स्वच्छ संदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़ जी का एक अच्छा सन्देश समाज के नाम
व्योम जी,
ये सच है कि लोग जब बहुत थके होते हैं, जब परेशां होते है, चिंता में होते हैं तो उन्हें राहत की तरफ़ ले जाने वाले किसी भी टास्क की तरफ़ झुकाव होता ही है आपकी इस बात से थोड़ा सा मैं भी सहमत हूँ कि मंदी में लोग ज़्यादा से ज़्यादा सेक्स करना पसंद करेंगे या सेक्स कि तरफ़ झुकेंगे सही बात है टेंशन में रिलैक्स पाने की इन्सान कोशिश करता है और कुछ ना कुछ करता ही है मंदी क्या किसी भी मुसीबत में लोग, मुसीबत से उबरने की कोशिश करेंगे ही
ओ. के., लेकिन जनाब ये हिन्दुस्तान का दर्द है यहाँ आपके ये प्रोफेसर साहब क्या कर रहे हैं? ये तो अमेराकां सर्वे की सी बातें हैं और हमारे हिन्दुस्तान में तो मंदी में ही नहीं रोज़ ही, बल्कि मैं कहता हूँ रोज़ ही लोग दिन भर मेहनत करके रात को अपनी थकान मिटाते हैं आप को पता है मज़दूर दिन भर हांड-तोड़ मेहनत करके रात को क्या करता है? और किसान दिन भर अपने खेतों में जम कर अपनी ज़मीन में मेहनत करके रात को क्या करता है?
ओहो ! मैं तो ये भूल गया दोष हमारा ही है, हमारे अखबार वाले, टी.वी. वाले दिन रात ऐसी ऐसी खबरें ढूंढ कर लाते हैं कि कहने ही क्या? और उनकी खबरों में होता है पाश्चात्य देशों में हो रहे वो कारनामे जो हमारे देशवासी अभी सिख रहे है और ये उन्हें सिखा रहें है
मैं अभी ज़्यादा तो नही जानता, देश के दर्द के बारे में कहना चाहता हूँ- हमारे देश में सबसे बड़ी मार मंदी की पड़ी हमारे किसान और मज़दूर को, गरीब को गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर यही पूंजीवाद है भइया आज नहीं तो कल अगर हम उन अगड़े भाइयों के देखा-देखी पूंजीवाद की पुँछ पकड़े रहेंगे तो हमारे देश का हाल भी अमेरिका जैसा हो जाएगा हमारे बैंक दिवालिया हो जांयेंगे हम भी तबाह हो जाएँगे तब करते रहिएगा सेक्स हमें ज़रूरत सेक्स की नहीं, सेक्स तो वैसे भी हम हर हाल में करते रहेंगे जी! कह दीजिये पश्चिम देशों से ये मिडिया के ज़रिये बरगलाएं ना, ये विदेशी सर्वे हमारे देश में नहीं चलेगा
हमें ज़रूरत है आपसी भाईचारे की, मिलजुल कर रहने की मंदी ही नही, सारी मुसीबत से निजात पाने के लिए हमें उस परम पिता परमेश्वर/अल्लाह के बताये रास्तों पर चलना होगा
"ज़्यादा तो नहीं कह गया....................खैर अब कह दिया तो कह दिया
आगे पढ़ें के आगे यहाँ
ओ. के., लेकिन जनाब ये हिन्दुस्तान का दर्द है यहाँ आपके ये प्रोफेसर साहब क्या कर रहे हैं? ये तो अमेराकां सर्वे की सी बातें हैं और हमारे हिन्दुस्तान में तो मंदी में ही नहीं रोज़ ही, बल्कि मैं कहता हूँ रोज़ ही लोग दिन भर मेहनत करके रात को अपनी थकान मिटाते हैं आप को पता है मज़दूर दिन भर हांड-तोड़ मेहनत करके रात को क्या करता है? और किसान दिन भर अपने खेतों में जम कर अपनी ज़मीन में मेहनत करके रात को क्या करता है?
