भोपाल। आंध्रप्रदेश में इंजीनियरिंग के एक छात्र को उच्च शिक्षा के लिए लिए गए कर्ज को अदा करने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है।
सूचना प्रौद्योगिकी के लिए अग्रणी इस राज्य के वारंगल जिले के जनगांव मंडल के पेमबेर्थी गांव के विद्याभारती इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल में बी.टेक. तृतीय वर्ष के छात्र बीरू बालाकृष्णन को पढ़ाई के साथ ही साहूकार का कर्ज चुकाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत संचालित निर्माण कार्यों में मजदूरी कर पसीना बहाना पड़ रहा है।
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा आयोजित आंध्रप्रदेश के दौरे पर हाल ही में गए मध्यप्रदेश के पत्रकारों ने वारंगल जिले के पिद्दारामनचेरला गांव में चल रहे भूमि समतलीकरण के कार्य में जुटे श्रमिकों के बीच बीरू को भी देखा।
ऐल्लमा गांव के 20 वर्षीय बीरू ने बताया कि उसके पिता बुनकर है जिससे पर्याप्त आमदनी नही होती है उसका एक भाई कक्षा 10वीं में पढ़ रहा है।
बीरू ने बताया कि वह रविवार को और छुट्टी के दिन अपने गांव से तीन-चार किलोमीटर दूर पिद्दरामचेरली गांव में मजदूरी के लिए आता है और अब तक तीस दिन का काम कर चुका है। काम के लिए उसका ‘जॉब कार्ड’ भी बना है।
बीरू ने बताया कि उसने कालेज की 26,000 रुपए फीस जमा करने के लिए दस-दस हजार रुपए का ऋण साहूकारों से लिया है जिसके लिए उसे तीन और दो रुपए सैकड़ा प्रतिमाह ब्याज देना पड़ता है। हाल ही में उसे 13 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिली है। उसने बताया कि वह एमटेक करने का इच्छुक है।
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पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा आयोजित आंध्रप्रदेश के दौरे पर हाल ही में गए मध्यप्रदेश के पत्रकारों ने वारंगल जिले के पिद्दारामनचेरला गांव में चल रहे भूमि समतलीकरण के कार्य में जुटे श्रमिकों के बीच बीरू को भी देखा।
ऐल्लमा गांव के 20 वर्षीय बीरू ने बताया कि उसके पिता बुनकर है जिससे पर्याप्त आमदनी नही होती है उसका एक भाई कक्षा 10वीं में पढ़ रहा है।
बीरू ने बताया कि वह रविवार को और छुट्टी के दिन अपने गांव से तीन-चार किलोमीटर दूर पिद्दरामचेरली गांव में मजदूरी के लिए आता है और अब तक तीस दिन का काम कर चुका है। काम के लिए उसका ‘जॉब कार्ड’ भी बना है।
बीरू ने बताया कि उसने कालेज की 26,000 रुपए फीस जमा करने के लिए दस-दस हजार रुपए का ऋण साहूकारों से लिया है जिसके लिए उसे तीन और दो रुपए सैकड़ा प्रतिमाह ब्याज देना पड़ता है। हाल ही में उसे 13 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिली है। उसने बताया कि वह एमटेक करने का इच्छुक है।
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर