Skip to main content

जय हो धर्मनिरपेक्षता

भारत आरम्भ से ही धर्म निरपेक्ष राज्य रहा है। यों SECULAR शब्द को संविधान की प्रस्तावना में घुसेड़ने का श्रेय श्रीमती इन्दिरा गान्धी का है। घुसेड़ने शब्द का प्रयोग बहुत ही प्रासंगिक है। जब सन 1947 से ही 'सर्व धर्म सम्भाव' की भावना एवं कार्यप्रणाली हमारे तन्त्र का आवश्यक अंग थी,तो इसे संविधान की प्रस्तावना में घुसेड़ना, श्रीमती गान्धी द्वारा किया गया सिर्फ एक सस्ती लोकप्रियता भुनाने का प्रयास भर था।वैसे धर्म निरपेक्षता और Secular दो अलग अलग संज्ञायें हैं। साधारणतया Secular शब्द का अर्थ होता है धर्म विहीनता या धर्म की अनुपस्थिति जबकि धर्म निरपेक्षता का अर्थ है 'सर्व धर्म सम्भाव' या आधिकारिक रुप से किसी भी विषय पर धर्म के आधार पर कोई निर्णय नहीं लेना। इस सारे संवाद में एक मूलभुत कठिनाई है। अंग्रेजी में 'धर्म' के लिये कोई शब्द है ही नही, तो 'धर्म निरपेक्षता' के लिये अंग्रेजी शब्द ढुंढना पूर्णतया बेमानी है।शायद संविधान में धर्म और RELIGION के फर्क को समझने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। इसीलिये secular शब्द को घुसेड़ कर इन्दिरा गांधी ने मूर्खता या बाजारु Populist प्रक्रिया का परिचय भर ही दिया है।अगर हम मूल भावना की ओर जाते हैं तो धर्म निरपेक्ष अधिक सही बैठता है। Secular या धर्म विहीनता मनुष्य को इन्सानियत से ही परे कर देती है।यहाँ महात्मा गांधी को उद्धृत करना अत्यन्त प्रासंगिक है। गान्धी जी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि भारत में राजनीति एवं धर्म को अलग अलग नहीं किया जा सकता। इस संवाद को समझने के लिये गांधी जी को एवं धर्म शब्द को परिभाषित करने की आवश्यकता है। अरविन्द घोष ने कहा था कि सनातन धर्म के उत्थान व जागरण में ही भारत का उत्थान व जागरण निहित है। विश्व में हिन्दू धर्म एक अकेला ऐसा धर्म है,जो किसी भी भौगोलिक राष्ट्र के संरक्षण की आवश्यकता महसूस नहीं करता। ब्रिटेन जैसे अग्रणी राष्ट्र का राज्य धर्म Protestant है। अमेरीका में अलग अलग प्रान्तों के अलग अलग अलग राज्य धर्म हैं। भारत का एक तथाकथित अभिजात्य या बुद्धिजीवी वर्ग आज हिन्दुत्व शब्द मात्र को ओछा एवं घृणित मानने लगा है।सरकार की प्रत्यक्ष एव अप्रत्यक्ष सोच यह ही है कि यहां सिर्फ हिन्दुओं को ही धर्मनिरपेक्ष रहना है,अन्य सभी धर्म वालों को मनमानी करने के सारे अधिकार हैं। अंग्रेजी की कहावत की "To Bear One's Cross" हिन्दु चुंकि एक Majority है और जांत पांत के नाम पर बंटी हुई है और अल्पसंख्यक समुदाय का वोट बैंक है इसलिये हिन्दुओं को चुपचाप सरकारी apartheid सहन करना लाजिमी है। यानि secularism का "Cross Bear" सिर्फ बहुसंख्यक की जिम्मेदारी है। शेष समाज अल्पसंख्यक के नाम पर महज 10% अंक प्राप्त भर कर लेने से secular का दर्जा प्राप्त कर लेता है लेकिन हिन्दुओं के लिये पास मार्क्स 100% हैं।भारत में secularism एक ऐसा शब्द हो गया है कि आप हिन्दु शब्द का उच्चारण मात्र करने से या तिलक लगा लेने से Fanatic या कम से कम non secular की परिधी में तो आ ही जाते हैं। कुछ हद तक हिन्दी प्रेमी भी सन्देह के घेरे में तो आ ही जाते हैं। अगर आपको सेक्युलर दिखना है तो अंग्रेजी में बातें कीजिये,अंग्रेजी में लिखिये।सर्वोच्च न्यालाय ने भी धर्मान्तरण को धर्म निरपेक्षता के दायरे में रखने से मना किया है। तथापि कुछ राज्यों में यथा ओड़ीशा में लागु "Freedom of Religion Act" को अल्पसंख्यकों ने धार्मिक कट्टरवाद की संज्ञा दी है। सर्वोच्च न्यालाय ने कहा था प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने,प्रचार करने एवं प्रसार करने की स्वतन्त्रता है। लेकिन धर्मान्तरण प्रचार एव प्रसार की परिसीमा के बाहर है। किसी भी व्यक्ति या समूह को प्रलोभन या अन्य किसी प्रकार के मिथ्याचरण से वशीभुत कर धर्मान्तरण करवाना उस व्यक्ति की धार्मिक स्वतन्त्रता पर कुठाराघात है। स्वामी विवेकानन्द ने तो यहां तक कहा है कि, एक धर्मान्तरित हिन्दु से सिर्फ एक हिन्दु की संख्या कम ही नहीं होती है,वरन एक शत्रु की संख्या भी बढ़ जाती है।