संजय जी और तमाम ब्लॉगर मित्रों ,
मैं लेखन थोथी प्रशंसा पाने के लिए नहीं करता हूँ ।
मेरे लेखन का उद्देश्य सार्थक मुद्दों पर बहस के जरिये जागरूकता पैदा करना है । मैं कोई व्यावसायिक पत्रकार नहीं बल्कि राजनैतिक और सामाजिक कार्यकर्त्ता हूँ और पत्रकारिता को क्रांति का हथियार मानता हूँ ।
इतना सब कहने का मतलब कि पोस्ट पर टिप्पणी करते समय कृपा कर सम्बंधित मुद्दे का ध्यान रखें और केवल दिखावटी तारीफ न करें ।
मसलन , कुछ टिप्पणी जैसे - अच्छा लिखा है, बहुत अच्छा लिखा है, बढ़िया लेखन , शुभकामनाये , आदि । इनसे ऐसा लगता है कि बस बगैर पढ़े कुछ भी लिख दो और चलते बनो । जरा मेरी बात को अन्यथा नहीं लेंगे . --
मैं लेखन थोथी प्रशंसा पाने के लिए नहीं करता हूँ ।
मेरे लेखन का उद्देश्य सार्थक मुद्दों पर बहस के जरिये जागरूकता पैदा करना है । मैं कोई व्यावसायिक पत्रकार नहीं बल्कि राजनैतिक और सामाजिक कार्यकर्त्ता हूँ और पत्रकारिता को क्रांति का हथियार मानता हूँ ।
इतना सब कहने का मतलब कि पोस्ट पर टिप्पणी करते समय कृपा कर सम्बंधित मुद्दे का ध्यान रखें और केवल दिखावटी तारीफ न करें ।
मसलन , कुछ टिप्पणी जैसे - अच्छा लिखा है, बहुत अच्छा लिखा है, बढ़िया लेखन , शुभकामनाये , आदि । इनसे ऐसा लगता है कि बस बगैर पढ़े कुछ भी लिख दो और चलते बनो । जरा मेरी बात को अन्यथा नहीं लेंगे . --
जयराम जी,मैं आपकी बात सुनकर खुश हुआ की आप लेखन थोथी प्रशंसा पाने नहीं करते.मगर हम भी इस बीमारी के जकडे नहीं है की किसी की थोथी प्रशंसा करें !
ReplyDeleteमुझे जो लगा सो अब तक कहा लेकिन अब आगे से आपकी पोस्ट की समीक्षा में अच्छी तरह से करूंगा!
सुक्रिया !