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आज भी हावी है अंधविश्वास

आधुनिक समाज चाहे प्रगति के जितने दावे करे मगर मध्यप्रदेश में अंधविश्वास की जड़ें अब भी गहरी हैं। इसका प्रमाण गुरुवार को मंदसौर की पिपलिया मंडी में देखने को मिला जहां पुलिस की मौजूदगी में हत्या के एक आरोपी ने समाज की पंचायत में आग से तपकर सुर्ख लाल हो चुकी सलाखों को हाथों में उठाकर अपनी बेगुनाही का सबूत दिया।जानकारी के मुताबिक पिपलिया मंडी में जनवरी माह में घनश्याम नाम के एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। इस मामले में पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ लाल सिंह को भी आरोपी बनाया।
जानकारी के मुताबिक पिपलिया मंडी में जनवरी माह में घनश्याम नाम के एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। इस मामले में पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ लाल सिंह को भी आरोपी बनाया। अंधविश्वास का खुलाशा करती जोश-18 की यह रिपोर्ट ।


पढ़ें: एक टोटके से सुखमय जीवन में पड़ी दरार मृतक और आरोपी सिंह, दोनों का नाता बाबरी मोंगिया समाज से है। इस समाज में परम्परा है कि व्यक्ति अगर अपने को निर्दोष बताता है तो उसे पंचायत के सामने उसका प्रमाण देना होता है।बाबरी मोंगिया समाज की परम्परा के मुताबिक गुरुवार को पिपलिया मंडी में पंचायत लगी। इसमें पहुंचे लाल सिंह को पहले स्नान कराया गया। उसके बाद लाल सिंह के हाथ में कुछ पत्ते और धागे का सूत बांधा गया।


पढ़ें: तीन अंधविश्वासी बेटों ने मां की बलि ली समाज की मान्यता के मुताबिक कथित आरोपी को गर्म सलाखें हाथ में लेकर चलना होता है अगर हाथ और सूत दोनों जल जाते हैं तो उसे समाज भी आरोपी मान लेती है और आरोप सिद्ध होने पर उसका समाज से बहिष्कार कर दिया जाता है। हाथ व सूत के न जलने पर समाज उसे बरी कर देता है।परम्परा का निर्वहन करते हुए लाल सिंह ने आग से लाल हो चुकी लोहे की सलाखों को हाथ में उठाया और पांच कदम चला भी। ऐसा करके उसने अपनी बेगुनाही का सबूत दिया। बाबरी मोंगिया समाज के गीतालाल भाटी कहते हैं कि समाज की इस परम्परा को सरकारी तौर पर मान्यता नहीं है मगर उनके यहां यह वर्षों से चली आ रही है। जब यह पंचायत लगी थी और लाल सिंह गर्म सलाखें लेकर चल रहा था तब वहां पुलिस भी मौजूद थी।


पढ़ें: देवरिया के सारे घोड़े काले क्यों हो रहे हैं? पिपलिया मंडी के थाना प्रभारी पवन सिंघल ने आईएएनएस को बताया है कि पुलिस बल आरोपी को गिरफ्तार करने गया था मगर वहां एक हजार से ज्यादा लोग थे इसलिए पुलिस ने अनहोनी की आशंका के चलते पंचायत को नहीं रोका, परंतु बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।हालांकि रतलाम के उप पुलिस महानिरीक्षक वरुण कपूर ने आईएएनएस को बताया कि, “हमें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है। लेकिन फिर भी हम मामले की तहकीकात कर रहे हैं।”आगे पढ़ें के आगे यहाँ

Comments

  1. मै आपसे पूर्णतया सहमत हूँ. आपका ये प्रयास रंग लाये ये मेरी शुभकामना है.

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  2. संजय जी आपने बहुत अच्छा लिखा है में जनता हूँ आपका दर्द पर एक सेकंड के लिये सोचे की जिसने अग्नि परीक्षा दी है क्या वो सचमुच कही बेगुनाह तो नही उसकी क्या हालत हो रही थी उसकी सजा उसके परिवार को मिल रही थी उसके परिवार का हुक्का पानी बंद हो गया था और अगर यह मान भी ले की वो गुनाहगार था तो उसकी सजा समाज को क्यो दी जा रही थी हमारा कानून इतना कमजोर है की अग्नि परीक्षा को वह मूक दर्शक बनकर देखे अब जरुरत है समाज व्यक्ति को सुधरने की हमें आगे आना होगा
    बहुत बधाई
    http://chatikuta.blogspot.com

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  3. सच बिंदास लिखा है !!

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  4. संजय जी हम कुछ मुट्ठी भर लोग इन गंभीर समस्याओं से जब तक नहीं लड़ सकते जब तक की देश ले लोग इसके लिए तैयार नहीं होंगे !!

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  5. व्योम जी बूँद बूँद से सागर भरता है !!
    आप कोशिश तो करके देखिये!!हम जागेंगे हिन्दुस्तान जागेगा!!

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  6. बहुत खूब..संजय जी कलम चलायी भी तो अच्छी जगह!!
    सच मजा आ आ गया !!

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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