इसाई प्रचारकों के अनेक संवाद हैं जहां धर्मान्तरण को अत्यन्त महत्व दिया गया है। यहां तक कि स्वय पोप ने अपनी भारत की यात्रा के दौरान कहा था 'Conversion is the Basic Tenet of Christianity'। यह दारुल इस्लाम की नाईं 'Land Of Christianity' और 'civilising others is the white mans burden' द्वारा एक और exclusivism का परिचय है। धर्म निरपेक्षता भारत में सिर्फ वोट बटोरने का एक बाजा हो कर रह गया है। एक भी राजनैतिक दल इस पर इमानदारी से काम करने के लिये आग्रही नहीं है। पाकिस्तान में कहा जाता है कि मदरसों को सरकार से मान्यता प्राप्त करनी आवश्यक होगी। वहीं पशिम बंगाल के मुख्यमन्त्री यहां ऐसा कहने के तुरन्त पश्चात माफी मांगते हुये अपना बयान वापस लेते हैं। एक धर्म निरपेक्ष राज्य के प्रधान मन्त्री किस हक से धर्म के नाम पर एक वर्ग विशेष को "राष्ट्रीय संसाधनों पर प्रथमाधिकार" देने का बयान देते हैं मेरी समझ से परे है। यह सिर्फ तुष्टीकरण है या एक राजनैतिक चाल है। पहले जति के नाम पर आरक्षण अब धर्म के आधार पर आरक्षण। जहां अंग्रेजों ने भारत को दो टुकड़ों में बांटा ये तुच्छ एव टुच्चे नेता इस राष्ट्र के सौ टुकड़े कर देंगे। क्या विडम्बना है कि ये सारी ओछी राजनीति secularism के नाम पर ही हो रही है। विरोधी स्वरों को धार्मिक कट्टरता की संज्ञा दे कर अपनी संख्या की दुन्दुभी से दबा जिया जाता है।भाजपा एव संघ को कट्टरवादी करार देना मीडिया की वामपथी या "राजनैतिक CORRECT" छवि बनाने के तहत एक मजबूरी है। आजतक एक भी सार्थक बहस इस मुद्दे पर नहीं हो पायी है कि कौन सा राजनैतिक दल भाजपा की तुलना में कम साम्प्रदायिक है। दूरदर्शन में अनेक बार इस मुद्दे पर बहस का नाटक होता रहता है। लेकिन वहां भी तर्क से परे फेंफड़ों की शक्ति का आह्वान ही होता है। कतिपय पैनेलिस्ट के तर्कों को सुनकर तो प्रतीत होता है कि उनकी परिभाषा के अनुसार तो गांधी,अरविन्द घोष,स्वामी विवेकनन्द इत्यादि सभी हिन्दु कट्टरवादी थे।तथाकथित मीडिया में बैठे लोग अद्भुत व चमत्कारी कुड़ा करकट पैदा करने की क्षमता रखते हैं। इनका अज्ञान और इनकी अक्षमता दोनो एक दूसरे के पूरक है।आजादी के पहले मुस्लिम लीग, कांग्रेस पर हिन्दु कट्टरता के जो जो इल्जाम लगा रही थी, आज कांग्रेस, भाजपा पर सारे के सारे वे ही इल्जाम लगा रही है। यानि आज कांग्रेस मुस्लिम लीग के आसन पर है और भाजपा कांग्रेस के।यह तो सर्व विदित है कि भारत के विभाजन में सबसे अधिक भूमिका मुस्लिम लीग की ही रही है। यानि आज कांग्रेस अपनी पूरी सक्रियता से मुस्लिम लीग के सम विघटनात्मक गतिविधियों मे बद्ध है। आजतक भारत में जितनी भी विघटनत्मक कार्य हुए हैं यथा भिन्डरेवाला , उल्फा, बोडो या JKLF इनके सबके नेताओं के पार्श्व में कांग्रेसक़ का हाथ रहा है। उदाहरण के तौर पर भिन्डरेवाला को कांग्रेस ने तात्कालीन अकाली एवं भाजपा गठबंधन सरकार को मुश्किल में डालने हेतू स्वर्ण मन्दिर में स्थापित करवाया। वह ही भस्मासुर बन इन्दिरा जी को लील गया। भारत में balkanisation के तमाम काम कांग्रेस अपने अदूरदर्शिता व शार्ट्कट्स के तहत करवाती रही है।भारत का सुविधावादी तथाकथित बुद्धिजीवी (गमले में उपजा वर्ग), तो सिर्फ अपनी और अपनों की सुनता है।इनमें से चाटुकारों और चारणों को अगर निकाल दिया जाये तो इनकी संख्या 99% तक कम हो जायेगी।


( कुछ दिनों पहले ये आलेख मेरे मेल पर किसी सज्जन ने भेजा था । माफ़ कीजियेगा उनका नाम मुझे ज्ञात नही है । आज अचानक ही ये लेख मेरे डी फाइल में दिख गया तो सोचा पोस्ट कर दूँ । )

Comments

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally