संजय जी ने कहा -- व्योम जी जैसा की मैंने आपसे पहेले भी कहा था की यह मंच सिर्फ विचारों का है अच्छे विचारों का तो यहाँ पर इस तरह की बातें शोभा नहीं देती !और आपको लेकर मुझे एक और समस्या है की ''आप शायद ऐसा कुछ कर जाते है जिससे लोग व्योम श्रीवास्तव और संजय सेन सागर को एक ही व्यक्ति मानकर चलते है !इसमें मुझे कोई परेशानी तो नहीं है ,पर इस तरह की पोस्ट वाली मानसिकता मेरी नहीं है !सो आगे से आप धयन रखें की अश्लीलता न हो और हमेशा सबको कुछ अच्छा देने की कोशिश करो !जय हिन्दुस्तान -जय यंगिस्तान
आप लोग जिंदगी भर गवार ही रहना चाहते हो क्या?
मैं यह जानना चाहता हूँ की आप लोग क्या जिंदगी भर गवार ही बने रहना चाहते हो आखिर आप लोग सेक्स का नाम आते ही इतने डर क्यों जाते हो,हमारे जिंदगी का ही एक भाग तो है !अगर आपको लगता है की देश विकास कर रहा है तो यह देश के विकास मे शामिल नहीं होना चाहिए?मैं संजय जी आपकी हालत समझ सकता हूँ अभी आपकी उम्र मुझसे कम है शायद इसलिए आप इसे जायज नहीं ठहरा पा रहे हो लेकिन भविष्य मे आप मेरे साथ हो जाओगे यह तय है ! और मैंने ऐसा क्या कर दिया की लोग आपको और मुझे एक समझने लगे ,जो समझता है उनको समझने दो,और कह दीजिये की हा हम एक ही है ! उनका तो काम ही है ''विरोध'' मेरा आपका हम नहीं तो किसी और का !और मुझे नहीं लगता की मेरी इस तरह की पोस्ट से किसी अन्य लेखक को दिक्कत होगी अगर है तो वो बताये ,और आपको कोई परेशानी है तो यहाँ से भी मेरी सदयस्ता ख़त्म हो जाये मुझे कोई दुःख नहीं है मैं अपनी मर्जी के अनुसार ही ब्लॉग्गिंग करता हूँ जिसमे मुझे मजा आये !मुझे किसी की चिंता नहीं है !फैसला आपके हाथ ?
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आप लोग जिंदगी भर गवार ही रहना चाहते हो क्या?
मैं यह जानना चाहता हूँ की आप लोग क्या जिंदगी भर गवार ही बने रहना चाहते हो आखिर आप लोग सेक्स का नाम आते ही इतने डर क्यों जाते हो,हमारे जिंदगी का ही एक भाग तो है !अगर आपको लगता है की देश विकास कर रहा है तो यह देश के विकास मे शामिल नहीं होना चाहिए?मैं संजय जी आपकी हालत समझ सकता हूँ अभी आपकी उम्र मुझसे कम है शायद इसलिए आप इसे जायज नहीं ठहरा पा रहे हो लेकिन भविष्य मे आप मेरे साथ हो जाओगे यह तय है ! और मैंने ऐसा क्या कर दिया की लोग आपको और मुझे एक समझने लगे ,जो समझता है उनको समझने दो,और कह दीजिये की हा हम एक ही है ! उनका तो काम ही है ''विरोध'' मेरा आपका हम नहीं तो किसी और का !और मुझे नहीं लगता की मेरी इस तरह की पोस्ट से किसी अन्य लेखक को दिक्कत होगी अगर है तो वो बताये ,और आपको कोई परेशानी है तो यहाँ से भी मेरी सदयस्ता ख़त्म हो जाये मुझे कोई दुःख नहीं है मैं अपनी मर्जी के अनुसार ही ब्लॉग्गिंग करता हूँ जिसमे मुझे मजा आये !मुझे किसी की चिंता नहीं है !फैसला आपके हाथ ?
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सेक्स पर लिखो आतंकवाद पर लिखो पर लिखते ही रहो
ReplyDeleteजी नहीं हम गवार भी रहना नहीं चाहते और न ही इतना आधुनिक होना चाहते है !
