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नकली भड़ास के मुंह पर ''व्योम श्रीवास्तव'' का तमाचा

नकली भड़ास के कुछ लेखकों ने व्योम श्रीवास्तव जी पर कुछ निराधार आरोप लगाये थे की उन्होंने जो पोस्ट यहाँ पर डाली है उससे वर्किंग वूमन की चाबी ख़राब हुई है क्योंकि यह पोस्ट फर्जी सर्वे के आधार पर हुई थी! इसी आरोप के पीछा छुडाने के लिए आज व्योम जी ने मुझे फ़ोन किया की संजय जी भले ही आपने मेरी सदस्यता समाप्त कर दी है लेकिन अंतिम बार आप इसी पोस्ट को जरुर प्रकाशित कीजियेगा!उनकी इस इच्छा को आखिरी इच्छा मानते हुई हम उनकी पोस्ट को जैसा का तैसा प्रकाशित कर रहे है !मैंने तो पोस्ट प्रकाशित की थी सेक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं महिलाएं.. एवं सेक्स करने से भी ज्यादा जरूरी काम क्या.. इन पोस्टों पर उन चोटी मानसिकता वाले लेखकों का कहना था की यह पोस्ट बिना किसी सर्वे की यहाँ प्रकाशित कर दी गई है जबकि यह रिपोर्ट देनिक भास्कर को लन्दन द्वारा प्राप्त सर्वों के आधार पर थी जिसका यहाँ http://www.bhaskar.com/2009/02/20/0902200010_sexi_clothes.html पूर्ण बर्णन है इसी प्रकार मेरी दूसरी पोस्ट भी भास्कर की रिपोर्ट पर ही आधारित थी जिसे यहाँ देखा जा सकता है http://www.bhaskar.com/2009/02/19/0902190010_sex_life.html अब के पागल किस्म के और दिमागी मरीज यह भी कह सकते है की दनिक भास्कर की रिपोर्ट गलत थी या फिर ये नकारे यह भी कह सकते है की लन्दन मे ऐसा कोई सर्वे हुआ ही नहीं..क्योंकि वहा तो इनकी अम्मा बैठी रहती है न !मैं संजय जी आपसे बस यही कहना चाहूँगा की मेरा मकसद किसी भी हाल मे ''हिन्दुस्तान का दर्द '' नुक्सान पहुँचाना कभी नहीं था मैं तो बस ही इस तरह की पोस्ट डाल रहा था शायद इसलिए क्योंकि मे खुले विचारों का हूँ इसी का नतीजा यह रहा http://yaadonkaaaina.blogspot.com/2009/02/blog-post_3100.html और आपने मेरी सदयस्ता समाप्त कर दी ,इसका मुझे बिल्कुल दुःख नही है ! लेकिन आपसे माफ़ी मागना चाहता हूँ की क्योंकि मेरी वजह से आपको अपने अच्छे लेखक खोने पड़े ! मैं अब बिलकुल लिखना नहीं चाहता था लेकिन नकली भड़ास पर देखा तो मेरी बजह से आपको उल्टा सीधा कहा जा रहा था व्योम श्रीवास्तव के नाम से लिखने वाले संजय सेन की गलीज हरकत से शर्मसार हुई देश की "वर्किंग वूमन" इसलिए दिल नहीं माना और लिख दिया !!मुझे आशा है आप इसे प्रकाशित भी करेंगे! मैं आपसे बस यही कहना कहूंगा की संजय जी आप बहुत सही जा रहे है बढ़ते जाइए,जब हांथी गुजरता है तो कुत्ते भौंकते है उसी प्रकार के यह कुत्ते है ! ''हिन्दुस्तान का दर्द'' अच्छा मंच है जहा अश्लीलता और राजनीति की गन्दी बू नहीं आती है मैं यहाँ से जा रहा हूँ लेकिन मैं आता रहूँगा ! आपने मुझे लिखने का मौका दिया मैं बहुत खुश हूँ ! मैंने अपनी सच्चाई सिद्ध कर दी है लेकिन मैं जानता हूँ की यह नहीं मानने वाले और न माने पर नकली भड़ास के लिए यह मेरा एक करारा तमाचा है !

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Comments

  1. व्योम जी बचपन से हमे मंदिर जाना क्यों सिखाया जाता है ताकि हम अच्छे विचार ग्रहण कर सके आप मंदिर की जगह उस फूहड़पन के अड्डे पर जा रखे थे !इसलिए ऐसा हुआ आप जिन्हें कुत्ता कहतें है तो उनके मुंह क्यों लग रहे थे ! यह आपकी गलती है आप जिस तरह से उन्हें सही आकडें उपलब्ध कराये यह अच्छी बात है !
    जय हिन्दुस्तान - जय यंगिस्तान

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  2. मैंने पहेले ही आप लोगों से कहा था की कोई दूसरा रास्ता निकाल लीजिये लेकिन यह एक तरफा रास्ता क्यों?
    इससे कुछ नहीं होगा !और आप जिस तरह से असली नकली की बात कर रहे है वो आप शायद कभी भी प्रूफ़ नहीं कर पाएंगे !क्योंकि भड़ास .भड़ास ब्लॉग की अपेक्षा अधिक ससक्त है इस तरह की बात पूर्ण रूप से गलत है

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  3. एक तरह का कदम इन चीज़ों पर पाबन्दी तो नहीं लगा सकता
    और व्योम जी की बातों से यह भी नहीं लगता ही बह गुनहगार है

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  4. जलने वालों को जलने देना चाहिये?हमें अपना काम करना चाहिये

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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