पढ़ाई को अपनी मंजिल तक पहुंचाने के लिए विदेशों में लड़कियां अब किसी भी हद तक जाने से गुरेज नहीं कर रही हैं। और अब लड़कियां अपनी वर्जानिटी (कौमार्य) को भी मजह चंद पैसों में बेच दे रही हैं। कौमार्य बेचने की घटना विदेशों में बढ़ती ही जा रही है।
पढ़ाई के लिए कौमार्य बेचने की ढ़ेर सारी घटनाएं सामने आई हैं, जिसे देखकर यही लगता है कि विदेशों में पढ़ाई के लिए युवा किस गलत राह पर जा रहे हैं। चंद रूपयों की खातिर लड़कियां न सिर्फ अपना देह बेच रही हैं बल्कि उनका खुलेआम प्रचार भी कर रही हैं। सबसे बड़ी बात है कि इस गलत तरीके के खिलाफ अभी तक किसी सामाजिक संगठन ने हस्तक्षेप नहीं किया है।
आइए डालते हैं लड़कियों के कौमार्य बेचने की घटनाओं पर एक नजर...
रोजी ने 6 लाख में बेच दिया कौमार्य..
लंदन में पढ़ाई की खातिर 18 साल की रोजी ने अपनी वर्जीनिटी को सिर्फ 6 लाख में बेच दिया। रोजी ने अपने कौमार्य को बेचने के लिए बाकायदा नेट पर नीलामी करवाई थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। एक 40 साल के इंजीनियर ने रोजी के कौमार्य को 8400 पाउंड(6 लाख रूपए) में खरीद लिया। जिसके बाद रोजी ने एक होटल में उस इंजीनियर के साथ एक रात गुजारी।
कौमार्य के बिक जाने के बाद रोजी काफी रोई और पछताई लेकिन उसने बताया कि यह सब उसने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए किया। वह ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हैं। रोजी ने बताया कि उसका पढ़ाई का खर्चा पूरा नहीं हो पाता था, वह अभी अंडरग्रेजुएट है और ग्रेजुएट तक आते-आते तो ढ़ेर सारे कर्जे उसके उपर हो जाते इसलिए उसने अपने कौमार्य को एक सस्ती कीमत पर बेंच दी।
पढ़ाई के लिए बेचना चाहती है कौमार्य
बर्लिन। रोमानिया की एक छात्रा ने यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने कौमार्य को दांव पर लगा दिया। कारकेल ओल्टा काउंटी निवासी 18 वर्षीय एलिना पर्सिया ने इस संबंध में एक जर्मन वेबसाइट www.gesext.de में अपने कौमार्य की बोली आमंत्रित की। एलिना पर्सिया ने नेट पर एक विज्ञापन में कहा है, मेरा वजन 44 किग्रा है, लंबाई 5.67 फीट उंचाई, आंखें भूरे रंग की हैं। मैं स्मोकिंग नहीं करती हूं। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा मेरे कौमार्य का प्रमाणित सर्टिफिकेट है, जो बताता है कि मैं अभी कुंआरी हूं। मैं अपनी इस विशेषता का खास उपयोग करना चाहती हूं। मेरे कौमार्य की बोली लगाने वाला व्यक्ति मेरे साथ एक सप्ताह गुजार सकता है और उसे होटल, ट्रेवलिंग आदि के भी सभी खर्च वहन करने होंगे। अपने कौमार्य की नीलामी लगाने वाली पर्सिया का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसा जुटाना चाहती है।
कौमार्य के बदले शेर देने की पेशकश
कैलिफोर्निया। पढ़ाई के लिए अपने कुंआरापन बेचने की तैयारी कर रही नताली को कई तरह के ऑफर मिले। नताली को एक चिडि़याघर के मालिक ने कुंवारापन भंग कराने के बदले जिंदा शेर देने की बात कही थी। नताली भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कौमार्य को दांव पर लगाया।
कौमार्य की कीमत 12 करोड़
वॉशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैनडियागो में रहने वाली 22 साल की एक छात्रा ने अपने कौमार्य को बेचने के लिए इंटरनेट पर बोली लगाने का ऑफर जारी किया। जिसके बाद करीब दस हजार पुरुषों ने इस ऑफर में दिलचस्पी दिखाई थी। नताली डायलन नाम की इस छात्रा ने अपना कौमार्य गंवाने का निर्णय मास्टर डिग्री की पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए लिया। इसके लिए लग रही बोली ने ढाई मिलियन डॉलर यानी करीब 12 करोड़ 15 लाख रुपए का आंकड़ा छू लिया।
क्या पढ़ाई इतनी मंहगी हो गई है और इसे पूरा करने के लिए कौमार्य को दांव पर लगाया जाना उचित है? आप अपने विचारों से हमें अवगत कराएं.. आगे पढ़ें के आगे यहाँ
पढ़ाई के लिए कौमार्य बेचने की ढ़ेर सारी घटनाएं सामने आई हैं, जिसे देखकर यही लगता है कि विदेशों में पढ़ाई के लिए युवा किस गलत राह पर जा रहे हैं। चंद रूपयों की खातिर लड़कियां न सिर्फ अपना देह बेच रही हैं बल्कि उनका खुलेआम प्रचार भी कर रही हैं। सबसे बड़ी बात है कि इस गलत तरीके के खिलाफ अभी तक किसी सामाजिक संगठन ने हस्तक्षेप नहीं किया है।
आइए डालते हैं लड़कियों के कौमार्य बेचने की घटनाओं पर एक नजर...
रोजी ने 6 लाख में बेच दिया कौमार्य..