ओहो ! मैं तो ये भूल गया दोष हमारा ही है, हमारे अखबार वाले, टी.वी. वाले दिन रात ऐसी ऐसी खबरें ढूंढ कर लाते हैं कि कहने ही क्या? और उनकी खबरों में होता है पाश्चात्य देशों में हो रहे वो कारनामे जो हमारे देशवासी अभी सिख रहे है और ये उन्हें सिखा रहें है
मैं अभी ज़्यादा तो नही जानता, देश के दर्द के बारे में कहना चाहता हूँ- हमारे देश में सबसे बड़ी मार मंदी की पड़ी हमारे किसान और मज़दूर को, गरीब को गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर यही पूंजीवाद है भइया आज नहीं तो कल अगर हम उन अगड़े भाइयों के देखा-देखी पूंजीवाद की पुँछ पकड़े रहेंगे तो हमारे देश का हाल भी अमेरिका जैसा हो जाएगा हमारे बैंक दिवालिया हो जांयेंगे हम भी तबाह हो जाएँगे तब करते रहिएगा सेक्स हमें ज़रूरत सेक्स की नहीं, सेक्स तो वैसे भी हम हर हाल में करते रहेंगे जी! कह दीजिये पश्चिम देशों से ये मिडिया के ज़रिये बरगलाएं ना, ये विदेशी सर्वे हमारे देश में नहीं चलेगा
हमें ज़रूरत है आपसी भाईचारे की, मिलजुल कर रहने की मंदी ही नही, सारी मुसीबत से निजात पाने के लिए हमें उस परम पिता परमेश्वर/अल्लाह के बताये रास्तों पर चलना होगा
"ज़्यादा तो नहीं कह गया....................खैर अब कह दिया तो कह दिया
आगे पढ़ें के आगे यहाँ
मुझे आपकी राय बहुत पसंद आई इसलिए मैंने उसे ही पोस्ट बना दिया
ReplyDeleteअगर कोई परेशानी हुई तो माफ़ करें और सूचित कर दें मैं उसे हटा दूंगा,आपने बहुत अच्छा लिखा है उसकी जगह पोस्ट से कम हो ही नहीं सकती थी !! और आपका बड़प्पन है की आपने इंतना कुछ कमेंट्स के अन्दर लिखा,वरना लोग आजकल दूसरों को राय देकर प्रोत्साहित करना ही नहीं चाहते !!
बहुत खूब दोस्त!!
सलीम जी बहुत अच्छा लिखा है आपने आपकी सोच बहुत अच्छी है !!
ReplyDeleteआप खूब लिखते रहिये,इसी तरह हमारी पोस्टों पर राय देते रहिये...आप बहुत लंबी दौड़ मे जाने वाले हो!
सागर जी, ये तो आपका बड़प्पन है, वरना मैं तो ब्लॉग की इस दुनिया का अभी शिशु मात्र हूँ. वैसे मुझे बहुत प्रसन्नता हुई पोस्ट देख कर. इंशा अल्लाह हमारा आपका और हम सबका ये हिंदुस्तान के दर्द पर सफरनामा यूँ ही चलता रहेगा और मेरी ईश्वर/अल्लाह से दुआ है कि हम सबको सदबुद्धि दे और अच्छे रस्ते पर चलाये.
ReplyDeleteपुनः कोटि कोटि धन्यवाद !
accha sandesh diya aapne......bahut badiya
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसोनिया जी, मुआफ कीजियेगा देर से जवाब देने के लिए. धन्यवाद देना चाहूँगा आपकी टिप्पडी के लिए. अगर आप-सबका साथ रहा तो इंशा-अल्लाह हमारा, आपका और अपने हिंदुस्तान के दर्द का कारवां यूँ ही चलता रहेगा. कभी वक्त मिले हमारे ब्लॉग पर आईये.
ReplyDeleteपुनः कोटि कोटि धन्यवाद.