achchha to ye baat hai peace tv ke dalal ho tum ...................... ........... sab bazar ka khel hai dharm ki aad me arab desho se chanda maang -maang kar apni tijori bharne walon ki dalali mat kar bhai ........... aur ye jakir naik ya ravishankar ne kya theka le rakha hai dono dharmo ka . ... jakir ne le v rakha ho par ravishankar ko to hamne nahi diya . kyunki hamare yahan kisi ek dharmgranth ya dharmadhish ko bhramlakir nahi mana gaya . yahan aaj niji swatantrta hai .kaun kya kare kise mane ......... islamikaran ke is abhiyan se kuchh hasil nahi hoga are duniya jaise hai rahne do ... agar badalna hi hai dharm ko nahi wishwwyastha ko badalo .................... par ye sab to tumlogo ke aukat ke bahar hai .jitna dimag aur paisa aatanki paida karne main lagate ho utne mein to samuche muslim samaj ki garibi aur ashikasha door ho jayegi ...................... par tum to thehre lakir ke fakir ...................
actual men tum kuchh nahin jante ho tumharee prishth bhumi main batata hoon bharat ke kisis gaon se ya qasbe se sambandh hai tumhara aur jahan na tunme dhang ki padhaee ki naa hi insaniyat ke qareeb rahe ........rahe hote to is men tumhe koi buraee nahi lagti
जी संजय जी, वैसे आप केबिल ओपरेटर से संपर्क करके इसके लिए रिक्वेस्ट कर सकते है, शयेद काम बन जाये!! वेल.मैं ज़रूर कोशिश करूंगा !!!
आजकल अनाम लोगों की टिप्पणियां बहुत आ रहीं हैं मेरे पोस्ट पर, क्या उनको कोई डर लग रहा है मुझसे....डरने की बात नहीं है दोस्त...ज़रा सामने तो आ ओ छलिये छुप छुप छलने में क्या राज़ है..........
और हाँ वैसे भी कुरान में लिखा है:
"जिन लोगों ने इनकार (कुफ्र) किया उनके लिए बराबर है, चाहे तुमने उसे सचेत किया हो या सचेत ना किया हो, वे ईमान नहीं लायेंगे" अल-कुरान 2:6 (सुरह अल-बकरा)
"वे बहरे हैं, गूंगे हैं, अंधे हैं, अब वे लौटने के नहीं" अल-कुरान 2:18 (सुरह अल-बकरा)
और साथ में आगे अल्लाह कहता है-
"तुम ईश्वर के साथ अविश्वास की निति कैसे अपना सकते हो, जबकि तुम निर्जीव थे तो उसने तुम्हे जीवित किया, फिर वही तुम्हे मौत देता है, फिर वही तुम्हे जीवित करेगा, फिर उसी की और तुम्हें लौटना है" अल-कुरान 2:28 (सुरह अल-बकरा)
अम्बरीश भाई आप में इतनी ... क्यूँ है आईये एक स्वस्थ विचार के साथ आगे बढे और दुनिया को दिखला दें कि हम सब हिन्दोस्तानी एक हैं, हमारा विचार एक है और हमारा दर्द भी एक ही है !!!
क्या रविशंकरजी ने ठेका ले रखा है हिन्दुओं का, जो हिन्दुओं की तरफ से 'वार्ता' करेंगे? श्री श्री १००८ रविशंकरजी अपना सुदर्शन क्रिया इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड ही संभालें तो बेहतर होगा. हिन्दुओं का कोई धर्मगुरु, कोई एक ही धर्मग्रंथ नहीं है न ही कोई शरिया है.
वैसे मुस्लिम 'शांति' के इतने ही इच्छुक हैं तो सारा मुस्लिम जगत यह क्यों नहीं मान लेता की 'हिन्दू काफिर नहीं हैं'. साउदी और देवबंद भी यह औपचरिक रूप से मान लें तो झगडा ही ख़त्म, वर्ना काफिर भी कहोगे और शांति की बात भी करोगे तो क्या होगा? बताओ क्या होगा?
हो सकता है हिन्दुओं को काफिरों या दिम्मी की श्रेणी से हटा भी दिया गया हो, इसकी औपचरिक घोषणा की यूआरएल कृपया भेज दें.
और क्या यह सच है की मक्का मदीना जिस देश में स्थित है (पूर्णतः इस्लामिक देश; शरिया ही संविधान), उसमे औरतों के कार चलने तक पर प्रतिबन्ध है! और इसलाम के आलावा कोई भी मज़हब मान्य नहीं किया जाता, न ही गैर इस्लामियों को सहन ही किया जाता है!
sanjay is bar sahi bol rahe hainmudde ki bat honi chahiye par kya yahi mudda bacha hai ? yar loksabha chunaw nikat hai pure desh ke agle 5 saal ka bhawishya tay hone wala hai aur aap log yahan peace tv ke chakkar me hain . are shyad aap nahi jante hon doctor jakir naik ko main thoda bahut jarur janta hoon . unke kuchh anuyayi hamare jamia me padhai-likhai ke badle dharm pariwartan ke jugad me lage rahte hain . peace tv par pahle v kai baar ye ravishankar aur unke bich tathakathit sangram dikhaya ja chuka hai . isme ravishankar ke tarko ko hindu ki aawaj man kar harta hua dikhaya gaya hai . is sangram ki ek cd mujhe bhi di gayi thi . is tarah ke argument se koi hal nikalna hota to nikal chuka hota ! par kuchh log janbujh kar asli mudde se dhyan hatane ke liye bar bar dharm ki baat ki jati hai . yahi baat to bhajpa bhi karti hai ,, varun gandhi ne bhi to yahi kaiya par hangama kyun barpa hai . bat ye nahi kaun kya kah raha hai bat hai mudde kya hain ? purwagrah se grasit hokar lekhan ka kam koi sarthak nishkarsh nahi nikal sakta hai . main salim ji ka har lekh padhta hoon . aap log bhi wirodhi wicvharo ko padhna shuru kijiye . kabhi irshad manji aur anwar shekh ki kitabe bhi padh liya karo .
सिर्फ दो लोगों की बहस को टीवी पर देखने की गुजारिश के एवज़ में इतना विरोध, खाली देखने की गुजारिश के एवज़ में इतना विरोध, हे ईश्वर !
ठेका कोई नहीं लिया है, ना ही मैंने, ना ही आपने..............मेरा कहना है कि लौटिये वेदों की तरफ, लौटिये सत्य की तरफ, अपनईये ऐसी विचारधारा को..................जहाँ सबको सम्मान हो, सबके लिए जगह हो.................पढिये वेदों और कुरान को और जगाईये ईमान को !
अगर आप लोगों को वाकई ऐसा लगता है तो ठीक है, मैं लिखना बंद कर देता हूँ, क्यूंकि मैंने जैसा कि मुझे लगता है अब तक किसी के बारे में कोई बुरी नहीं करी है, ना ही किसी को मैं बुरा कहता हूँ.........मैं सिर्फ उन बैटन पर जोर देना चाहता हूँ, जो सबमे समान हैं!
फिर भी, अगर आप लोगों को या सनाजय जी को वाकई ऐसा लगता है कि मैं गलत कर रहा हूँ तो ठीक है, मैं लिखना बंद कर देता हूँ !
आप सबका अब तक बहुत स्नेह मिला, जिसके लिए आप सबका शुक गुजार हूँ!
सलीम खान संरक्षक स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ लखनऊ व पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
ama yar hakikat to yahi hai ki dharm ki aad me sati lokpriyta batori ja rahi hai. maine aapse kuchh sawal puchhe the jabab dene ke bajay idfhar udhar ki bat mat kijiye .
Jayram Baaboo, please ask your question? Main kahin nahin jaunga aapke sawaal ka jawaab diye bagair...lekin shart yah hai ki sawaal ko sawaal ki tarah likhna..... jaise
"bharat ke pahle pradhanmantri jawahar lal nehru the, unki mata ka naam kya tha ?"
सलीम जी मैंने आपको लिखने के लिए मना नहीं किया..आपको गलत समझ रहे है आपका स्वागत है आप लिख सकते है! बस मैं यही चाहता हूँ की जायज मुद्दों पर बहस हो! मैं चाहता हूँ की हिन्दुओं और मुस्लिमों में स्वयम को अच्छा साबित करने की बहस न हो एकता के साथ मुद्दों को हल करने के लिए बहस हो! आशा आप लोग मेरी बात सम्न्झेंगे
संजय जी, आपने ठीक कहा कि जायज़ मुद्दों पर बहस हो, एक दुसरे को श्रेष्ठ बताने के बजाये एकता के मुद्दे पर बहस हो!
आपने बिलकुल सही कहा !!
लेकिन क्या कभी आपको लगा कि मैंने एकमात्र कोई ऐसा पोस्ट डाला हो, जिसमें यह सन्देश जाता हो कि दुसरे लोगों की बुराई हो!?
