Skip to main content

ब्लोगेरिया से बचने की दवा की खोज,सब ब्लॉगर मे जश्न का माहोल

सारा देश आज ब्लोगेरिया की चपेट मे है यह रिपोर्ट हम तक पहुंची है हे प्रभु तेरा पंथ के हवाले से !जब इस बिकट मनोरंजक और ज्ञानवर्धक विपदा के बारे मे विस्तारपूर्बक जांच की गयी तो हुम्हे जो ज्ञात हुआ वह काफी चौकाने वाला है, ब्लोगेरिया रोग देखादेखी वाला रोग है ! और इस रोग से पीड़ित ब्लॉगर को यदि पाठकों की टिप्पणियाँ न मिले तो इसका सीधा प्रभाव ब्लॉगर के हिर्दय पर पड़ता है !!
हे प्रभु तेरा पंथ जी हमारे सामने एक बहुत विकट समस्या रख दी है जिसका हल खोजना हमारा फ़र्ज़ है इसी दिशा मे एक दवाई आप लोगों तक पहुंचा रहा हूँ!!


हिन्दुस्तान चिट्टा सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष प्रकार की टीम का गठन किया था ,जिसके ये बागडोर दी गयी थी की बह इस रोग के लिए दवा इजाद करे !इसके लिए हिन्दुस्तान का दर्द ने एक दवा इजाद की है जो काफी हद तक ब्लोगेरिया से निपटने मे सक्षम है!
मानसिक हलचल जैसे मरीज तो बहुत है पर गंभीर अवस्था मे है जो उन्हें हम सब जानते है जरा देखिये !1. हे प्रभु तेरा पंथ
2. फुरसतिया
3. उडन तश्तरी ....
4. मोहल्ला
5. हिन्द-युग्म
6. सारथी
7. अज़दक
8. भड़ास blog
9. एक हिंदुस्तानी की डायरी
10. मसिजीवी
11. निर्मल-आनन्द
12. Raviratlami Ka Hindi Blog
13. दीपक भारतदीप की शब्द- पत्रिका
14. आलोक पुराणिक की अगड़म बगड़म
15. रचनाकार
16. शब्दों का सफर
17. चिट्ठा चर्चा
18. दीपक भारतदीप का चिंतन
19. कबाड़खाना
20. प्रत्यक्षा
21. शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग
22. चोखेर बाली
23. दीपक भारतदीप की शब्दलेख-पत्रिका
24. कस्‍बा qasba
25. उन्मुक्त
26. Rudra Sandesh
27. यूनुस ख़ान का हिंदी ब्‍लॉग : रेडियो वाणी ----yunus khan ka hindi blog RADIOVANI
28. मेरा पन्ना
29. जोगलिखी
30. महाजाल पर सुरेश चिपलूनकर (Suresh Chiplunkar)
31. टूटी हुई बिखरी हुई
32. दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
33. नौ दो ग्यारह
34. रामपुरिया का हरयाणवी ताऊनामा !
35. कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
36. नारी
37. तीसरा खंबा
38. घुघूतीबासूती
39. एक शाम मेरे नाम
40. समाजवादी जनपरिषद

आइये नजर डालते है :-

हिन्दुस्तान चिट्टा सरकार ने अब ब्लोगेरिया से निपटने के लिए ''शांत चिट्टा अवार्ड'' का आयोजन किया है !इस प्रतियोगिता के अंतर्गत केवल वे ही चिट्ठे भाग ले सकते है जो-

[a] जिनकी पोस्ट सबसे कम हो!
[b]जिन ब्लॉगों की कुल टिप्पणियाँ सबसे कम हो !
[c]जिन ब्लोगों को शाम ६ बजे के बाद खोला न गया हो !!
[d]ऐसे ब्लॉग जिनको पड़ने के बाद सामने वाले के बाल नोचने ,कुर्सी तोड़ने या अन्य प्रकार की मानसिक अस्त व्यस्त गतिविदियाँ करने का मन होता है!
[e]ऐसे ब्लॉग जो अब से हवा, पानी और धुप से बचे रहने का वादा करेंगे!

अगर आप इस प्रकार के निर्देशों का पालन करते हुए ब्लॉग्गिंग करने मे सक्षम है तो आप शांत चिटठा अवार्ड के लिए आवेदन कर सकते है !और हां आवेदन करने के लिए ईमेल न करे,क्योंकि हम जानते है की आप नेट पर बैठते ही ब्लॉग मे लोगिन कर सकते हो जिससे आपका चिट्टा इस प्रतियोगिता की शर्तों को निभा नहीं पायेगा ! इसलिए आप हमे ७० पेज का एक आवेदन अपनी ही अलग १२ लिपिओं मे कर सकते है!
हमारा पता है
''हैरान गली ''
परेशान मोहल्ला,चंदू चाट के पीछे,
जुगु नगर, चिटठा [भारत]
या फ़ोन करें १२३४५६७८९०

नोट-इस प्रतियोगिता के अंतर्गत चुने गए शांत चिटठा को ''कंगाल बैंक ''की तरफ से ५०००००० रुपए का नगद इनाम मिलेगा!
आप सभी से अनुरोध है की जब तक इस प्रतियोगिता के नतीजे नहीं आ जाते तब तक अपने ब्लॉग पर लोगिन न करे,अन्यथा आपका चिटठा इस प्रतियोगिता से बाहर हो जायेगा!
प्रतियोगिता परिणाम की तिथि ०५ फ़रवरी २०५०

आशा है आप सभी इस प्रतियोगिता मे भाग लेंगे और हम दावा करते है की अगर आप इस प्रतियोगिता मे भाग लेंगे तो हम आपको ब्लोगेरिया से निजात दिला देंगे!
आपको हमारा ये प्रयास और दवा कैसी लगी हमे जरुर बताएं,हम बहुत जल्द फिर हाजिर होने एक नई दवा के साथ!!
तब तक के लिए -
जय हिन्दुस्तान-जय यंगिस्तान
आगे यहाँ

Comments

  1. हा हा बहुत अच्छी दवा खोजी है आपने
    अगर सच में इसे अमल में लूंगा तो मुझे लगता है की ब्लोगेरिया दूर हो ही जाएगा !!
    मुझे लगता है आप और हे प्रभु तेरा पंथ मिलकर इस रोग को हमेशा के लिए मिटा ही देंगे!!

