
विनय बिहारी सिंह
कृपया आप लोग भी यह लिखने का कष्ट करें कि सबसे पहले आपको कब लगा था कि ईश्वर है। आपने कब किसी संकट के क्षण में उन्हें याद किया और आपको आशा की किरण दिखाई पड़ी। या कब आपने किसी फूल से बच्चे को हंसते हुए देखा और आपको ईश्वर की याद आई। कृपया इस चर्चा को आगे बढ़ाएं। अपने ईश्वरीय अनुभवों को बांटें और महसूस किए हुए ईश्वरीय प्रकाश को दूसरों तक पहुंचाएं। निश्चय ही आपके जीवन में ऐसे क्षण आए होंगे, जब आपको लगा होगा कि हां, ईश्वर जरूर है और वह हमारी मदद करता है। हो सकता है हर बार आपको ऐसा महसूस न हो। लेकिन कभी कभी तो महसूस होता ही होगा। एक बार फिर आग्रह है कि आप इस विषय पर लिखें।
ishwar kahan nhi hai aap ye bataiye aur uska anubhav to har pal hota hai.hum hain.........yahi darshata hai ki ishwar hai varna hamara koi astitva hi nhi.vaise jahan tak anubhav ki baat hai to na jaane kitni baar anubhav hua ki ishwar to humse bhi 4 kadam aage chalkar hamari har vyavastha kar raha hai.
ReplyDeletehar pal ishwar ka anubhav hota hai ki wo har pal mere sath hain.
वंदना जी, आप का बहुत बहुत शुक्रिया. आप भाग्यशाली हैं क्योंकि आप हर पल इश्वर का अनुभव करती हैं. आपका comment पढ़ कर मन तृप्त हो गया.
ReplyDeleteविनय बिहारी singh
मुझे तो हर कदम पर यंकी होता है की खुदा है !
ReplyDeleteविनय जी अच्छा प्रश्न पुछा है आपने-
ReplyDeleteईश्वर तो है यह किसी विवाद का विषय नहीं है मेरे साथ भी कई बार ऐसे हालात बने थे जिनसे उबर पाना आसन नहीं था
लेकिन प्रभु की कृपा से सब ठीक हुआ !