" मन में उठते है कई सवाल
सोचता हूँ की बोल दूँ
शायद मन हल्का हो जाए
पर मन में लदा बोझ हलका नही होगा | " - अम्बरीष मिश्रा
दोस्तों !अगर आप इस फोटो से सम्बन्धी पार्टी से जुड़े हुए है तो मुझे बुरा न समझे बस मन की बात है तो कहरहा हूँ |
सुनो सुनो ध्यान से सुनो
क्या आप ने कभी जिन्दा के पुतले चौराहों पर देखे है या नही
अगर नही देखे है तो देखिये , और आख खोल कर देखिये क्योकि
ये कारनामा कर दिखाया है हमारे देश की भावी प्रधानमंत्री और वर्तमान की
मन्न्यीमुख्यमंत्री मायावती जी ने ,
आप सही कहरहे है की ख़बर पुरानी है पर सही समय पर कही जाई तो असर सही होता है
क्या आज तक किसी ने गुरु के सामने, गुरु के साथ, और गुरु से बड़ी प्रतिमा लगाने का गुरुर किया है
जी हाँ ये है माया सभ्यता और आप इससे रूबरू हो जाओ
मना है अच्छा कामकिया है पर आय से अधिक का मामला तो है इन पर भी
ये भी उसी कतार में है जिसमे सुखराम को आराम मिला है बस कुछ सालो का
तो सालो का क्या जाता है जैसे तैसे कट जायेंगे
इन्ही सालो में इस जनता को नए नेता मिल जायेंगे
जनता शांत है क्यकी कहने की ताक़त बिक गयी है चढ़गयी है भेट,
रुपये की भेट में
अफ़सोस मिडिया भी बिक गया है
तो न रहे शांत बोले और बताएं
चौराहों पर लगी मूर्तीयो का विरोध करे !
जागें और जगाये एक नया देश बनायें
जाते जाते एक चोराहे की हकीकत ये भी
सच्ची बात !!
ReplyDeleteआप ने आँख खोलने वाली तस्वीर दिखा दी!! पर.....???
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete