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बनिए ''कलम का सिपाही'' और जीतिए 1000 रुपए

सोच और ख्यालों की दुनिया - कवि का घर होता है , समय निकाल कर वह अक्सर उसकी छाया मे बैठ जाता है॥मेरा ही "मैं" शब्दों और अर्थों के बिना भी उसके अंतर्गत है तो मेरे ख्यालों से आपके ख़याल अछूते कैसे होंगे? "सुन्दरता" एक ऐसा चित्र है , जिसे तुम आँख बंद करने के बाद भी देख लेते हो और कान बंद करने के बाद भी सुन लेते हो...ठीक उसी तरह कल्पनाओं की धरती अपनी हो जाती है, जब हमारे हाथ मे कलम हो तो...ईसा मसीह ना हो कर भी एक कवि कील का दर्द गहराई से महसूस करता है, तो क्यूँ ना ऐसे दर्द , ऐसी कल्पनाओं को , हम बांटे इस आँगन मे बैठ कर....कुछ तुम कहो, कुछ हम - वक़्त गुज़र जायेगा...
आपकी यह एक रचना देगी हिन्दी में एक नई जान,और हम आपको देंगे दिल से ढेर सारा सम्मान! इस प्रतियोगिता का विजेता जीतेगा !!१००० रुपए का नगद इनाम और साथ ही साथ प्रमाण पत्र !!आपकी कविता ५ फरबरी तक हम तक पहुँच जानी चाहिए !! अधिक जानकारी के लिए देखे !!
हारी बाजी को जीतना है अगर तो यहाँ आओ...मन के दरवाज़े खुले हैं, जादुई कलम , जादुई शब्द बिखरे पड़े हैं , उन्मुक्त हो कर उठाओ , कल्पनाओं की उड़ान लो और शब्दों से कोना-कोना आच्छादित कर डालो..."मन का रथ" इश्वर की अद्भुत और अनुपम कृति है। सुख-दुःख , प्यार , करुना , राग-विराग, ईर्ष्या-द्वेष , आसक्ति-विरक्ति...एक साथ लेकर चलने वाला यह यन्त्र अपनी सीमाओं मे रहते हुए,असीम को सपनाता है , उससे साक्षात्कार करता है , अनुभव और अभिव्यक्ति को मार्ग देता है...

तो खामोश मत रहिये, कहिये जो कहना है...आपकी भावनाओं को समझने एवं हिन्दी को बढावा देने के उद्देश्य से ''हिन्दुस्तान का दर्द'' ब्लॉग आपके लिए लेकर आया है प्रतियोगिता ''कलम का सिपाही'' जिसमे आपको भेजनी है अपनी एक कोई मौलिक रचना!क्योंकि आपकी यह एक रचना देगी हिन्दी में एक नई जान,और हम आपको देंगे दिल से ढेर सारा सम्मान! इस प्रतियोगिता का विजेता जीतेगा !!१००० रुपए का नगद इनाम और साथ ही साथ प्रमाण पत्र !!आपकी कविता ५ फरबरी तक हम तक पहुँच जानी चाहिए !! अधिक जानकारी के लिए देखे !!

http://yaadonkaaaina.blogspot.com/2009/01/2009_17.html

Comments

  1. संजय जी,आपका यह प्रयास बहुत ही अच्छा है...
    आज हिंदी को बढावा देने के लिए हम सबको कदम तो उठाने ही पड़ेंगे
    बहुत खूब कदम इस दिशा मे!

    ReplyDelete
  2. बहुत ही अच्छा प्रयास है आपका
    इसे तरह लगे रहिये मंजिल जरुर मिलेगी!!

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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