लोकसभा चुनाव फ़िर आ गया ।
क्या सोच रहे हैं आप ? ?
पहले मैं भी वही सोचता था जो आप सोच रहे हैं !
अरे कब तक सिर्फ़ सोचते रहेंगे ?
आप मानिये या न मानिये राजनीति से हर एक नागरिक प्रभावित होता है । अम्बानी से लेकर भिखारी तक का जीवन इसी गन्दी राजनीति से चलता है ।
समझ गए आप !
तो क्या मैं आपको राजनीति में आने की सलाह दे रहा हूँ ?
नही ! नही !
आप जहाँ हैं, जैसे है , वही से अपनी भागीदारी बढाइये ।
सब से पहले राजनीति को गरियाना बंद कीजिये ।
सही प्रतिनिधि को चुनिए ।
इसके लिए आप सबों को वोट करना पड़ेगा जिसके लिए धुप में घंटो खड़े होना भी पड़ सकता है ।
क्या आप ये कष्ट उठाने के लिए तैयार हैं ?
क्या कहा ? हाँ !
चलो भाई अब आप पक्के भारतीय बन गए ।
अब क्या है ?
अगर इससे भी संतुष्टि न मिले तो जंग में शामिल हो जाइये ।
दांव पर सपनों को
लगा कर चल पड़ा हूँ
मंजिल तक पहुँचने में
कारवां बन ही जाएगा ।
लग तो रहा है
ReplyDeleteलेकिन राजनेताओं की बात का कोई भरोशा नही होता
सोनिया जी इसी लिए तो कह रहा हूँ " अगर संतुष्टि न मिले तो जंग में शामिल हो जाएये " हम एक आन्दोलन चला रहे हैं राजनीति से आम लोगो को जोड़ने के लिए ................ जिस नेता की बात हम करते हैं वो हमारे आपके बीच से ही तो आया है . आख़िर समाज ने उसे कैसे संस्कार दिए ? भ्रष्टाचार और राजनितिक शुचिता केवल नेताओ की समस्या नही है ये तो पुरे समाज की बात है ........ सोचना भी सब को मिल कर होगा ................... आएये पहल करे इस दिशा में .......................... सबसे पहले ख़ुद को इस लोकतान्त्रिक व्यवस्था से जोड़ कर ............... वोट करने का देश से वादा करें ....... वगैर कर्तव्यो के किस आधिकार की बात करते हैं हम ?...आगे पढ़ें!
ReplyDeleteबहुत सही बात आपने कही किसी न किसी को टो पहल करनी होगी तभी तो एक नए आन्दोलन की शुरुवात होगी
ReplyDelete