कहते है अल्लाह , इश्वर, ने सबसे खूबसूरत और ज़हीन कोई ऐसी चीज़ बनाया तो इंसान. उसके बाद इंसानियत को एक दुसरे से जोड़ा ' प्यार, इश्क, और मोहब्बत से ' अब जब प्यार शब्द का नाम आही गया तो क्यों न हम तफसील से लिख कर अप्प सभी तक पहुँचाऊ , प्यार' क्या है ये एक दिली रिश्ता है जो दिलो से निकलकर दूसरों तक पहुँचती है, इस पारकर इससे कई रिश्ते पनपते है चाहे वो माँ का प्यार हो भाई- बहन का हो , मुल्क से हो , वगैरह , लेकिन आज दुनिया कितनी तेजी से भाग रही है उसी तरह इंसान भी सभी रिश्तों के अल्फाज़ को तक पर रखकर उस अल्फाज़ के माने को अलग थलग कर दिया है आज इंसान सिर्फ पैसों से ही अपना रिश्ता नाता बना लिया है . मां बाप , भाई- बहन , यह कैसा रिश्ता है वो तो कब का भूल चूका है , जैसे जैसे मुल्क तरक्की के रस्ते से गुज़र रहा है वैसे वैसे इंसान माडर्न होता चला जा रहा है, आज का प्यार सिर्फ एक दिखावा वो छलावा है अगर आपके पास पैसे है तो रिश्ते अपने आप बनते चले जाते चाहे वो किसी मायेने से हो , मिसाल के तौर पर आज हम नौजवानों की प्यार इश्क और मोहब्बत की तरफ ले जाते है , आज का नौजवान प्यार को अपनी जेब में रखता है वो किसी से प्यार नहीं karta सिर्फ और सिर्फ उसका खिचाओ होता है यह उसको भी पता है क्योंकि उसको मालूम है हमे इस दुनिया me भागमभाग ज़िन्दगी में सिर्फ और सिर्फ चल कपट के द्वारा आगे चलना है ताकि ज्यादह से ज्यादह कोर्रेप्शन करके आगे निकल सके , हम यह बिलकुल भी नहीं कहते प्यार नाम शब्द अब जिंदा नहीं रह गया है बिलकुल जिंदा है कुछ की लोगो की वजह से रिश्ते आज भी कायम है और होते रहेंगे लेकिन पहले की मोहब्बत की जैसे मिसाल दी जाती थी ( रोमियो जूलियट, लैला मजनू आदि) अब वो इश्क ab कहा रहा इश्क तो अब सिर्फ अश्क बन गया है किसी का दिल टूट रहा है किसी के रिश्ते खंडहर में तब्दील हो रहे है hum sab दुनियावी मायाजाल में फंसते चले जा रहे है रिश्तों को ताकों पर रख दिया है वादों का गला घूंट दिया है , खैर बस हम येही चाहते रिश्तों को जिंदा रखने के लिए हम सभी दुनियावी माया जाल से निकल कर रिश्ते की बुनियाद को मज़बूत करें ताकि आने वाले दिनों में रिश्ता सिर्फ इक लाइलाज बीमारी न बन जाये , लोगो का भरोसा रिश्ते नाम से अलग हो जाए , इसलिए हम इक बार फिर वादा करें प्यार इश्क और मोहब्बत यह जो हमे सिर्फ अल्फाज़ लगते है इसको दिलों की गहराईयों तक पहुँचने का काम करें येही दुनिया और आखिरत के लिहाज़ से बेहतरीन इंसानी काम होगा.
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर