Skip to main content

शिकार बनी एक और छात्रा, जबर्दस्ती केमिकल पिलाया


गुंटूर,आंध्र प्रदेश। अभी हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के छात्र की मौत को हफ्ता भी नहीं बीता कि फिर रैगिंग ने एक छात्रा को अपना शिकार बना लिया। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बापटला इंजीनियरिंग कॉलेज में 20 साल की एक छात्रा को उसकी सीनियर्स ने केमिकल पीने पर मजबूर कर दिया और उसे मौत के मुंह में पहुंचा दिया।


मालूम हो कि 20 साल की त्रिवेणी पढ़ाई के लिए कर्नाकट के बापटला आई थी। यहां उसने इस गवर्नमेंट ऐग्रिकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। त्रिवेणी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। लेकिन कॉलेज में उसकी रैगिंग शुरू हो गई।


रैगिंग के नाम पर त्रिवेणी को काफी तंग किया गया। उसके कपड़े उतरवाए गए। फिर उसे बिना कपड़ों के नाचने को कहा गया। त्रिवेणी के साथ यही नहीं हुआ बल्कि उसे जबर्दस्ती हेयर डाई सॉल्युशन पीने को कहा गया, वो केमिकल जिससे लोग बाल रंगते हैं। त्रिवेणी ने मना किया तो उसे धमकी दी गई। मजबूरन बेचारी त्रिवेणी को बालों को रंगने वाला डाई पीना पड़ा।


रात में जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर के मुताबिक जब उसे लाया गया तो उसके चेहरे और गले में काफी सूजन थी। बड़ी मुश्किल से उसे बचाया जा सका।


वहीं त्रिवेणी के घरवाले भी कह रहे हैं कि उनकी बेटी लगातार रैगिंग की शिकायत करती थी और जब उन्होंने इसकी शिकायत कॉलेज प्रशासन से करने की सोची तो त्रिवेणी ने ये कहकर मना कर दिया कि सीनियर्स के खिलाफ बोलने से उसे पढ़ाई में नुकसान हो सकता है।
त्रिवेणी ने उन सीनियर छात्राओं का नाम भी बताया जिन्होंने उसे अस्पताल के बिस्तर पर पहुंचा दिया। इनके नाम हैं श्रेवंती, सौजन्या, नाजमा, वनीता और साहिथी।


गौरतलब है कि महज तीन दिन पहले गुड़गांव के रहने वाले एक नौजवान को हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में उसके सीनियर्स ने पीट पीटकर मार डाला। उसकी गलती बस इतनी थी कि उसने रैगिंग की शिकायत कॉलेज प्रशासन से की थी।

आगे पढ़ें के आगे यहाँ

Comments

  1. उन् सीनियर्स को गोली मर दो , सरकार या किसी तंत्र के भरोसे मत रहो , हर व्यक्ति को अपनी आखरी लडाई खुद लड़नी पड़ती है

    ReplyDelete
  2. कोई आपके लिए लड़ने नहीं आयेगा

    ReplyDelete
  3. ऊन सीनियर्स को गोली मार दो, सरकार या किसी तंत्र के भरोसे मत रहो हर व्यक्ति को आखरी लडाई खुद लड़नी पड्ती है कोई आपके लिए लड़ने नहीं आएगा

    ReplyDelete
  4. ye dinya aesi hi hai yaha hame apna bachav khud karna hai isliye hiimat aur aatmvishbas ke sath in sab ka samna karnma padhega ham sab aap sath hai

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा