार के लिए पलायन करते लोग ,मॉग से अधिक मजदुरो की आपूर्ति ,गरीबी के बिभिन्न रूप, जातिबाद का जहर,यही सब इस जनपद की पहचान है इसकी दशा पर कभी भोला नाथ गहमरी ने संसद मे कहा था यहॉ के लोग गोबर मे से अन्न निकाल कर खाते हैं,जिसको सुनकर तत्कालीन प्रधान मंत्री नेहरू की भी ऑखे भर आयी थी,उन्होने पटेल कमीशन का गठन करवाया था ,लेकिन अपने सही अर्थो मे यह कभी लागू नही हो पाया ,मेरे होश सम्भkलने तक गॉवो मे कुछ ऐसी ही स्थिति थी, केवल धान की फसल होती थी वह भी कभी बाढ कभी सूखे का शिकार हो जाती थी, पं0 कमला पति त्रिपाठी विकास पुरूष के रूप मे इस धरती के लिए वरदान सिद्ध हुये अधिकॉश लोगो के भोजन की समस्याे का उन्होकने अपने प्रयासो से समाधान किया,सांसद तो यहॉ बाबू टी0एन0सिह भी हुये और आज तक होते ही आ रहे है,लेकिन इस जनपद की स्थिती मे कुछ खास सुधार नही हुआ है,दो अति महत्वल पूर्ण रेलवे ओवर र्बिज इस तनपद की महत्वल पूर्ण आवश्येकता है लेकिन किसी जन प्रतिनिधि को इसकी सुध ही नही है ,इसी तरह सैदपुर व बलुआ घाट के गंगा पुल है जो वर्षो से बन रहे है,उच्च की तो बात ही छोडे छोटे बच्चोन के लिए भी कोई स्त रीय विघालय नही है, पेडित जी के बाद कोई दमदार नेता नही हुआ जो इस जनपद का उ्द्धार करे
इतना अच्छा पड़कर बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteआपका लगातार सहयोग मिल रहा है इसके लिए सुक्रिया और आगे भी इसी तरह की आशा के साथ ...
संजय सेन सागर
जय हिन्दुस्तान -जय यंगिस्तान