महान ब्रिटिश नाटककार विलियम शेक्सपियर ने चार सदी पहले लिखे अपने नाटक मैकबेथ में अनिद्रा का वहम या संदेह के बीच गहरा संबंध बताया था. अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि अच्छी नींद की कमी का व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ सकता है.लंदन स्थित किंग्स कालेज के अध्ययन में यह पता चला है कि अनिद्रा और संदेह की आदत के बीच सीधा संबंध है. यह अध्ययन जर्नल सिजोफ्रेनिया रिसर्च के नए अंक में प्रकाशित हुआ है. प्रमुख अनुसंधानकर्ता डाक्टर डैनियल फ्रीमेन का कहना है कि हम पहले से जानते हैं कि खराब नींद के बाद हम पूरे दिन तनावग्रस्त रहते हैं. नींद की कमी हमारे विचारों को अस्त व्यस्त बना देती हैं. हमें दुनिया से बेखबर कर देती हैं. दिमाग में वहम या संदेह पैदा होने के लिए यह आदर्श स्थिति होती है. नियमित और अच्छी नींद मानसिक रूप से बेहतर रहने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 300 लोगों को शामिल किया और उनकी नींद के घंटों का विश्लेषण किया. फ्रीमेन ने बताया कि अनिद्रा के शिकार 70 फीसदी लोग वहम या संदेह के शिकार थे. यही नहीं अध्ययन में शामिल 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग गंभीर रूप से अनिद्रा से पीडि़त पाए गए. इन लोगों में गहरी असुरक्षा की भावना भी थी.
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर