मराठियों के रक्षक और देवता बनने वाले बाल ठाकरे आज फिर मराठी के नाम पर देश में ज़हर फैलाने के लिए कमर कस रहे है ,शायद इस लिए क्योंकि बहुत दिनों से वो चर्चा में नही ए या फिर मुंबई धमाकों के बाद एक बार फिर मुंबई को मशहूर करने की बचकाही कोशिश कर रहे है! मुद्दा चाहे जो भी,विषय चाहे जो भी राज ठाकरे और बाल ठाकरे मौके का फायदा उठाना नही भूलते इसी का एक नमूना है उसमे जो एक रिपोर्ट हम आप तक पहुँचा रहे है !! यांकी नही आ आए तो आप ख़ुद पढ़ लीजिये की किस तरह बाल ठाकरे मराठी के नाम पर ज़हर फैला रहे है !! और फिर बताइए हमे की हम सही कह रहे है या ग़लत !!!
महाराष्ठ्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट सोसायटी के फ्लैट्स पर अब बाल ठाकरे ने आंख तरेरी हैं. शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में बाल ठाकरे ने लिखा है कि महाडा के बने फ्लैट्स को मराठियों के लिए रिजर्व रखा जाना चाहिए.ठाकरे ने आगे लिखा है कि अगर मराठियों को फ्लैट्स नहीं मिले तो धीरे-धीरे वो मुंबई से बाहर हो जाएंगे. महाडा के 42 अलग-अलग जगहों पर बने करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट्स के लिए सोमवार से फॉर्म बेचे जा रहे हैं. ठाकरे ने आगे लिखा है कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट सोसायटी के लॉटरी सिस्टम में अभी तक मराठियों को नुकसान ही उठाना पड़ा है.
मराठियों को मकान मुहैया करना जायज है लेकिन अन्य समुदाय में भेदभाव फैलाना कही से भी उचित नजर नही आता !! इन मराठी देवता की कृपा न जाने क्यों सिर्फ़ मराठियों पर ही होती है,अगर इनकी नीति इंसानियत की होती तो सच ये अभी तक लोगों की नजरों में देवता बन गए होते इन्हे इसके लिए झूठ का सहारा न लेना पड़ता !!!
महाराष्ठ्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट सोसायटी के फ्लैट्स पर अब बाल ठाकरे ने आंख तरेरी हैं. शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में बाल ठाकरे ने लिखा है कि महाडा के बने फ्लैट्स को मराठियों के लिए रिजर्व रखा जाना चाहिए.ठाकरे ने आगे लिखा है कि अगर मराठियों को फ्लैट्स नहीं मिले तो धीरे-धीरे वो मुंबई से बाहर हो जाएंगे. महाडा के 42 अलग-अलग जगहों पर बने करीब साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट्स के लिए सोमवार से फॉर्म बेचे जा रहे हैं. ठाकरे ने आगे लिखा है कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट सोसायटी के लॉटरी सिस्टम में अभी तक मराठियों को नुकसान ही उठाना पड़ा है.
मराठियों को मकान मुहैया करना जायज है लेकिन अन्य समुदाय में भेदभाव फैलाना कही से भी उचित नजर नही आता !! इन मराठी देवता की कृपा न जाने क्यों सिर्फ़ मराठियों पर ही होती है,अगर इनकी नीति इंसानियत की होती तो सच ये अभी तक लोगों की नजरों में देवता बन गए होते इन्हे इसके लिए झूठ का सहारा न लेना पड़ता !!!
जी हाँ बाल ठाकरे की यह पुराणी आदत है उनके साथ कोई अच्छा करे तब भी उसे बुरा ही बताते है
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