अचानक इराक़ पहुँचे अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को उस समय विचित्र स्थिति का सामना करना पड़ा जब एक इराक़ी पत्रकार ने उन पर दो जूते फेंके
ये राष्ट्रपति पद से हटने से पहले उनका आख़िरी इराक़ दौरा था. यहाँ से वो अफ़ग़ानिस्तान पहुँचे हैं.
इराक़ी प्रधानमंत्री के साथ उन्होंने नए रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें कहा गया है कि अमरीकी सेना वर्ष 2011 तक इराक़ से हट जाएगी.
इराक़ी प्रधानमंत्री के साथ उन्होंने नए रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें कहा गया है कि अमरीकी सेना वर्ष 2011 तक इराक़ से हट जाएगी.
जूता फेंकने की घटना उस समय हुई जब जॉर्ज बुश इराक़ी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी के साथ प्रेस कॉफ़्रेंस कर रहे थे.
तभी इराक़ी टेलीविज़न पत्रकार मुंतदार अल ज़ैदी ने गालियाँ देते हुए बुश की ओर एक जूता फेंका। इसके तुरंत बाद ज़ैदी ने दूसरा जूता भी उनकी ओर फेंका लेकिन बुश ने चपलता दिखाई और वो बच गए.
तभी इराक़ी टेलीविज़न पत्रकार मुंतदार अल ज़ैदी ने गालियाँ देते हुए बुश की ओर एक जूता फेंका। इसके तुरंत बाद ज़ैदी ने दूसरा जूता भी उनकी ओर फेंका लेकिन बुश ने चपलता दिखाई और वो बच गए.
बुश की प्रतिक्रिया
पहला जूता फेंकते समय ज़ैदी ने बुश से कहा, "ये इराक़ी लोगों की ओर से आपको आख़िरी सलाम है।"
दूसरा जूता फेंकते समय इराक़ी पत्रकार ने चिल्लाते हुए कहा, "ये इराक़ की विधवाओं, अनाथों और मारे गए सभी लोगों के लिए है।"
सुरक्षाकर्मियों ने मुंतदार अल ज़ैदी को अपने नियंत्रण में ले लिया। वो मिस्र स्थित चैनल अल बग़दादिया टीवी के लिए काम करते हैं.
अरब देशों में किसी को भी जूता दिखाना बेहद अपमानजनक माना जाता है.
हालाँकि जॉर्ज बुश ने कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उनका कहना था, "मैंने अपने कार्यकाल में कई बार इस तरह की अजीब घटनाएँ देखी हैं. ये महज ध्यान आकर्षित करने का तरीक़ा था. इससे इराक़ी पत्रकार भी दुखी हैं."
हालाँकि जॉर्ज बुश ने कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उनका कहना था, "मैंने अपने कार्यकाल में कई बार इस तरह की अजीब घटनाएँ देखी हैं. ये महज ध्यान आकर्षित करने का तरीक़ा था. इससे इराक़ी पत्रकार भी दुखी हैं."
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--- संजय सेन सागर