लंदन में पढ़ाई की खातिर 18 साल की रोजी ने अपनी वर्जीनिटी को सिर्फ 6 लाख में बेच दिया। रोजी ने अपने कौमार्य को बेचने के लिए बाकायदा नेट पर नीलामी करवाई थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। एक 40 साल के इंजीनियर ने रोजी के कौमार्य को 8400 पाउंड(6 लाख रूपए) में खरीद लिया। जिसके बाद रोजी ने एक होटल में उस इंजीनियर के साथ एक रात गुजारी।
कौमार्य के बिक जाने के बाद रोजी काफी रोई और पछताई लेकिन उसने बताया कि यह सब उसने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए किया। वह ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हैं। रोजी ने बताया कि उसका पढ़ाई का खर्चा पूरा नहीं हो पाता था, वह अभी अंडरग्रेजुएट है और ग्रेजुएट तक आते-आते तो ढ़ेर सारे कर्जे उसके उपर हो जाते इसलिए उसने अपने कौमार्य को एक सस्ती कीमत पर बेंच दी।
पढ़ाई के लिए बेचना चाहती है कौमार्य
बर्लिन। रोमानिया की एक छात्रा ने यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने कौमार्य को दांव पर लगा दिया। कारकेल ओल्टा काउंटी निवासी 18 वर्षीय एलिना पर्सिया ने इस संबंध में एक जर्मन वेबसाइट www.gesext.de में अपने कौमार्य की बोली आमंत्रित की। एलिना पर्सिया ने नेट पर एक विज्ञापन में कहा है, मेरा वजन 44 किग्रा है, लंबाई 5.67 फीट उंचाई, आंखें भूरे रंग की हैं। मैं स्मोकिंग नहीं करती हूं। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा मेरे कौमार्य का प्रमाणित सर्टिफिकेट है, जो बताता है कि मैं अभी कुंआरी हूं। मैं अपनी इस विशेषता का खास उपयोग करना चाहती हूं। मेरे कौमार्य की बोली लगाने वाला व्यक्ति मेरे साथ एक सप्ताह गुजार सकता है और उसे होटल, ट्रेवलिंग आदि के भी सभी खर्च वहन करने होंगे। अपने कौमार्य की नीलामी लगाने वाली पर्सिया का कहना है कि वह अपनी पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसा जुटाना चाहती है।
कौमार्य के बदले शेर देने की पेशकश
कैलिफोर्निया। पढ़ाई के लिए अपने कुंआरापन बेचने की तैयारी कर रही नताली को कई तरह के ऑफर मिले। नताली को एक चिडि़याघर के मालिक ने कुंवारापन भंग कराने के बदले जिंदा शेर देने की बात कही थी। नताली भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कौमार्य को दांव पर लगाया।
कौमार्य की कीमत 12 करोड़
वॉशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैनडियागो में रहने वाली 22 साल की एक छात्रा ने अपने कौमार्य को बेचने के लिए इंटरनेट पर बोली लगाने का ऑफर जारी किया। जिसके बाद करीब दस हजार पुरुषों ने इस ऑफर में दिलचस्पी दिखाई थी। नताली डायलन नाम की इस छात्रा ने अपना कौमार्य गंवाने का निर्णय मास्टर डिग्री की पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए लिया। इसके लिए लग रही बोली ने ढाई मिलियन डॉलर यानी करीब 12 करोड़ 15 लाख रुपए का आंकड़ा छू लिया।
क्या पढ़ाई इतनी मंहगी हो गई है और इसे पूरा करने के लिए कौमार्य को दांव पर लगाया जाना उचित है? आप अपने विचारों से हमें अवगत कराएं.. आगे पढ़ें के आगे यहाँ
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ReplyDeleteमहंगी तो नहीं पर जिस्म की प्यास को बुझाने का एक बहाना जरुर बन गया है
ReplyDeleteइससे तो अच्छा है की अनपढ़ ही रहें
संस्कार इतने सस्ते नहीं होना चहिये
... पढाई तो बहाना है ये लडकियाँ मात्र पब्लिसिटी चाहती है, पहले मुफ्त मे जिस्म बाँटती थी अब पब्लिसिटी के लिये बेच रही हैं, रही बात पढाई व पैसों की ! यह तो मात्र दिखावा है। ऎसे लोगों पर अंकुश लगाना जरुरी है अन्यथा ...?
ReplyDeleteयह बेहद दुखद है
ReplyDeleteलोगों ने इमां बेचा ,कोई बात नहीं छोटी चीज थी ,
ReplyDeleteदेश की सुरक्षा बेचीं,शहीदों के कफन बेचे ...फिर आप औरत की virginity
पर ही क्यों भाला ले कर खड़े हैं ...आदमी (गे) भी कुछ बेचता है कौमार्य या कुछ और
इस पर भी आपको शोध करना चाहिए ..
सब पाप के रास्ते पर है
ReplyDelete@naturica gr88
ReplyDeletei agreee
pahle to thaa chola burka, burke se wo kurta bana,kurte se phat kar choli bani,choli ke aage kya hoga?
ReplyDeleteye geet boll hain jeese kayee sall pahale keeshee ne likha thaa, sayad aaj ke liye dukh hota hai aisa jaanne par. par ham to tamashbeen hain hamko isse kya? ek dusre par dosaropan karne se bat nahin banegi,aapko sahi rah dikhani hogi,apne bachon ko.unhe jo achha laga kiya ,aapne kya kiya? 9222007974.ABHISHEK KOLKATA.
bhala kiya jo bech diya varna bikti mooli ke bhav.
ReplyDeleterahi bat us kharidar ki, uske ghar beti janme.
......
vaise bhi bikti rahti hai, beti in bazaro mein.
kimat usne acchi le li, jisne diya chutiya tha.