आज फिर औरत बनी औरत की ही दुश्मन
आज फिर किया गया ...इस दिल को घायल
फिर शुरू हुआ बददुयाओ का सिलसिला ...
हुई है फिर से गलीगलोच ...किया गया
एक माँ को बेईज्ज़त .....उसके ही बच्चे के सामने ...
नहीं रखा गया ,मान उसका .......
सम्मान के हुए फिर टुकडे ........
आज फिर एक बहु को बेटी नहीं माना गया
बहु जो है एक घर की रौनक ...
जिसने दिया एक वंश को जन्म....
देखो किसी कि बातो से ...आज फिर है टूटी
(कृति....अनु......)
its fabulous hopes for another lyrics
ReplyDeleteसटीक और ज्ञांवर्धक लेखन
ReplyDeleteउम्दा लेखन..
जय हिन्दुस्तान-जय यन्गिस्तान