हम दिनों दिन आदर्श रास्ते की तलाश मे गुजार देते है की
शायद अब मिलेगा ,यहाँ मिलेगा हो सकता है वंहा मिलेगा!पर हम ये भूल जाते है की रास्ते चलने के लिए बनाये जाते है
इंतज़ार के लिए नहीं !!
इसलिए जो करना है सो करने लगो ,किसी भी चीज़ या हमसफ़र का इंतज़ार मत करो! अगर चुनना है तो मंजिल चुनो! पर रास्तों को कभी मत चुनो क्यों की सभी रास्ते मंजिल तक ही जाते है कोई बीच मे ख़त्म नहीं होता,फिर बेकार इंतज़ार करने से क्या फायदा! बस इंतज़ार करना है तो उस जूनून का करो जो तुम्हे मंजिल तक पहुँचाने वाला है ,जैसे हो वो जूनून और जोश आ जाए तो रास्तों की फ़िक्र छोड़कर मंजिल की तरफ़ कदम बड़ा दो !
सच संघर्ष का कोई समय नही होता,एक रास्ता नही होता इसमे तभी ठीक होता है की इसे जल्दी से जल्दी सुरु कर दिया जाए !
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