घुसपैठियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : पी. चिदंबरम
नई दिल्ली , 12 जनवरी ।
गृहमंत्री श्री पी चिदंबरम ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने देश में बांग्लादेशियों के गैर कानूनी प्रवेश पर कड़ी कार्रवाई करने का संकेत देते हुए कहा है कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे बांग्लादेशी बिना किसी वजह के देश में रहें.उन्होंने ये बात एक निजी टेलीवीजन चैनल से बातचीत के दौरान कही. श्री चिदंबरम ने बांग्लादेशियों को बड़ी संख्या में वीजा जारी के औचित्य पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिन बांग्लादेशियों के पास कोई वैध वर्क परमिट नहीं है उनका यहां काम करने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत आने वाले बांग्लादेशी वापस गए या नहीं का पता लगाने के लिए देश में प्रभावी निगरानी प्रणाली का अभाव है. देश में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशियों की अवैध तरीके से जनसंख्या परिवर्तन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे घुसपैठियों को किसी विशेष समुदाय से जोड़कर नहीं देखते हैं. और बांग्लादेशी नागरिक चाहे वो किसी भी समुदाय का हो उसे बिना वीसा के भारत में प्रवेश करने और रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि भारत सरकार अवैध घुसपैठ के मामले को गंभीरता से ले रही है और वो जल्द ही इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करेगी.
तो ये थी माननीय गृह मंत्री की झूठी दहाड़ । ये दहाड़ आपको कैसी लगी हमें जरुर बताये । लेकिन उससे पहले जमुनापार में हुए एक दर्दनाक बलात्कार के बारे में भी जान लें । बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा अंजाम दिए गए इस अपराध का तरीका शयद ही कभी इस्तेमाल किया गया होगा । घर के सदस्यों से लेकर कुत्ते तक को बेहोस कर एक १४ साल की मासूम का बलात्कार किया गया। एक बात पर गौर करेंगे कि कोई भी बलात्कार जैसा घिनोना अपराध तभी करता है जब उसके मन से समाज और शासन का भय ख़त्म हो जाता है ॥ गंभीर बात है कि बंगलादेशी घुसपैठिये आज दिल्ली में इतने निर्भय हो गए हैं कि हमारी बहु-बेटिओं को खतरा हो गया है ।बात यहीं नही रूकती जन-माल की सुरक्षा से लेकर रोजगार का संकट भी पैदा करते जा रहे हैं ये बंगला देशी । इन घुसपैठिओं के कारण हो रही आर्थिक दुष्परिनामो पर एक नज़र-------
*रिक्शे -ठेले और मजदूरी / दिहारीजैसे सेवा क्षेत्र में इनका लगभग ६०% कब्जा हो चुका है । ओरों से कम मजदूरी पर काम करने के कारण इनकी मांग भी भारतीय कामगारों के मुकाबले ज्यादा होती जा रही है।
*गृह निर्माण तथा सार्वजनिक निर्माण निगम व सड़क निर्माण का समस्त कार्य भी लगभग इनके हाथों में आ चुका है । ईट भट्टोंमें भी अधिकांश यही लोग मजदूरी करते हैं।
*नाइ , मोची ,लकड़ी कारीगर , मछली-अंडा बेचने के खुदरा व्यवसाय पर भी इनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है ।
शासन यानि सरकार तो वोट -बैंक की लालच में अंधी हो ही चुकी है तब क्या हम चुप रहेंगे ? नही , बिल्कुल नही । इस देश में , समाज में रहने वाले हर नागरिक को सोचना होगा किजब सरकार हर चुकी है तो हम क्या करेंगे ? हम तो लडेंगे । आप क्या करेंगे ये आपकी मर्जी ? सोचियेगा !
हम तो यही जानते हैं केवल अधिकारों की मांग किसी सच्चे नागरिक की निशानी नही । हमें अपने कर्तव्य पालन की सख्त जरुरत है । और देश कि संविधान यह कहता है जब सरकार फ़ैल हो जाए तब जनता को अपना काम करना पड़ता है ..............
हम तो यही जानते हैं केवल अधिकारों की मांग किसी सच्चे नागरिक की निशानी नही । हमें अपने कर्तव्य पालन की सख्त जरुरत है । और देश कि संविधान यह कहता है जब सरकार फ़ैल हो जाए तब जनता को अपना काम करना पड़ता है ..............
बहुत प्यारा लेख है आप बड़ी सटीकता से अपनी बात कह देते है यही आपकी खासियत है !!
ReplyDeleteबड़ा ही सुन्दर लेख !!
ReplyDeleteआप लिखने की कला मुझे पसंद आई!!!