ReplyDeleteमैं संजय जी की बात से सहमत हूँ और मुझे भी इस तरह की पोस्ट से परेशानी है
मैं संजय जी की बात से पूर्ण रूप से सहमत हूँ की व्योम की आप इस तरह की पोस्ट डालना बंद कीजिये !
ReplyDeleteदोस्त सेक्स से डरते नहीं है बल्कि बात ये है की हमारे घरों मे भी माँ बेटियाँ है जिनके सामने इस तरह की बात नहीं की जा सकती
ReplyDeleteसमझे
व्योम जी और संजय जी आप दोनों अपनी अपनी जगह ठीक है कोई बीच का रास्ता निकाल लीजिये
ReplyDeleteबीच का रास्ता ये है कि ब्लॉग अंतर्जाल पर होता है और चाहे आप यहाँ प्रकशित करने के लिए मना भी कर दें तब भी बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं, विदेशी सर्वे छापने का| आप नही रोक सकते, नहीं ही रोक सकते और वैसे भी ये तो ग़लत भी है किसी को अपनी बात कहने के लिए रोकना | भई! ये हिंदुस्तान है, यहाँ हम आज़ाद हैं हमें पुरा हक़ है अपनी बात कहने का | हम आज़ाद हैं, विदेशी सर्वे छापने के लिए | हम आज़ाद हैं, विदेशी संस्कृति को अपनाने के लिए (जिसका कोई ऐतिहासिक, धार्मिक या सामाजिक महत्त्व नहीं) | हम आज़ाद हैं अपने किशोरों और किशोरियों को खुले आम पब और मयखाने में शराब पिलाने और पीने और नंगे घुमने के लिए | हम आज़ाद हैं अपनी असलियत और परम्परा को ताक पर रख कर झूट का लबादा ओड़ कर खुश होने के लिए | हम आज़ाद हैं...... खैर!
ReplyDeleteलेकिन एक सवाल करूँगा गुस्सा होने की ज़रूरत नहीं मैं पहले से ही सॉरी कहे देता हूँ|
"क्या आप वो सब बातें यहाँ कंप्युटर पर, अंतरजाल पर, ब्लॉग पर बड़े ही आसानी से लिख देते हैं क्या आप उसी बिंदास तरीके से अपने घर में अपनी माँ, अपनी बहन, अपनी बेटी से या अपने पिताजी, अपने भाई और अपने बेटे से कह सकते है?
जवाब दीजिये ? जवाब दीजिये ना ???
चलिए हो सकता है आपका जवाब शायद हाँ हो....!!!!!
तो फ़िर आपको आपका रास्ता मुबारक़ और हमको हमारा रास्ता, हम तो ऐसा नहीं कर सकते| आपके सर्वे, आपकी दलील आपको मुबारक़ हम तो फिलहाल ऐसा नहीं कर सकते |
एक बात और अगर आपको इन 'विषयों' आदि के बारे में लिखने की इतनी ही ज़्यादा दिलचस्पी है तो आइये अपने उन किताबों का रुख करें जो कई सदी पहले से ही हमारे पास मौजूद है, आप सब समझदार हैं, मुझे यहाँ उन किताबों के नाम लिखने की ज़रूरत नहीं है|
अरे! ये ............ (टूँ की आवाज़) अमेरिकंस आज अपने सर्वे कर रहें हैं, हमारे यहाँ तो कई सदियों पहले ये सब मौजूद है, क्यूँ मौजूद है कि नहीं?
आप सबसे एक बात और कहनी है कि जिस तरह से आज का मीडिया, आज का संचार तंत्र उनके इशारों का गुलाम बन चुका है , उन्हें तो खैर हम इतनी जल्दी बदल नहीं सकते, कम-अज़-कम अपने आप को तो बदल ही सकते हैं| अरे ! बदलना नहीं है पहले जैसा ही होना है| हम पहले अपनी उन बातों ऊपर अमल करना शुरू कर दें जो वाकई हमारे लिए, समाज के लिए हानिकारक नहीं हो|
अगर आपको पढ़ना, लिखना है तो अपने वेदों को पढ़ें, अपनी कुरान का मुताला करें| फ़िर मैं ईधर बैठ कर कहता हूँ आपको सब चीज़ का ज्ञान हो जाएगा, किसी के सर्वे आदि कि ज़रूरत नहीं पड़ेगी|