न्यू यॉर्क : मंदी में जॉब छूटने की तादाद कितनी तेजी से बढ़ रह रही है इसका अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि हर एक मिनट में पूरी दुनिया
में 5 लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, 2009 के पहले दो महीनों में तकरीबन 4 लाख लोगों को निकाल जा चुका है।
कुछ कंपनियों इसे सीधे-सीधे छंटनी और बर्खास्तगी बता रही हैं, तो कुछ इसे राइट साइजिंग और वॉलेंट्री सेपरेशन पैकेज का नाम दे रही हैं। ग्लोबल आर्थिक मंदी ने कंपनियों को खर्चं घटाने के लिए ऐसे उपाय पर मजबूर कर दिया है। अनुमान है कि 2008 में दुनिया भर की कंपनियों ने 1 करोड़ लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इन कदमों से भी मंदी का असर कम होता नहीं दिखाई पड़ रहा है। साथ ही खर्च कम करने के लिए कंपनियां और उपाय करने में जुटी हैं।
हालांकि एंप्लॉयी के लिए राहत की बात यह है कि 2009 जनवरी में अब तक जितने लोगों की छंटनी की गई है, उनमें ज्यादातर लोगों को 1 दिन में ही निकाला गया। सिर्फ 26 जनवरी को 80,000 लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। फरवरी का महीना इस लिहाज से थोड़ा बेहतर रहा है।
फरवरी में माइनिंग कंपनी एंग्लो अमेरिकन ने अपने कर्मचारियों की तादाद में 18,000 की कमी करने का ऐलान किया, जबकि जापान के पैनासोनिक ने भी 15,000 लोगों को निकालने की बात कही। इसके अलावा जनरल मोटर्स ने 10,000 जॉब कट किए, जबकि नॉर्टेल में 3,200 लोगों की छंटनी की गई।
इस बीच खबर है कि मोबाइल फोन निर्माता कंपनी नोकिया भी अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में 1,000 एंप्लॉयीज की कमी करने जा रही है। सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ
कुछ कंपनियों इसे सीधे-सीधे छंटनी और बर्खास्तगी बता रही हैं, तो कुछ इसे राइट साइजिंग और वॉलेंट्री सेपरेशन पैकेज का नाम दे रही हैं। ग्लोबल आर्थिक मंदी ने कंपनियों को खर्चं घटाने के लिए ऐसे उपाय पर मजबूर कर दिया है। अनुमान है कि 2008 में दुनिया भर की कंपनियों ने 1 करोड़ लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इन कदमों से भी मंदी का असर कम होता नहीं दिखाई पड़ रहा है। साथ ही खर्च कम करने के लिए कंपनियां और उपाय करने में जुटी हैं।
हालांकि एंप्लॉयी के लिए राहत की बात यह है कि 2009 जनवरी में अब तक जितने लोगों की छंटनी की गई है, उनमें ज्यादातर लोगों को 1 दिन में ही निकाला गया। सिर्फ 26 जनवरी को 80,000 लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। फरवरी का महीना इस लिहाज से थोड़ा बेहतर रहा है।
फरवरी में माइनिंग कंपनी एंग्लो अमेरिकन ने अपने कर्मचारियों की तादाद में 18,000 की कमी करने का ऐलान किया, जबकि जापान के पैनासोनिक ने भी 15,000 लोगों को निकालने की बात कही। इसके अलावा जनरल मोटर्स ने 10,000 जॉब कट किए, जबकि नॉर्टेल में 3,200 लोगों की छंटनी की गई।
इस बीच खबर है कि मोबाइल फोन निर्माता कंपनी नोकिया भी अपने ग्लोबल वर्कफोर्स में 1,000 एंप्लॉयीज की कमी करने जा रही है। सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ
अब इस मुस्किल घडी मे क्या किया जा सकता है
ReplyDeleteबुरा दौर है
हाँ दुखद है पर असलियत है
ReplyDeleteअच्छा लिखा
लगता है दुनिया के पास मंदी और आतंक के सिवा कुछ नहीं रह गया है
ReplyDeleteअच्छा लिखा आपने बहुत खूब!!