फूल तो आ जाने दो..
अभी तो कलिया खिल रही है।
फूल तो आ जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।
अभी जरा मुस्काने दो॥
हर अदा पे मुग्ध हुए हो।
पलकों पे मुझे बिठाओ गे॥
अपनी बाहों में लेके ।
मेरा दिल बहलाओ गे॥
अभी न रोको रास्ता मेरा
पहले घर को जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।अभी जरा मुस्काने दो॥
तुम्हे देख कर चंचल हो गयी।
भूल गई कुछ लाज को॥
घर वालो की बाग़ गलाग्यी
मई अर्पित कर दी आप को॥
अभी हवा पुरुवा डोली है।
मुझे ज़रा इठलाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।अभी जरा मुस्काने दो॥
वह दिन जल्द ही आयेगा।
जब मेरी मांग सजाओ गे॥
अपने हाथो से अमृत रस।
साजन मुझे पिलायो गे॥
सुबह तो मेरी राह न रोको
सांझ ज़रा हो जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।
अभी जरा मुस्काने दो॥
अभी तो कलिया खिल रही है।
फूल तो आ जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।
अभी जरा मुस्काने दो॥
हर अदा पे मुग्ध हुए हो।
पलकों पे मुझे बिठाओ गे॥
अपनी बाहों में लेके ।
मेरा दिल बहलाओ गे॥
अभी न रोको रास्ता मेरा
पहले घर को जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।अभी जरा मुस्काने दो॥
तुम्हे देख कर चंचल हो गयी।
भूल गई कुछ लाज को॥
घर वालो की बाग़ गलाग्यी
मई अर्पित कर दी आप को॥
अभी हवा पुरुवा डोली है।
मुझे ज़रा इठलाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।अभी जरा मुस्काने दो॥
वह दिन जल्द ही आयेगा।
जब मेरी मांग सजाओ गे॥
अपने हाथो से अमृत रस।
साजन मुझे पिलायो गे॥
सुबह तो मेरी राह न रोको
सांझ ज़रा हो जाने दो॥
फ़िर आके रस चूस लेना।
अभी जरा मुस्काने दो॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर