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प्रतियोगिता कलम का सिपाही

हिन्दुस्तान का दर्द ब्लॉग आपके लिए लेकर आया है प्रतियोगिता ''कलम का सिपाही-२००९'' जिसके अंतर्गत आपको अपनी एक हिंदी कविता हमे भेजना है!इस प्रतियोगिता के अंतर्गत हम एक विजेता चुनेगे जो कहलायेगा ''कलम का सिपाही-२००९'' और हमारे उस एक विजेता को १००० रुपए एवं प्रमाण पत्र द्वारा सम्मानित किया जायेगा!

रचना भेजने के नियम एवं शर्तें :-
. आपकी रचना अप्रकाशित,अप्रसारित एवं मौलिक होनी चाहिए!

२ एक लेखक केवल एक ही कविता भेज सकता है अतः भेजने से पूर्व आप खुद तय करें कि आप अपनी कौन-सी कविता प्रतियोगिता हेतु देना चाहते हैं।

३।आपकी कविता यूनिकोड मे टंकित हो तो अच्छा यदि ऐसा संभव न हो तो आप अपनी रचना को कृति, कुंडली, या श्रीलिपि मे भी भेज सकते है

४। कविता भेजने की अंतिम तिथि ०५ फ़रवरी २००९ है इसके बाद आपकी रचना स्वीकार करना संभव नहीं होगा !

५। इस प्रतियोगिता मे उम्र,लिंग या जाति का कोई बंधन नहीं है !

६। प्रतियोगिता के नतीजे समूह की सहमति के बाद घोषित किए जायेंगे इसलिए इस प्रतियोगिता के संबंध में पत्र व्यहार न करे!

7. आप अपनी रचना हमे
mr.sanjaysagar@gmail.com पर भेजें !

८.पुरूस्कार की राशि पोस्ट द्वारा भेजी जायेगी,इसलिए अपनी फोटो, जीवन परिचय के साथ - साथ पता भी स्पष्ट रूप से लिखे !

महत्वपूर्ण - मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।

सहयोग - यह पुरूस्कार युवा शक्ति संगठन सागर द्वारा दिया जा रहा है...

Comments

  1. [red][b]''हिन्दुस्तान का दर्द'' ब्लॉग ने हिंदी को बढावा देने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की है जिसका नाम है ''कलम का सिपाही''!
    अगर आप लिखते है कविताएँ ,तो हमे भेज दीजिये एक कोई मौलिक कविता ! और बन जाइए हिंदी की जान क्योंकि हिंदी को हमारी जरुरत है और हमे हिंदी की!
    अधिक जानकारी के लिए देखे http://yaadonkaaaina.blogspot.com/2009/01/2009_17.html

    ReplyDelete
  2. अंतरजाल पर हिन्दी को बढ़ावा देने की व्यापक जरूरत है , मुझे खुशी है कि सागर से आपके समूह ने इस महानयज्ञ में अपनी आहुति डालने का बीड़ा उठाया है , मेरी मंगलकामनायें ..

    ReplyDelete
  3. बहुत ही शुभ कार्य कर रहे हैं आप लोग। बधाई स्वीकारें।

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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