इस्लामी क़ानून में बलात्कार की सज़ा मौत है
बहुत से लोग इसे निर्दयता कह कर इस दंड पर आश्चर्य प्रकट करते हैं| कुछ का तो कहना है कि इस्लाम एक जंगली धर्म है | मैंने उन जैसे कई व्यक्तियों से एक सवाल पूछा था - सीधा और सरल | कोई आपकी माँ या बहन के साथ बलात्कार करता है और आपको न्यायधीश बना दिया जाये और बलात्कारी को सामने लाया जाये तो उस दोषी को आप कौन सी सज़ा सुनाएँगे ? मुझे प्रत्येक से एक ही जवाब सुनने को मिला- उसे मृत्यु दंड दिया जाये | कुछ ने कहा कि उसे कष्ट दे दे कर मारना चाहिए | मेरा अगला प्रश्न था अगर कोई व्यक्ति आपकी माँ, पत्नी अथवा बहन के साथ बलात्कार करता है तो आप उसे मृत्यु दंड देना चाहते हैं लेकिन यही घटना किसी और कि माँ, पत्नी या बहन के साथ होती है तो आप कहते हैं मृत्युदंड देना जंगलीपन है| इस स्तिथि में यह दोहरा मापदंड क्यूँ?
पश्चिमी समाज औरतों को ऊपर उठाने का झूठा दावा करता हैऔरतों की आज़ादी का पश्चिमी दावा एक ढोंग है, जिनके सहारे वो उनके शरीर का शोषण करते हैं, उनकी आत्मा को गंदा करते हैं और उनके मान सम्मान को उनसे वंचित रखते हैं | पश्चिमी समाज दावा करता है की उसने औरतों को ऊपर उठाया | इसके विपरीत उन्होंने उनको रखैल और समाज की तितलियों का स्थान दिया है, जो केवल जिस्मफरोशियों और काम इच्छुओं के हांथों का एक खिलौना है जो कला और संस्कृति के रंग बिरंगे परदे के पीछे छिपे हुए हैं |
अमेरिका में बलात्कार की दर सबसे ज़्यादा है
अमेरिका को दुनियाँ का सबसे उन्नत देश समझा जाता है| सन 1990 ई. की FBI रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका में उस साल 1,02555 बलात्कार की घटनाएँ दर्ज की गयी | रिपोर्ट में यह बात भी बताई गयी है कि इस तरह की कुल घटनाओं में से केवल 16 प्रतिशत ही प्रकाश में आ पाई हैं | इस प्रकार 1990 ई. की बलात्कार की घटना का सही अंदाज़ा लगाने के लिए उपरोक्त संख्या को 6.25 गुना करके जो योग सामने आता है वह है 6,40,968 | इस पूरी संख्या को 365 दिनों में बनता जाये तो प्रतिदिन के लिहाज से 1756 संख्या सामने आती है |
एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में प्रतिदिन 1900 घटनाएँ पेश आती हैं|
Nationl Crime Victimization Survey Bureau of Justice Statistics (U.S. of Justice) के अनुसार 1996 में 3,07000 घटनाएँ दर्ज हुईं| लेकिन सही घटनाओं की केवल 31 प्रतिशत ही घटनाएँ दर्ज हुईं | इस प्रकार 3,07000x 3,226 = 9,90,322 बलात्कार की घटनाएँ सन 1996 में हुईं| ज़रा विचार करें हर 32 सेकंड में एक बलात्कार होता है|
ऐसा लगता है कि अमेरिकी बलात्कारी बड़े निडर है|
FBI की 1990 की रिपोर्ट यह बताती है कि बलात्कार की घटनाओं में केवल 10 प्रतिशत बलात्कारी ही गिरफ्तार किया जा सके हैं जो कुल संख्या का 1.6 प्रतिशत है| बलात्कारियों में से 50 प्रतिशत को मुकदमें से पहले ही रिहा कर दिया गया| इसका मतलब यह हुआ कि केवल 0.8 प्रतिशत बलात्कारियों के विरुद्ध ही मुकदमा चलाया जा सका |
दुसरे शब्दों में अगर एक व्यक्ति 125 बार बलात्कार की घटनाओं में लिप्त हो तो केवल एक बार ही उसे सज़ा दी जाने की संभावना हैं| बहुत से लोग इसे अच्छा जुआ समझेंगे | रिपोर्ट से यह भी अंदाज़ा होता है की सज़ा दिए जाने वालों में से केवल 50 प्रतिशत लोगों को एक साल से कम की सज़ा दी गयी है| हालाँकि अमेरिकी कानून के मुताबिक सात साल की सज़ा होनी चाहिए| उन लोगों के सम्बन्ध में जो पहली बार सज़ा के दोषी पाए जातें हैं, जज़ नरम पद जाते हैं|
ज़रा विचार करें एक व्यक्ति 125 बार बलात्कार करता है लेकिन उसके विरुद्ध मुकदमा चलने का अवसर केवल एक बार ही आता है और फिर पचास प्रतिशत लोगों को जज़ की नरमी का फायेदा मिल जाता है और एक साल से भी कम मुद्दत की सज़ा किसी ऐसे बलात्कारी को मिल पाती है जिस पर यह अपराध सिद्ध हो चूका हो|
बलात्कार की सज़ा मौत: लाल कृष्ण आडवानी
हालाँकि मैं श्री लाल कृष्ण आडवानी जी की अन्य नीतियों और विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं हूँ लेकिन मैं सहमत हूँ लाल कृष्ण आडवानी के इस विचार से कि बलात्कारियों को सज़ा-ए-मौत देनी चाहिए | उन्होंने यह मांग उठाई थी कि बलात्कारी को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए| सम्बंधित खबर पढें...
इस्लामी कानून निश्चित रूप से बलात्कार की दर घटाएगा
स्वाभाविक रूप से ज्यों ही इस्लामिक कानून लागू किया जायेगा तो इसका परिणाम निश्चित रूप से सकारात्मक होगा | अगर इस्लामिक कानून संसार के किसी भी हिस्से में लागू किया जाये चाहे अमेरिका हो या यूरोप, ऑस्ट्रेलिया हो या भारत, समाज में शांति आएगी |
(इसी लेख से सम्बंधित एक लेख "पर्दा क्यूँ ज़रूरी है? क्या पर्दा रेप की दर घटा सकता है ? शीघ्र ही इस ब्लॉग पर आएगा.... )
पढ़ते रहिये............. हिंदुस्तान का दर्द
सलीम खान
संरक्षक
स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़
लखनऊ व पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
न मियां, हमें बलात्कारी को मौत देने से कोई आपत्ति नहीं है, पर जिसके साथ बलात्कार हुआ है उसे किसी भी हालत में मौत देने का क्या तुक? बलात्कार उसकी मर्ज़ी के खिलाफ हुआ है यह औरत को ही साबित करना होता है, गवाह भी लाने पड़ती हैं! और शहर या आबादी के आसपास यह घृणित कृत्य हुआ है तो औरत की पत्थरों से मार मार कर हत्या कर देना ही एकमात्र सजा है. क्योंकी शायद शरिया यह मानती है की आबादी के बीच बलात्कार होना संभव नहीं, वर्ना वह चिल्ला कर लोगों को बुला नहीं सकती थी?!!!
ReplyDeleteबलात्कारी को तो कोई भी सजा सही है, पर बलात्कृता को मौत क्यों? गवाहों सहित साबित करने का भार अत्याचार की शिकार औरत पर ही क्यों?
nice article... exclusive knowledge..
ReplyDeleteबलात्कारियों को मौत से छोटी सजा होना भी सविंधान पर सवाल है
ReplyDeleteइसे कम किसी को मंजूर नहीं होना चाहिए !
किसी भी समाज में सुख व शान्ति तब ही रह सकती है यदि वहां अपराधों से मुक्ति हो। अपराध से मुक्ति के लिये समाज दो प्रकार के उपाय अपनाते हैं। दीर्घकालिक उपाय है - बाल्यकाल से ही अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा-दीक्षा । तात्कालिक उपाय है - अपराधी को शीघ्रतम व कठोरतम सजा। हमारे देश में अच्छी नैतिक शिक्षा को यह कह कर हटा दिया गया है कि यह धार्मिकता सांप्रदायिकता फैलायेगी। सेक्युलरिज़्म का आदर्श हमने अपनाया हुआ है! कठोर दण्ड देने की व्यवस्था को भी हम नकार चुके हैं क्योंकि हमारा ध्येयवाक्य है - भले ही सौ अपराधी छूट जायें पर एक भी निरपराध को सजा नहीं मिलनी चाहिये। कहीं उनके हाथों किसी निरपराध को सजा न मिल जाये, शायद इसी संकोच के कारण हमारी न्यायपालिका बीस-तीस वर्ष तक मुकद्दमों पर फैसले ही नहीं देती हैं !!!
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