अगर ऐसा कोई एक भी पोस्ट बता दें तो मैं मान जाऊंगा कि मैं गलत हूँ !!
जबकि मैं इसी ब्लॉग पर दुसरे ब्लोगर के एक नहीं कई ऐसे पोस्ट और कमेंट्स बता सकता हूँ, जिसमें उन्होंने खुल कर दूसरो की बुराई लिखी और बुरा भला कहा| मैं शिकायत नहीं कर रहा, मैं हकीकत बयान कर रहा हूँ!!!
वैसे आपकी जीवन कथा पढ़ी अच्छी लगी, कुछ कुछ मेरे से मिलती जुलती है !!!
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा
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रोज़ाना दस बजे सभी के देखने के लायक प्रोग्राम आता है ! ट्रूथ एक्स्पोस्ड !! ज़रूर देखा करें..........
ReplyDeleteachchha to ye baat hai peace tv ke dalal ho tum ...................... ........... sab bazar ka khel hai dharm ki aad me arab desho se chanda maang -maang kar apni tijori bharne walon ki dalali mat kar bhai ........... aur ye jakir naik ya ravishankar ne kya theka le rakha hai dono dharmo ka . ... jakir ne le v rakha ho par ravishankar ko to hamne nahi diya . kyunki hamare yahan kisi ek dharmgranth ya dharmadhish ko bhramlakir nahi mana gaya . yahan aaj niji swatantrta hai .kaun kya kare kise mane .........
ReplyDeleteislamikaran ke is abhiyan se kuchh hasil nahi hoga are duniya jaise hai rahne do ... agar badalna hi hai dharm ko nahi wishwwyastha ko badalo .................... par ye sab to tumlogo ke aukat ke bahar hai .jitna dimag aur paisa aatanki paida karne main lagate ho utne mein to samuche muslim samaj ki garibi aur ashikasha door ho jayegi ...................... par tum to thehre lakir ke fakir ...................
actual men tum kuchh nahin jante ho tumharee prishth bhumi main batata hoon bharat ke kisis gaon se ya qasbe se sambandh hai tumhara aur jahan na tunme dhang ki padhaee ki naa hi insaniyat ke qareeb rahe ........rahe hote to is men tumhe koi buraee nahi lagti
ReplyDeleteभाई यह चैनल तो हमारे यहाँ नहीं आता
ReplyDeleteअब इसके आगे तक की रिपोर्ट लाने की जिम्मेदारी भी सलीम जी आपकी है
बहुत बढ़िया जानकारी........!
जी संजय जी, वैसे आप केबिल ओपरेटर से संपर्क करके इसके लिए रिक्वेस्ट कर सकते है, शयेद काम बन जाये!! वेल.मैं ज़रूर कोशिश करूंगा !!!
ReplyDeleteआजकल अनाम लोगों की टिप्पणियां बहुत आ रहीं हैं मेरे पोस्ट पर, क्या उनको कोई डर लग रहा है मुझसे....डरने की बात नहीं है दोस्त...ज़रा सामने तो आ ओ छलिये छुप छुप छलने में क्या राज़ है..........
और हाँ वैसे भी कुरान में लिखा है:
"जिन लोगों ने इनकार (कुफ्र) किया उनके लिए बराबर है, चाहे तुमने उसे सचेत किया हो या सचेत ना किया हो, वे ईमान नहीं लायेंगे" अल-कुरान 2:6 (सुरह अल-बकरा)
"वे बहरे हैं, गूंगे हैं, अंधे हैं, अब वे लौटने के नहीं" अल-कुरान 2:18 (सुरह अल-बकरा)
और साथ में आगे अल्लाह कहता है-
"तुम ईश्वर के साथ अविश्वास की निति कैसे अपना सकते हो, जबकि तुम निर्जीव थे तो उसने तुम्हे जीवित किया, फिर वही तुम्हे मौत देता है, फिर वही तुम्हे जीवित करेगा, फिर उसी की और तुम्हें लौटना है" अल-कुरान 2:28 (सुरह अल-बकरा)
ईश्वर सबको सदबुद्धि दे !!!
कुछ नहीं होने वाला यहाँ
ReplyDeleteसब नौटंकी है..मुस्लिमो की
अम्बरीश भाई आप में इतनी ... क्यूँ है आईये एक स्वस्थ विचार के साथ आगे बढे और दुनिया को दिखला दें कि हम सब हिन्दोस्तानी एक हैं, हमारा विचार एक है और हमारा दर्द भी एक ही है !!!
ReplyDeleteतो आईयेगा ना इस रविवार को शाम छह बजे अपने टेलिविज़न स्क्रीन के सामने...... मिल कर देखेंगे
ReplyDeleteक्या रविशंकरजी ने ठेका ले रखा है हिन्दुओं का, जो हिन्दुओं की तरफ से 'वार्ता' करेंगे? श्री श्री १००८ रविशंकरजी अपना सुदर्शन क्रिया इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड ही संभालें तो बेहतर होगा. हिन्दुओं का कोई धर्मगुरु, कोई एक ही धर्मग्रंथ नहीं है न ही कोई शरिया है.
ReplyDeleteवैसे मुस्लिम 'शांति' के इतने ही इच्छुक हैं तो सारा मुस्लिम जगत यह क्यों नहीं मान लेता की 'हिन्दू काफिर नहीं हैं'. साउदी और देवबंद भी यह औपचरिक रूप से मान लें तो झगडा ही ख़त्म, वर्ना काफिर भी कहोगे और शांति की बात भी करोगे तो क्या होगा? बताओ क्या होगा?
हो सकता है हिन्दुओं को काफिरों या दिम्मी की श्रेणी से हटा भी दिया गया हो, इसकी औपचरिक घोषणा की यूआरएल कृपया भेज दें.
और क्या यह सच है की मक्का मदीना जिस देश में स्थित है (पूर्णतः इस्लामिक देश; शरिया ही संविधान), उसमे औरतों के कार चलने तक पर प्रतिबन्ध है! और इसलाम के आलावा कोई भी मज़हब मान्य नहीं किया जाता, न ही गैर इस्लामियों को सहन ही किया जाता है!
ज़रा सामने आइए आप लोग क्या बात है इस तरह से मज़ा नही आएगा
ReplyDeleteखुलकर बोलो
!!
और संजय जी यह ब्लॉग की सेट्टिंग को क्या हुआ है !
आप लोगों को आख़िर हुआ क्या है
ReplyDeleteज़रा ज़रा सी बात पर लड़ रहे हैं ,कोई मुद्दे का विषय उठाइए तो मज़ा
प्लिज इस तरह कि बाते हमारे लिऐ ठिक नही है। देश के हम सभी जिम्मेदार नागरिक बने।
ReplyDeleteसुधरे व्यक्ती समाज व्यक्ती से राष्ट्र स्वय सुधरेगा।
हे प्रभु का यह सिहनाद सारे जग मे पसरेगा॥
सन्जयजी कृपया इस तरह कि बातो को रोका जाना चाहिऐ। आप ध्यान दे।
sanjay is bar sahi bol rahe hainmudde ki bat honi chahiye par kya yahi mudda bacha hai ? yar loksabha chunaw nikat hai pure desh ke agle 5 saal ka bhawishya tay hone wala hai aur aap log yahan peace tv ke chakkar me hain . are shyad aap nahi jante hon doctor jakir naik ko main thoda bahut jarur janta hoon . unke kuchh anuyayi hamare jamia me padhai-likhai ke badle dharm pariwartan ke jugad me lage rahte hain . peace tv par pahle v kai baar ye ravishankar aur unke bich tathakathit sangram dikhaya ja chuka hai . isme ravishankar ke tarko ko hindu ki aawaj man kar harta hua dikhaya gaya hai . is sangram ki ek cd mujhe bhi di gayi thi . is tarah ke argument se koi hal nikalna hota to nikal chuka hota ! par kuchh log janbujh kar asli mudde se dhyan hatane ke liye bar bar dharm ki baat ki jati hai .
ReplyDeleteyahi baat to bhajpa bhi karti hai ,, varun gandhi ne bhi to yahi kaiya par hangama kyun barpa hai . bat ye nahi kaun kya kah raha hai bat hai mudde kya hain ? purwagrah se grasit hokar lekhan ka kam koi sarthak nishkarsh nahi nikal sakta hai . main salim ji ka har lekh padhta hoon .
aap log bhi wirodhi wicvharo ko padhna shuru kijiye . kabhi irshad manji aur anwar shekh ki kitabe bhi padh liya karo .
सिर्फ दो लोगों की बहस को टीवी पर देखने की गुजारिश के एवज़ में इतना विरोध, खाली देखने की गुजारिश के एवज़ में इतना विरोध, हे ईश्वर !
ReplyDeleteठेका कोई नहीं लिया है, ना ही मैंने, ना ही आपने..............मेरा कहना है कि लौटिये वेदों की तरफ, लौटिये सत्य की तरफ, अपनईये ऐसी विचारधारा को..................जहाँ सबको सम्मान हो, सबके लिए जगह हो.................पढिये वेदों और कुरान को और जगाईये ईमान को !
अगर आप लोगों को वाकई ऐसा लगता है तो ठीक है, मैं लिखना बंद कर देता हूँ, क्यूंकि मैंने जैसा कि मुझे लगता है अब तक किसी के बारे में कोई बुरी नहीं करी है, ना ही किसी को मैं बुरा कहता हूँ.........मैं सिर्फ उन बैटन पर जोर देना चाहता हूँ, जो सबमे समान हैं!
ReplyDeleteफिर भी, अगर आप लोगों को या सनाजय जी को वाकई ऐसा लगता है कि मैं गलत कर रहा हूँ तो ठीक है, मैं लिखना बंद कर देता हूँ !
आप सबका अब तक बहुत स्नेह मिला, जिसके लिए आप सबका शुक गुजार हूँ!
सलीम खान
संरक्षक
स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़
लखनऊ व पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
क्यों बार बार इस नौटंकी को आगे लाकर रख देते हो !
ReplyDeleteकुछ अच्छा काम कीजिये अरे भैया आप कहे भागे जा रहे हो डर गए क्या
ama yar hakikat to yahi hai ki dharm ki aad me sati lokpriyta batori ja rahi hai.
ReplyDeletemaine aapse kuchh sawal puchhe the jabab dene ke bajay idfhar udhar ki bat mat kijiye .
Jayram Baaboo, please ask your question? Main kahin nahin jaunga aapke sawaal ka jawaab diye bagair...lekin shart yah hai ki sawaal ko sawaal ki tarah likhna..... jaise
ReplyDelete"bharat ke pahle pradhanmantri jawahar lal nehru the, unki mata ka naam kya tha ?"
सलीम जी मैंने आपको लिखने के लिए मना नहीं किया..आपको गलत समझ रहे है आपका स्वागत है आप लिख सकते है!
ReplyDeleteबस मैं यही चाहता हूँ की जायज मुद्दों पर बहस हो!
मैं चाहता हूँ की हिन्दुओं और मुस्लिमों में स्वयम को अच्छा साबित करने की बहस न हो एकता के साथ मुद्दों को हल करने के लिए बहस हो!
आशा आप लोग मेरी बात सम्न्झेंगे
संजय जी, आपने ठीक कहा कि जायज़ मुद्दों पर बहस हो, एक दुसरे को श्रेष्ठ बताने के बजाये एकता के मुद्दे पर बहस हो!
ReplyDeleteआपने बिलकुल सही कहा !!
लेकिन क्या कभी आपको लगा कि मैंने एकमात्र कोई ऐसा पोस्ट डाला हो, जिसमें यह सन्देश जाता हो कि दुसरे लोगों की बुराई हो!?
अगर ऐसा कोई एक भी पोस्ट बता दें तो मैं मान जाऊंगा कि मैं गलत हूँ !!
जबकि मैं इसी ब्लॉग पर दुसरे ब्लोगर के एक नहीं कई ऐसे पोस्ट और कमेंट्स बता सकता हूँ, जिसमें उन्होंने खुल कर दूसरो की बुराई लिखी और बुरा भला कहा|
मैं शिकायत नहीं कर रहा, मैं हकीकत बयान कर रहा हूँ!!!
वैसे आपकी जीवन कथा पढ़ी अच्छी लगी, कुछ कुछ मेरे से मिलती जुलती है !!!
sallem bhai aapke kalki avtar wale post par ki gai tippani me kuchh sawal hai dekhiyega .....................
ReplyDeleteचलो अब अच्छा लग रहा है आप लोगों को एक होता देखकर !
ReplyDeleteअब कोई अच्छे से विषय को पकडो
और बाल की खाल निकालने में जुट जाइए
But I think we should start to talk about election now. Can anyone start for the same?
ReplyDeleteठीक कह रहीं हैं सोनिया जी, हमें एक होना ही चाहिए और एक होते देख खुश भी होना चाहिए | जहाँ तक बाल की खाल की बात है, उससे हमें बचना चाहिए |
ReplyDelete"वसुधैव कुटुम्बकम"
anonymous ki bat ko gambhirta se lkene ki jarurat hai .....................
ReplyDeleteअच्छा विषय है।
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