भारत ने आज दो टूक कहा कि पाकिस्तान को मुंबई हमले से जुड़े ढेर सारे सबूत दिए जा चुके हैं और अब उसे हर हाल में कार्रवाई करनी होगी। मुंबई हमले में पाकिस्तान द्वारा बार-बार सबूत मांगने के मसले पर विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी बंगाल चैम्बर्स ऑफ कामर्स की आ॓र से आयोजित एक व्याख्यान में आज खूब बरसे। उन्होंने कहा,‘एक बार, दो बार या तीन बार नहीं, बल्कि कम से कम 10 बार हमने सबूत दिए हैं। पाकिस्तान को सहयोग करना ही चाहिए। सीधे तौर पर इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। आप फिर अपने ही इनकार में फंस जाएंगे।’ प्रणव ने कहा कि इनकार और परस्पर विरोधी बयानों के बजाय पाकिस्तान को कार्रवाई करनी होगी। उसे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और फिर मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा पहले जतायी गयी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसके देश में पनाह लिये बैठे वांछितों को गिरफ्तार करना होगा। प्रणव ने पाक के हुक्मरानों से कहा,‘जो भारतीय नागरिक हैं, उन्हें हमें सौंपें और जो जांच के लिए जरूरी हैं उन्हें भी हमें सौंप दें जो आपके नागरिक भी हो सकते हैं।’ उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में आ रहे परस्पर विरोधी बयानों पर भी कड़ा ऐतराज जताया। इसमें उन्होंने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी राजदूत का नाम नहीं लिया जिन्होंने कहा था कि अजहर नजरबंद नहीं है। प्रणव ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री चौधरी मुख्तार अहमद का कहना था कि मसूद अजहर नजरबंद है। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बाद विरोधाभासी बयान आ रहे हैं। कभी यह कहा गया कि अजहर देखा नहीं गया है। कभी यह कहा जाता है कि वह पाकिस्तान में नहीं है। पाकिस्तान परस्पर विरोधी बयान देता रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद की आ॓र से पहली प्रतिक्रिया थी कि हमले में गैर सरकारी तत्वों (नान स्टेट एक्टर्स) का हाथ है। ऐसे तत्व स्वर्ग से नहीं आते, न ही वे किसी अन्य ग्रह से काम करते हैं। उन्होंने कहा, ‘वे जहां से भी काम कर रहे हैं, यह वहां की सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उनसे निबटे।’ प्रणव ने कहा, ‘मैंने कभी पाकिस्तान सरकार शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने जानबूझकर पाकिस्तान के कुछ तत्व कहा। सबूत स्पष्ट रूप से बताते हैं कि उनकी सहभागिता है। हमारे पास सबूत हैं। इन सबूतों में सेटेलाइट के जरिए हुई बातचीत का प्रमाण शामिल है। आतंकी हमले में गिरफ्तार आतंकवादी आमिर अजमल कसाब ने उस पार बैठे नियंत्रक से बातचीत का ब्यौरा दिया है।’ विदेश राज्यमंत्री आनंद शर्मा ने भी पणजी में कहा कि हमले में शामिल लोगों के खिलाफ भारत के पास पक्के सबूत हैं और पाकिस्तान उसे खारिज नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान और इस पूरे क्षेत्र के हित में है कि वह सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का सम्मान करे तथा लश्कर-ए-तय्यबा तथा जमात-उद-दावा तथा ऐसे अन्य संगठनों को नष्ट करे।
केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..
हां पकिस्तान इस मुद्दे को यूँ ही लटकाकर निपटाना चाहता है और मेरे ख्याल से बह कामयाब भी हो सकता है क्योंकि बह इस खेल का पुराना खिलाडी है !!
ReplyDeleteऔर भारत हर बार की तरह इस बार भी फिसड्डी साबित हो रहा है
कशिश जी इसी बात का तो dar है की कही बह झुट आदेश अगर एक बार फिर कामयाब हो गया तो हिन्दुस्तान को कभी किसी भी चीज़ मे कामयाब होने लायक नहीं छोडेगा, अब हमें जरुरत है की देश की जनता एक हो गए और कुछ एतिहासिक कदम उठाये !!!
ReplyDelete