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व्योम श्रीवास्तव की सदयस्ता समाप्त कर दी गयी है

व्योम जी हिन्दुस्तान का दर्द ब्लॉग मे एक अच्छे लेखक की हैसियत से जाने जाते है लेकिन आजकल उन्होंने जिस तरह की पोस्ट ब्लॉग पर पोस्ट की बह हमारा मकसद नहीं थी सो उनकी सदस्यता समाप्त की जाती है,ऐसा हीं है की यह अचानक किया जा रहा है बल्कि पहले भी उन्हें खुद को बदलने का समय दिया गया था ,लेकिन वो अपने फैसले पर अडिग थे !उनके इस रवैये को आप चंद घंटों पहले की गयी पोस्ट पर समझ सकते है , उनकी इस बजह से ''हिन्दुस्तान का दर्द'' ब्लॉग के अच्छे १५ लेखक इस ब्लॉग को छोड़ चुके है बजह बस इतनी थी की बह भी यहाँ मेरी तरह अश्लीलता नहीं चाहते थे !खैर जो हुआ सो ठीक हुआ ! मैं सबको बताना चाहता हूँ की व्योम जी शायद भोपाल के ऍम पी नगर मे रहते है और उनका मोबाइल नंबर है ०९६१७३३९३११ .... उनका मोबाइल नंबर यहाँ प्रकाशित करने की बजह है की कुछ लोग व्योम और संजय को एक ही व्यक्ति समझते थे जो गलत थे !व्योम जी को भगवान् सद्बुद्धि दे हम सब यही दुआ करते है !मैं चाहता हूँ की आप सभी मिलकर एक अच्छे समाज की नींव रखें जिसमे मुझे भी सहयोग करने का अवसर मिले हमारा लक्ष्य अश्लीलता या गाली गलोच नहीं है !
संजय सेन सागर
जय हिन्दुस्तान -जय यंगिस्तान



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Comments

  1. संजय जी,
    मुझे दुःख है कि व्योम जी जैसे प्रतिभावान सदस्य की सदस्यता समाप्त कर दी गई | यह सही है कि कई बार मना करने के बाद भी उन्होंने अपने लेखन में से अश्लीलता ख़त्म नहीं की जिसके कारण आपको मजबूरन उन्हें निष्काषित करना पड़ा| जैसा कि मैंने पहले ही कहा था यह अंतरजाल है आप अगर उन्हें यहाँ से निकाल देंगे तो वो कहीं और भी जा सकते है बल्कि जायेंगे | सदस्यता समाप्त कर देना ही समस्या का हल नहीं है | व्योम जी के आलेख ज्ञानवर्धक थे लेकिन उनमें अश्लीलता थी| अगर वहीँ वो अपनी बात शालीनता से कहते तो उनका सन्देश भी सब तक पहुँचता, स्वच्छता के साथ | देखिये प्रस्तुति भी मायने रखती है, वो भी दायरे में रह कर| अति उदारता हानिकारक होती है, बंधन (अनुसाशन) में ही सफलता और लाभ होता है|

    खैर, मैं व्योम जी से कहूँगा कि प्लीज़ आप अपने लेखन में अश्लीलता हटा दें, आप वाकई बहुत अच्छा लिखते हैं और पुनः सदस्य बन कर अपने हिंदुस्तान के दर्द के लक्ष्य को ध्यान में रह कर लिखें | बल्कि आप जहाँ कहीं भी लिखें अच्छा लिखें | यार! कुछ चीजे ऐसी होती हैं कि वो खुल्लमखुल्ला नहीं होनी चाहिए, जानकारी से ज्यादा ज़रूरी है उस पर अमल करना |

    इसी आशा के साथ........

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  2. इसका कोई और हल मुझे नजर नहीं आया आपको लगता है इसका कोई हल है !

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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