अब तक सुनते आए हैं" भाजपा एक साम्प्रदायिक दल है " । बार-बार बाबरी मस्जिद विध्वंस और गोधरा का राग का गायन सभी तथाकथित सेकुलर दल करते रहते हैं । चुनाव प्रचार चरम पर है । लालू , पासवान , मुलायम , सोनिया , राहुल , समेत वामपंथी नेता भी सेकुलर बयान दे रहे हैं । मुस्लिम वोट बैंक के खातिर ये सेकुलर आपस में भी भिड जाते हैं । आज ही लालू ने कहा " - बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए कांग्रेस भी दोषी " । चलिए मान लिया कि भाजपा के पास साम्प्रदायिकता ही एक मुद्दा है । पर हर कोई तो उसी साम्प्रदायिकता कीआग पर अपना -अपना वोट बैंक गरम कर रहे हैं ।अगर भाजपा हिंदू वोट बैंक ( जो कभी एक साथ नही होते , क्योंकि हमें तो छद्म सेकुलर होने का शौक चढा है ) की राजनीति करती है तो और सारे दल मुस्लिम वोट बैंक( जो एक मुस्त बगैर सोचे -समझे भावना में बह कर मतदान करते हैं) की राजनीति करते हैं । ज्यादा बताने की जरुरत नही है किये छद्म धर्मनिरपेक्ष नेताओं कीअसलियत क्या है ? धर्म को अफीम बताने वाले वामपंथियों के लिए केवल धर्म अछूत है बाकीसब चलता है । केरल में कट्टरपंथी अब्दुल नासिर मदनी से मिलकर चुनाव लड़ने की ख़बर अभी कुछ दिन पहले ही जनसत्ता ने प्रकाशित की थी । प्रश्न है कि बार-बार राम-जन्मभूमि के मुद्दे को उठाकर मुस्लिमो की भावना भड़काना कहाँ तक उचित है ? अगर वाकई लालू जैसे सेकुलरों को मुसलमानों की चिंता है तो मन्दिर-मस्जिद से हटकर उनके शिक्षा - स्वस्थ्य - रोजगार की बात क्यूँ नही करते ? कुल मिला कर मुद्दे की बात यह है कि सांप्रदायिक भाजपा कुछ करती है तो समझ में आता है लेकिन इन सेकुलरों के कारनामे जनता तक पहुँचने चाहिए ।
मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
ReplyDeletebilkul satya likha hai aapne...
ReplyDeleteallam ji sahmat hone ke liye shukriya ki aapne dharm se uthkar sach ko swikara
ReplyDeleteअच्छा लिखा है
ReplyDeleteइसी तरह लिखते जाइए