गाव की साकरगलियां म
नेता जी रोजई जात अहा॥
माई दादा काकी चाचा से।
हाथ जोड़ बियात अहा॥
गाँव की खस्ता हाल देख के।
मन म बहुत लजात अहा॥
केऊकेऊ बोले अब आवा बाटे।
५ साल के बाद॥
काना फुंशी केऊ कराय।
कहे मारा घून्षा लात॥
जनता के बतिया सुन के
नेता जी सकुचात अहा॥
पानी सड़क न बिजली बाटे।
न सुविधा के नाम आहे॥
नदिया कैसे पार करी ।
बुधू दादा कहत अहा॥
नेता के आश्वाशन सुन के लोगे॥
नेता के बात ओनात अहा॥
जूता चप्पल खात अहा॥
महफ़िल म फ़िर से जात अहा॥
नेता जी रोजई जात अहा॥
माई दादा काकी चाचा से।
हाथ जोड़ बियात अहा॥
गाँव की खस्ता हाल देख के।
मन म बहुत लजात अहा॥
केऊकेऊ बोले अब आवा बाटे।
५ साल के बाद॥
काना फुंशी केऊ कराय।
कहे मारा घून्षा लात॥
जनता के बतिया सुन के
नेता जी सकुचात अहा॥
पानी सड़क न बिजली बाटे।
न सुविधा के नाम आहे॥
नदिया कैसे पार करी ।
बुधू दादा कहत अहा॥
नेता के आश्वाशन सुन के लोगे॥
नेता के बात ओनात अहा॥
जूता चप्पल खात अहा॥
महफ़िल म फ़िर से जात अहा॥
भारतीय संबिधान में छेद हो चुके है और उन छेदों को जब भरा जाएँ तो ऐसी प्रथा ऐसा कानून बनाया जाना चहिये की आरोपी और असिक्षित चुनाव न लढ सके !
ReplyDeleteसेन साहब आप की बात से हम सहमत है, सविधान में संशोधन होना नितांत आवश्यक है,,
ReplyDeleteटिप्पणी के मोहताज ब्लागर
ReplyDeleteभारतीय सविधान में छेद की बात करते हो यार तो यह भी बता दीजिये की सविधान में कितने अन्नुचेद है नहीं तो मै बता देता हू
ReplyDeleteThere are a total of 444 articles in Indian Constitution. It was 395 article in our constitution when it was formed. Our constitution contain 8 schedule at that time now total schedule are increased up to 12
ReplyDeleteनहीं है की टिप्पणी के मोहताज़ है. ब्लोगेर लेकिन ये भी सही है,अगर लोगो के अन्दर जो भी प्रतिभा है, उसे प्रोसाहित किया जाए तो उस प्रतिभार्थी के अन्दर निखार जरूर आता है, वैसे मई आप के बिचार से सहमत नहीं हूँ, फिर आप का सम्मान करना हमारा कर्तव्या है,, धन्यवाद.. शंभू नाथ
ReplyDeleteसुन्दर नज्म
ReplyDeletethank you santosh ji,,
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