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मेरी रचनाये नवभारत टाइम्स मैं देखें

फकीर मोहम्मद घोसी, फालना (राजस्थान) आप गर हमारी ज़िंदगी में आते और बात होती आकर फिर न जाते तो कुछ और बात होती हंसना गर आपकी फितरत में नहीं तो ये और बात है एक बार मुस्कुरा कर भी ...http://navbharattimes.indiatimes.com/valentineshow/4118198.cms-30k- Cached- Similar Pages

एक अनसुलझा रहस्य -किस्से-कहानियां ...17 फ़र 2009 ... फकीर मोहम्मद घोसी, राजस्थान वातावरण जब शान्त होता है, तन्हाई होती है तो अमीर का मस्तिष्क अतीत की यादों में खोने लगता है। वही घटना मस्तिष्क पर चलचित्र की भांति चलने ...http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4124415.cms-52k- Cached- Similar Pages

मां की ममता का मोल-कविता/शायरी-पाठक ...26 फ़र 2009 ... फकीर मोहम्मद घोसी, राजस्थान मां की ममता है बड़ी अनमोल क्षमा, दया, करूणा, उसके शील वह होती धीर, गंभीर, सुशील। वह होती क्षमा का मूल देती है खुशियां मिटाती अवसाद ...http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4134367.cms-45k- Cached- Similar Pages

राजनीति बनाम राजनेता-कविता/शायरी ...फकीर मोहम्मद घोसी , राजस्थान नीति जिसमें रहता राज राज को जानने वाले होते हैं दगाबाज राजनीति नहीं शरीफों का खेल यह विवाह है बेमेल आम आदमी इसमें फेल संसद भवन नेताओं का ससुराल ...http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4141615.cms-47k- Cached- Similar Pages

इंसानियत मिटती जा रही है जहां से ...12 फ़र 2009 ... फकीर मोहम्मद घोसी, राजस्थान इंसानियत मिटती जा रही है जहां से हैवानियत बढ़ती जा रही हैवानों की पनाह से सच्चाई से दूर भागकर समझौता कर रहा है इंसान गुनाह से ...http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/4015375.cms-46k- Cached- Similar Pages

यह शहादत कभी नहीं मिटाई जाएगी ...14 जन 2009 ... फकीर मोहम्मद घोसी, राजस्थान इस्लाम की तारीख (इतिहास) शहादत, ईसार, कुर्बानी और मोहब्बत से भरी हुई है। करबला का वाकया न सिर्फ इस्लामी दुनिया के लिए, बल्कि रूए आलम (सारी ...http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3978220.cms-50k- Cached- Similar Pages

गर भाषा न होती तो क्या होता-कविता ...

Comments

  1. बहुत बढ़िया ''गर भाषा न होती''तो हम यहाँ भी प्रकाशित कर चुके है !
    आप इसी तरह सफलता प्राप्त करते जाएँ यही दुआ है !
    संजय सेन सागर

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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ग़ज़ल

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