
आज मैंने एक गरीब देखा
सूट बूट मे वोह बाबू
सच मे था बहुत गरीब
२ रूपये के लिए
उलझा था ..
वोह एक रिक्शे वाले से
१०० किलो का वोह अमीर
आज था रिक्शे वाले
से भी गरीब
तभी तो अपने भार का
सही मोल उसने
नहीं चुकाया ..
२ रूपये के पीछे
उस रिक्शे वाले को
खूब झाड़ लगाया
और वोह रिक्शे वाला
था दिल का अमीर
अपनी मेहनत के पैसे
छोड़ ..हसते हुए
फिर चल पड़ा किसी
और गरीब की तलाश मे
आज मे
उस .....रिक्शे वाले के
रूप मे देखा ....
दिल का अमीर ..........................
(.....कृति......अनु.....)
बहुत अच्छी नज्म
ReplyDeleteदिल छू लेने वाली नज़्म
ReplyDeleteचाँद, बादल और शाम
रिक्शे वाला अगर १० की जगह १५ रुपये मांगे तो आप उलझेंगे की नहीं.
ReplyDeleteमेहनत से पैसे कमाने वाला इंसान जरूर उलझेगा चाहे वह सूट बूट में हो या फ़टेहाली में.
हो सकता है उसने भी बहुत खून पसीना बहा कर सूट बूट खरीदा हो..