भगवान् के अवतरण का समय आ गया है । भगवान् अब अवतार लेने की तयारी में है ....उन्होंने नारद को बुलावा भेजा है। नारद , भगवान् के सम्मुख बैठ कर ....
"हे प्रभो " आपका विधान कलयुग में प्रभावी नही रहा , कल्कि अवतार की योजना पर अमल सम्भव नही ..क्यों की अपने जिस स्वरुप की चर्चा की है ...घोडे पे आसीनहोकर आप विचरण नही कर सकते , टोल टैक्सका जमाना आ गया है ..घोडे की पुँछ उठाकर कोई नंबर कैसे देख पाएगा
परन्तु नारद ! ब्रह्मण कुल में जन्म लेने पर क्या , कहना है तुम्हारा .....
"एक ब्रह्मान के घर , उत्तर प्रदेश में पैदा होना ...धिक्कार है प्रभु .... वहां तो ब्राह्मणों को इज्ज़त खरीदिनी पड़ रही है ॥ और आप अच्छे युगनिर्माता हो सकते हैं , पर अच्छे मार्केट एजेंट , कदापि नही.....
"तो तुम्ही बताओ नारद ! इस विषम परिस्थिति का सामना कैसे किया जाए ॥?" कहो तो किसी अन्य भू - भाग पर अवतार लेता हूँ ..परन्तु अन्य जगह की यथास्थिति का पता लगाओ ......."
कई दिनों के धरती भ्रमण के बाद वापस विष्णुलोक पहुँचते हैं...
(यह संवाद जारी रहेगा ..अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें )
बहुत अच्छे जा रहे हो ,लिख्ते रहो . आगे धरती से क्या समाचार आता है .प्रतिक्शा है।अन्य भूमि पर अवतार लेकर क्या भारत भूमि की बेइज़्ज़ती करायेन्गे प्रभु ? प्लीज शूद्र कुल मैं जन्म लेकर भारत को ही क्रितार्थ करें.।
ReplyDeletejiske paas jo hai vahi to chhinaa jaayega
ReplyDeletepaisewale se paisa.
izzat wale se izzat.
magar izzat khareedane ki baat hui to ise bech kaun rahaa hai ?
marketting for izzat.... how ....?
सुन्दर है लिखे आगे का,
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