    ReplyDelete
  2. नतीजों के लिए कुछ जायदा इंतज़ार नही करना पड़ रहा है यहाँ तो एक एक पल मुश्किल से कटता है ,संजय जी अब तो ब्लोगेरिया से जान चली जाए पर इतना इंतज़ार नही होगा!!
    बहुत खूब दवा

    ReplyDelete
  3. बहुत उम्दा संजय जी,आख़िर इस विकत समस्या को दूर करने दवा बना ही ली !!
    चो ठीक है कोई तो डॉक्टर निकला ब्लागरों में !!
    मजा आ गया दोस्त!!

    ReplyDelete
  4. वाह जी वाह बेहतरीन कुछ ऐसा ही हमारा भी हाल है सबसे कम पोस्‍ट

    सबसे कम टिप्‍पणी

    शाम ढले ब्‍लाग बंद हो जाए

    और
    जो भी देखे बस पागल हो जाए पढकर

    ReplyDelete
  5. a से लेकर e तक सारे लागू हो रहे हैं...कृप्या शांत चिट्ठा पुरुस्कार के लिए नाम दर्ज कर लें.

    हमारी जीत लगभग तय मान कर चल रहा हूँ (बाकी लेन देन अलग से देख लेंगे :))

    ReplyDelete
  6. अरे भईया, जब से आर्थिक मंदी आई है तबसे हर महीने कंगाल बैंक के चेक भुनाते भुनाते सब कुछ बिकने को आ गया है. ऊपर से ब्लागेरिया ने बचा खुचा सब खतम कर दिया. अत: अपन तो प्रतियोगिता से दूर रहेंगे!!

    सस्नेह -- शास्त्री

    -- हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है.

    महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें. (सारथी: http://www.Sarathi.info)

    ReplyDelete
  7. बहुत बढ़िया संजय जी जैसा की हुम्हे अभी अभी पता चला है की मुझे ब्लोगेरिया है
    तो आप की दवा की मुझे बहुत जरुरत है !!
    आशा है काम कर जायेगी!!!

    ReplyDelete
  8. प्रिय सजयजी!
    क्षमा करे 'आपकि पोस्ट ब्लोगेरिया से बचने कि दवा की खोज" पर टिपणी देर से कर रहा हु कारण मे देश से बाहर था। आपने मेरा टेशन दुर कर दिया है जब से मेने ब्लोगेरिया नामक बिमारी का पत्ता लगाया है तब सैकडो ब्लोगकर्ताओ ने इसका इलाज के बारे मे पुछा ,आपने सभी कि समस्या हल कर दि भाई अब बधाई ले लो (लालाजी कि स्टाईल मे)। हद से ज्यादा लिखना सन्क्रामक बिमारी है यह ब्लोगटाइटिस भी।
    सजय जी, समिरलालाजी A-E तक के कारणो से परे है उन्हे शांत चिट्ठा पुरुस्कार के लिए नाम दर्ज ना करे ताऊ के मुताबिक इन्हे तो ईससे भी बडा ईनाम ब्लोगेरिया को खाद-पानी देने का लाईफ टाईम अचिवमेन्ट से नवाजा जाये।(बाकी लेन देन अलग से देख लेंगे :))
    शास्त्रीजी कि बात मे वजन है इसलिये मे सहमत हु।-"( हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है. महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें.)"
    मोहन वशिष्‍ठ जी शांत चिट्ठा पुरुस्कार पाने के हकदार है उन्हमे वे सभी गुण मिलते है जो एक शरीफ ब्लोग मे होते है।
    vyom.tufan se tej soniaji kapoor kashishji[LLB] मोहन वशिष्‍ठji ileshji Udan Tashtariji Shastriji FIGHT FOR RIGHT का आभार एवम शुक्रिया कि हमारे मित्र सजयजी को पसन्द किया, जल्दी ही आप लोग "लाईफ हो गई झिन्गालाला- ब्लोगियो के फिगर मे इजाफा-बिना डाक-टिकिट, लेटरबॉक्स के चिट्ठे लिखे जा रहे" हिन्दुस्थान के दर्द एवम हे प्रभु यह तेरापन्थ पर सामुहिक रुप से पढ सकेगे।
    जय हिन्द।
    महावीर बी सेमलानी "भारती"

    ReplyDelete
  9. मैं भी हु श्री मान मुझे भी एक दो डोज दे दें .......... इंतजार रहेगा. मुझे. आपके dawa का....

    ReplyDelete
  10. ब्लोगेरिया के जवन दवा बनाएले बाड़ा उ त् ठीक बा लेकिन ज़रा ई बताव कि कवन होई जवन ई बेमारी में मुब्तिला होखे के बेचैन नइखे आज कल !

    हमरा के त् ई लागत बाs के भारत में अब ई बेमारी हाली में त् ना ख़तम होई !

    वईसे एगो खोराक हमरा के भी दे दीं, रउवा के अल्लाह भला करे !

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा