हर व्यक्ति कि अन्दर से ये ख्वाहिस होती है कि वह सराहा जाय लोग उसकी तारीफ करें कोई भी इसका अपवाद नहीं।
उदाहरण- आज देश में लाखों स्कूल कालेज पार्क इत्यादि गाँधी परीवार के सदस्यों{राहुल, प्रियंका ,सोनिया ,नेहरू,राजीव,संजय,इन्दिरा}के नाम पर है क्यों?
ताकि इन लोगों का नाम हो और क्या।
रूपेश श्रीवास्तव भी इसका अपवाद नहीं।
अपने नाम के लिये इसने भडा़स के नाम से नकली ब्लाग बनाया।
जिसपर आप नेहरू गाधी ,अफजल गुरू की बुराई नहीं कर सकते क्यों कि अफजल के सगे समबन्धी भोंकने लगते है?
अपने नाम के लिये ये बीच वाली कटेगरी के लोगों से ब्लाग लिखवाते हैं ताकि इनका नाम हो।
हर वक्त हिन्दुस्तान के दर्द का विरोध करते हैं ताकि ससती लोक्प्रियता हासिल हो जाये।
यसवन्त भाई के पीछे पड़ गये है।
कल्युग है भाई यही सब कर के आज कल नाम कमाया जा सकता है।
उदाहरण- आज देश में लाखों स्कूल कालेज पार्क इत्यादि गाँधी परीवार के सदस्यों{राहुल, प्रियंका ,सोनिया ,नेहरू,राजीव,संजय,इन्दिरा}के नाम पर है क्यों?
ताकि इन लोगों का नाम हो और क्या।
रूपेश श्रीवास्तव भी इसका अपवाद नहीं।
अपने नाम के लिये इसने भडा़स के नाम से नकली ब्लाग बनाया।
जिसपर आप नेहरू गाधी ,अफजल गुरू की बुराई नहीं कर सकते क्यों कि अफजल के सगे समबन्धी भोंकने लगते है?
अपने नाम के लिये ये बीच वाली कटेगरी के लोगों से ब्लाग लिखवाते हैं ताकि इनका नाम हो।
हर वक्त हिन्दुस्तान के दर्द का विरोध करते हैं ताकि ससती लोक्प्रियता हासिल हो जाये।
यसवन्त भाई के पीछे पड़ गये है।
कल्युग है भाई यही सब कर के आज कल नाम कमाया जा सकता है।
अच्छा लेख !
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