पिछले दिनों स्लम डाग के गाने जय हो की धूम थी,लेकिन एक बात आपने गौर की?
रहमान तो सभी न्युज,व आसकर क मंच पर छाये थे पर इस गाने को गाने वाले सुखविंदर सिंह कहीं नहीं दिखे क्यों?
रहमान की मक्कारी की वजह से(मुसलिम होते ही ऐसे हैं)
रहमान ने आस्कर में सुखविदर के साथ गाने का प्रक्टिस किया कि इनाम के बाद स्टेज पर गाया जायेगा?पर पुरस्कार के पहले रहमान ने सुखविंदर का फोन उठाना बंद कर दिया
तथा अगले दिन पुरस्कार के बाद बताया कि तुम्हारा वीजा नहीं बन पाया?
हाँ सुखविंदर मुसलिम होते या आतंकवादी होते तो वीजा बन जाता पर इतने बडे़ पंजाबी सिंगर थे इस लिये नहीं बन पाया।
रहमान तो सभी न्युज,व आसकर क मंच पर छाये थे पर इस गाने को गाने वाले सुखविंदर सिंह कहीं नहीं दिखे क्यों?
रहमान की मक्कारी की वजह से(मुसलिम होते ही ऐसे हैं)
रहमान ने आस्कर में सुखविदर के साथ गाने का प्रक्टिस किया कि इनाम के बाद स्टेज पर गाया जायेगा?पर पुरस्कार के पहले रहमान ने सुखविंदर का फोन उठाना बंद कर दिया
तथा अगले दिन पुरस्कार के बाद बताया कि तुम्हारा वीजा नहीं बन पाया?
हाँ सुखविंदर मुसलिम होते या आतंकवादी होते तो वीजा बन जाता पर इतने बडे़ पंजाबी सिंगर थे इस लिये नहीं बन पाया।
वैसे प्रशांत बाबु जहाँ तक आतंकवादी की बात है तो आपको याद होने चाहिए की अस्सी के दशक में पंजाबी ही सबसे बड़े आतंकवादी थे और आप लोग ही उन्हें सबसे ज्यादा बुरा कहते थे|
ReplyDeleteभूल गए क्या!???
और अस्सी के दशक में सिख विरोधी भयानक दंगा हुआ था तब वे सब मुस्लिम इलाके में ही शरण लिए हुए थे | खुद मेरे गाँव की बात है, मेरे घर के सामने गुरुद्वारा है जिसमें उस वक़्त मेरे ही गाँव के पंडित ठाकुर लोगों ने आग लगाने की कोशिश की थी जिसे मेरे बड़े पिता जी (जो कि उस समय मेरे गाँव के साथ साथ चौदह गाँव के प्रधान थे) ने अपनी सूझ-बूझ से मामला शांत करा दिया था |
ReplyDeleteआप बात करते है, तुस्टीकरण की ?????????
खैर ! बाकी बाद में लिखूंगा |
यहाँ तो एक मुसलमान को बढ़ते देखना पसंद ही नहीं शयेद आप जैसे ...... लोगों को
ReplyDeletechodo bekar ki baton mein kahin beet na jaye jiwan . bhai prashant jano do yar kyun apni urja bekar ki bahas me khapat kar rahen ho ?
ReplyDeleteaur swachchh sandesh wale bhai kabhi apne dharm se uthkar desh ke bare me bhi soch liya karo yar. ek din galti se tumhare post par comment kar diya tha jiska dukh hai mujhe . are bhai dharm ke alawa is desh me kai masle hain likh karo . aisa lagta blogging me bhi aaj kal dharm pracharak log plant kiye ja rahe hain !