बाहरी सभ्यता को सब कुछ मानने वाले हिन्दुस्तानियों को खुश खबरी है की अब आपको बिदेशी बनने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्यों की एक सर्वे ने आपके हक़ की बात की है तो क्या है वो हक़ की बात जो आपको ख़ुशी दे सकती है ,आपकी जिंदगी बदल सकती है ,और आपकी सेक्स लाइफ को भी खुश हाल बना सकती है....तो खुद के देसी होने पर गर्व करिए और पढिये ये रिपोर्ट और दीजिये अपने अमूल्य विचार!!
महिलाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए पुरुषों को यह दावा करने की जरूरत नहीं कि वे बहुत समानतावादी हैं और लिंग के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं मानते। सर्वे कहता है कि ज्यादातर पुरुष हकीकत में ट्रेडिशनल बीवी चाहते हैं और औरतों को भी ऐसे पुरुषों को उपकृत करने में मजा आता है। यानी आज भी औरतें मेट्रोसेक्सुअल के बजाय देसी तेवर वाले रेट्रोसेक्सुअल युवकों को ही ज्यादा तरजीह देती हैं।
यॉर्कशर बिल्डिंग सोसाइटी में हुई रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर औरतें आज भी जीवनसाथी चुनते समय पुराने ख्यालों वाले, सुरक्षा का एहसास दिलाने वाले पुरुषों का चुनाव करती हैं। सर्वे के मुताबिक औरतों को ऐसे पुरुष ज्यादा पसंद हैं जो घर और बाहर परंपरागत भूमिका में रहते हैं और आक्रामक रुख अपनाते हैं। इसके बजाय घर में रहने, समझदार रवैया दिखाने वाले मेट्रोसेक्सुअल तेवर औरत को शादी के बंधन में बांधने के लिए नाकाफी होते हैं।
इसके अलावा औरतों में नौकरी का आग्रह भी काफी कम होता जा रहा है। उन्हें लगता है कि करियर बनाने के फेर में भाग-दौड़ करने से अच्छा है कि बच्चों और परिवार की देखभाल की जाए। जब पुरुषों से पूछा गया कि जीवनसाथी में सबसे महत्वपूर्ण गुण कौन सा चाहते हैं, तो ज्यादा का जवाब था कि उसे घर की देखभाल आनी चाहिए। इसमें खाना बनाना, साफ सफाई और बच्चों को अच्छे से पालने के गुण शामिल हैं।
ऐसा नहीं है कि आदमी ही इस सोच के शिकार हैं। कई औरतों को पति का सबसे बड़ा गुण मोटी कमाई ही लगता है ताकि घर चलाने और शौक पूरा करने में किसी तरह का खलल पैदा न हो। ज्यादातर महिलाओं को शुरू में अपनी भावनाएं समझने वाला और आजाद ख्यालों का मेट्रोसेक्सुअल पति चाहिए था, लेकिन फिर उन्हें लगा कि जो आदमी मुझ से ज्यादा वक्त बाथरूम और आइने के सामने गुजारता है, उससे उकताहट हो रही है। उन्हें लगा कि पारंपरिक आक्रामक और केयरिंग स्वभाव वाले पुरुष ही बेहतर जीवनसाथी हो सकते हैं।
(नवभारत टाइम्स)
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--- संजय सेन सागर