सारान्श यहाँ चुनावी माहोल में नेता लोग शायद देश की वास्तविक समस्याओं को भूल गए है!तभी तो सब एक दूसरे पर टीका टिप्पणी करने लगे है...!इनकी बातें सुन कर तो ऐसे लगता है जैसे देश में कोई मुद्दा ही नहीं है..!मोदी .कांग्रेस को बूढी बता रहे है तो कांग्रेस वाले बी जे पी को ?चलो दोनों .बूढी नहीं है...युवा है...पर ये तो बताइए युवा जन के लिए आपकी क्या योजना है....युवा वर्ग को क्या तोहफा देंगे आप?आज पूरे विशव में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है....युवाओं की नोकरियाँ जा रही है...!कुछ दिनों के अन्दर ही लाखों युवा बेरोजगार हो गए है...!हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है...!क्या हम बचा पाएंगे?मिलेगी नोकरी...?दूर होगी आर्थिक मंदी?इसके अलावा महंगाई भी सुरसा की तरह मुह बाए खड़ी है...?कीमते आसमान छू रही है...और नेताओं को मसखरी सूझ रही है....!क्या देश में अब कोई मुद्दा नहीं रहा...जो ने३त फालतू की बहस छेड़े .बैठे है....अब आप देखिये किस तरह ये लोग एक दूसरे पर कीचड उछालते फ़िर रहे है...?गडे मुर्दे उखाड़ने से या धर्म की ठेकेदारी करने से .क्या होगा...?युवा लोग आपसे उम्मीद लगायें बैठे है....उन्हें होंसला दीजिये...?आर्थिक मंदी दूर करने का ठोस प्रबंधन कीजिये....? आगे यहाँ
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
bilkul sahi kaha ..ham ummid hi to paale hue baithe hai ...
ReplyDeleteराजनीति मुद्दों से भटक गयी है
ReplyDeleteचुनावी मुद्दे नजर ही नहीं आ रहे है,सिर्फ वरुण गाँधी जैसी नौटंकी चल रही है