Skip to main content

शाकाहार या मांसाहार?

इस ब्लॉग में कुछ दिनों पहले छपी पोस्ट ''मांसाहार क्यों जायज़ है'' मैंने काफी रुचि लेकर पढी. मुझे बहुत अफ़सोस है की एक विषय को धर्म आदि से जोड़कर जायज़ दिखाया जा रहा है। यह सर्वविदित है की मांसाहार कई रोगों का घर है और मनुष्य के स्वभाव में आक्रामकता पैदा करता है। संभवतः शाकाहारी होने के कारण ही भारतीय लोग लड़ने-मरने का दम नहीं रखते, ऐसी बात अक्सर लोग कहते हैं पर यह बकवास है। यदि भारतीय लड़ने-मरने का दम नहीं रखते तो इसके पीछे उनकी दार्शनिकता और आरामतलबी है। और अब तो भारतीयों ने अपनी बुद्धि और काबिलियत का हर जगह लोहा भी मनवा लिया है। ऐसे लोगों में शाकाहारियों का प्रतिशत ही ज्यादा निकलेगा।
मुझे जो बात बुरी लगी वो यह है की फिजूल के तर्क करके मांसाहार करना जायज़ बताया गया है। मैं मांसाहारियों से नफरत नहीं करता या किसी पर शाकाहार नहीं थोपता पर इस बात पर हमेशा बल देता हूँ कि शाकाहार मनुष्य के लिए उत्तम है। ऐसे प्रदेशों में जहाँ साग-सब्जी उत्पन्न नहीं होती वहां यदि लोग मांसाहार करते हैं तो इसमें कोई दोष नहीं है। बौद्ध धर्म में मांसाहार को त्यागने के लिए कहा गया है पर तिब्बत में रहने वाले सभी लामा आदि मांसाहारी हैं क्योंकि वह उनकी मजबूरी है।
यह तर्क (पोस्ट में नहीं किया गया) की यदि लोग मांस खाना छोड़ दें तो चारों और जानवरों की भरमार हो जायेगी बेहद हास्यास्पद है। यह ध्यान रखें की प्रकृति हमारे लिए हमेशा ही संतुलन बना देती है। ऐसे सैंकडों जानवर हैं जो मांसाहारी हैं पर उनकी संख्या सीमित है। लोग बहुधा ऐसे पशुओं को ही खाते हैं जो स्वयं मांसाहारी नहीं होते। भारत में लोग मुर्गे, बकरे, तीतर, भैंस, सूअर, ऊँट आदि जानवर खाते हैं पर इनमें से कोई भी मूलतः मांसाहारी नहीं होता।
मनुष्य पहले मांसाहारी ही होता था। इसीलिये मनुष्यों के कुछ दांत मांस खाने वाले जानवरों की तरह हैं। हजारों सालों की विकास यात्रा में मनुष्यों ने पेड़ पौधों को उगाकर भोजन के रूप में लेने में अपना भला पाया इसीलिये शाकाहार को वे क्रमिक तौर पर अपनाते गए। धर्मों ने शाकाहार के पक्ष में तो बहुत बाद में कहा। मांसाहार के पक्ष में यह नहीं कहना चाहिए के हिंदू अथवा इस्लाम में मांसाहार के फायदे बताये गए हैं। वो ज़माना कुछ और था। सैंकडों सालों पहले प्रचलित हजारों बातें आज बिल्कुल बेकार की साबित हो चुकी हैं। समय बदलने के साथ साथ आदमी प्रगति कर रहा है और अधिक से अधिक लोग शाकाहार अपनाते जा रहे हैं। क्या वे सब बेवकूफ हैं?
मांसाहारी भोजन में कुछ प्रोटीन और तत्व अधिक हो सकते हैं पर वह शाकाहारी भोजन की गुणवत्ता का मुकाबला नहीं कर सकता। ऐसे अनेकों पोषक तत्व हैं जो मांस में रत्ती भर भी नहीं मिलते पर साग-भाजी में प्रचुर हैं। यह न भूलें की आपके भोजन का ७५% भाग शाकाहारी होता है। कोई भी आदमी चिकन और मटन रोटी और चावल के बगैर नहीं खाता। ऐसे लोग विरले ही होते होंगे जो खाने की टेबल पर बैठकर पूरी चिकन करी खा जायें और रोटी-चावल को हाथ भी न लगायें।
पेड़ पौधों में मन और भावनाएं होने की बात मैं भी मानता हूँ, लेकिन क्या आपने कभी उस मुर्गी या बकरे की तड़प देखी है जिसे कसाई काटने के लिए पकडे होता है? एक आदमी कोई गाली दे दे तो लोग मरने-मारने पर तैयार हो जाते हैं, वही आदमी दो इंच की जीभ के लपलपाने पर हंसते-खेलते प्राणी को मज़े से ठूंस जाता है। एक पेड़ की पत्ती आप उसके दुःख-दर्द की चिंता किए बिना तोड़ सकते हैं, लेकिन एक छोटे से चूजे को आप तडपाये बिना मार नहीं सकते। पौधों में दो इन्द्रियां और मनुष्यों में पाँच इन्द्रियां होने की बात बकवास से ज्यादा कुछ नहीं है।
और आख़िर में यहाँ-वहां की सारी बातें छोडिये और अपनी उंगली में एक आलपिन गहरे तक घुसा कर देखिये की आपको कितना दर्द होता है। लोग खाने में एक बाल या एक चींटी गिर जाने पर खाना फेंक देते हैं और वही लोग एक बेजुबान जानवर का मांस, उसका खून और उसकी हड्डियों को मजे से चट करके खाते हैं.
यदि शाकाहारी भोजन में इतनी कमियां होतीं तो दुनिया के करोडों शाकाहारी लोग भरपूर ज़िन्दगी नहीं जी पाते। संसार के कई महान व्यक्तियों ने मांसाहार को त्याग दिया। महान शाकाहारी जोर्ज बर्नार्ड शा लगभग १०० साल जिए और महात्मा गाँधी भी कई वर्षों तक जीते। हमारे अमिताभ बच्चन जी भी पूरे शाकाहारी हैं। हॉलीवुड की कितनी ही हस्तियां न केवल शाकाहारी हैं बल्कि शाकाहार का प्रचार भी करती हैं।
अपने पेट को भोले-भाले, मासूम, निर्दोष, मूक पशुओं का कब्रिस्तान न बनायें। हो सकता है कि ईश्वर ने इन बेजुबानों को मनुष्यों के भले के लिए पैदा किया हो पर यदि हम उन्हें नहीं खायेंगे तो उनका अधिक भला होगा।

Comments

  1. bahut achha lekh hai. aapko bahut baut badhai
    nishant jee. bahut khoob.
    -vinay bihari singh

    ReplyDelete
  2. निशांत जी और बिहारी जी आप दोनों से गुजारिश है कि मेरा ब्लॉग अवश्य देखे | http://swachchhsandesh.blogspot.com/

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally