दर्द बनकर जिगर में छुपा कौन है
मुझ में रह रह कर ये चीखता कौन
हैएक तरफ दिल है एक तरफ
आइना देखना है मुझे टूटता कौन है
तुम मुझे भूल जाओ यह मुमकिन
नहीं तुमको मेरी तरह चाहता कौन
हैजब तुझे दिल से अपना बना ही
लियाहोंगे बदनाम हम सोचता कौन है
shair कहते मुझे मजबूर करता है
तो अलीम हूँ यह आज़मी कौन है ।
मुझ में रह रह कर ये चीखता कौन
हैएक तरफ दिल है एक तरफ
आइना देखना है मुझे टूटता कौन है
तुम मुझे भूल जाओ यह मुमकिन
नहीं तुमको मेरी तरह चाहता कौन
हैजब तुझे दिल से अपना बना ही
लियाहोंगे बदनाम हम सोचता कौन है
shair कहते मुझे मजबूर करता है
तो अलीम हूँ यह आज़मी कौन है ।
acchi rachna
ReplyDeletewakai junoon nazar aaya.
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